शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने
लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी
9 फरवरी की शाम अफज़ल गुरू
की याद में हुए प्रोग्राम के बाद प्रतिष्ठित जवाहरलाल
नेहरू विश्वविद्यालय सुर्खियों में है। देश में राष्ट्रीय
समाचार चैनलों का एक गुट जेएनयू और वहां पर सक्रिय
वामपंथी संगठनों पर हमलावर है। समाचार चैनलों के
कुछ एंकर इस विश्वविद्यालय को खुलेतौर पर देशद्रोहियों का गढ़
कह रहे हैं। जेएनयूएसयू के मौजूदा प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार
की गिरफ्तारी के बाद ऐसे चैनलों को अपने
अजेंडा में कामयाबी भी मिल
रही है।
ये भी पढ़ें- पाक जिंदाबाद कहने वालों की
जबान क्यों न काट दी जाए?
हालांकि इसी दौरान सोशल मीडिया पर वायरल
एक वीडियो में ऐसे न्यूज़ चैनलों को एक्सपोज़ करने के
अलावा एबीवीपी पर
भी सनसनीखेज़ आरोप लगाए गए हैं।
वायरल वीडियों में दावा किया गया है कि 9
फरवरी की रात जेएनयू कैंपस में
वामपंथी छात्रों को फंसाने के मकसद से
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने
पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे।
'द कंस्प्रेसी' नाम से जारी इस
वीडियो के मुताबिक 'जेएनयू के बारे में
मीडिया जो दिखा रहा है, वह पूरी तरह
से बायस्ड, अधूरा और सनसनीखेज है।
वीडियो में जब पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे सुनाई दे रहे
हैं, उस वक्त स्क्रीन पर
एबीवीपी के कार्यकर्ता दिख
रहे हैं। इसके बाद जब पीछे से पाकिस्तान ज़िंदाबाद के
नारों की आवाज़ आ रही है तो
वीडियो में दिख रहे
एबीवीपी कार्यकर्ता जवाब में
ज़िंदाबाद जिंदाबाद बोल रहे हैं।
ये भी पढ़ें- केजरी की
ललकार, मोदीजी भारी
पड़ेगी कन्हैया की गिरफ्तारी
वीडियो में मीडिया पर सवाल खड़ा करते
हुए कहा गया है कि वह पूरा सच नहीं दिखा रहा
है। दावा यह भी किया गया है कि यह
एबीवीपी की
साज़िश है ताकि गैर एबीवीपी
छात्रों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जा सकें।

सौजन्य : लाईव ईंन्डीया Click Here.

ये बंधुआ मजदूर या गुजरात का शिक्षक??

ये हैं मोदी जी का बनाया और आनंदीबेन का पाला गुजरात का एज्युकेशन डिपार्टमेंट !

गुजरात की सेल्फ फाइनेंस स्कुलो के शिक्षक की कहानी !

कौड़ियो का वेतन, गधो का काम !
कोई सुरक्षा नहीं। कभी भी जॉब से निकाल जाए सकते हैं। सरकारी शिक्षक जहा 30 हज़ार जितना वेतन लेता हैं, इन्हें कुछ हज़ार में पेट पालना पड़ता हैं।
जब जॉब लेते हैं तो संचालक न तो कोई आर्डर देते हैं न तो कोई प्रोफाइल बनाते हैं।
कोई सर्विस बुक नहीं बनती मतलब कोई अनुभव नहीं लिखा जाता ! ताकि कोई दूसरी स्कुल में वो जा सके !
इस चंगुल में गुजरात के ज्यादातर सवर्ण युवा फंसे हैं। क्योकि अनामत की वजह से उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलती और वे ये खून चूसने वाली सेल्फ फाइनान्स स्कुलो की बलि चढ़ जाते हैं!
वो कुछ बोल भी नहीं सकते ! अगर कुछ बोले तो स्कुल वाले तुरंत निकाल देंगे !
नियम कानून जैसा कुछ हैं  ही नहीं !
अब समज में आया क्यों हो रहा हैं गुजरात में आरक्षण का हो हल्ला ??

ये राष्ट्रीय न्यूज क्या होता है?

1. रोहित वेमुला और उसके साथी, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दो हफ्ते तक फुटपाथ पर सोते हैं.... चैनलों और अखबारों की राष्ट्रीय खबर नहीं है.

2. सांस्थानिक उत्पीड़न का शिकार रोहित मारा जाता है... दो दिनों तक राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

3. इसके खिलाफ नागपुर में तीन किलोमीटर से भी लंबा जुलूस दीक्षा भूमि से निकलता है... राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

4.रोहित मामले पर मुबंई में 20,000 से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर आते हैं... राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

5. बहुजन विद्यार्थी संघ बैंगलोर में इतना बड़ा जुलूस निकालता है कि शहर जाम हो जाता है... राष्ट्रीय चैनलों पर खबर नहीं है.

वही,

5. दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में 60-70 लोगों की भीड़ में से कुछ लोग  अफजल गुरु को लेकर नारे बाजी करते हैं... राष्ट्रीय न्यूज है. चैनलों पर डिबेट है. लाइव शो है. अखबारों में हेडलाइन है.

एक लाल धागा है जो RSS के एजेंडे को मीडिया के एजेंडे से जोड़ता है.  उसकी सारी कोशिश मामले को हिंदू बनाम मुसलमान बनाने की होती है ताकि ब्राह्मणवाद बचा रहे.

ब्राह्मणवादी मीडिया में यही चल रहा है.

जनता नमो का नामोनिशान मिटा देगी

अगर देश ऐसे ही चलता रहा तो
वो दिन दूर नही कि देश की जनता नमो का नामोनिशान मिटा देगी।

- शेयर मार्केट जमीन पर धूल चाट रहा।
- महंगाई आसमान छुुने को बेताब है।
- दवाइया गरीबो की पहुच से दूर हो गई।
- बेरोजगारी 2 के पहाड़े की तरह दिन दुगनी रात चौगनी हो रही।
- भरष्टाचार हेमा मालनी की गोद में बैठ गया।
- अच्छे दिन अमित शाह के सर के बालो की तरह गायब हो गए।
- गो हत्या और दंगे शहर से गाँव गाँव पहुँच गए।
- धारा 370 मेहबूब के पर्स में हिचकोले ले रहा।
- स्म्रति ईरानी को छोड़ बाकी देश की महिलाए असुरक्षित है।
- कालाधन के 15 लाख रूपये रामदेव को छोड़ , अब तक किसी के खाते में नही आये।

अब 2 साल पुरे होने को हे, अब जनता का सब्र जवाब दे रहा है। आखिर कब तक मोदी सरकार अपनी नाकमियाबियो और झूठे वादों का ठीकरा कांग्रेस और गांधी परिवार के माथे फोड़ेगी?

बहानेबाजी और हवाबाजी बन्द करो, अब काम करके दिखा दो। आखिर कब तक अंधभक्त मोदी सरकार की लीपापोती कर गुणगान करते रहेंगे।

अब सही सिद्ध हो गयी बुजुर्गो की कहावत-
जो गरजते हो वो कभी बरसते नही।...

JNU की घटना RSS के माइंड की उपज है।

हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला के मामले में ABVP की जो फजीहत हुयी है, एवं RSS के राष्ट्रवाद ( जो राजतंत्र को मजबूत व लोकतन्त्र को नष्ट करने के उद्देश्य से लाया गया है) को धक्का लगा है। इन दोनो को मजबूत करने व दलित  पिछड़े एकता को नष्ट करने के उद्देश्य से JNU कार्यक्रम लाया गया लगता है। बहुत कुटिल नीति के तहत इस कार्यक्रम को आयोजित कराया गया।जरा सोचो जब JNU ने इस कार्यक्रम की अनुमति नही थी तो हो कैसे गया। इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजन की तैयारी की गयी होगी। तैयारी के समय इसका विरोध या पुलिस कार्यवाही क्यो नही हुयी। मुद्दा जो तैयार करना था । इस कार्यक्रम से राष्ट्रवादियो ने कई निशाने साधे।
१- हैदराबाद के रोहित मामले में भाजपा, व ABVP की हुयी फजीहत को दबाना ।
२- रोहित मामले से उपजी दलित पिछड़े मुस्लिम एकता को नष्ट करना।
३-  RSS व उसके आनुसॉगिक संगठनों को राष्ट्र हितैषी सिद्ध करना, ताकि RSS का लोकतन्त्र को नष्टकर राजतंत्र को मजबूत करने का दूरगामी आन्दोलन की पोल न खुले।
४- देश में ब्राम्हणों के प्रति उभर रही नफरत को दबाना।
५- भाजपा को पिछले चुनावो में मिली करारी हार के बदले देश को हिन्दू मुस्लिम लड़ाई में बदलने की तैयारी।
    भाइयो लोकतन्त्र के लिये इतना खतरनाक JNU का कार्यक्रम नही जितना खतरनाक RSS व उसके आनुसॉगिक संगठनों का राष्ट्रवाद का कार्यक्रम व दलितो पिछड़े व मुस्लिमों की अभिव्यक्ति को दबाना है। राष्ट्रवाद लोकतन्त्र के लिये सबसे बड़ा खतरा है। हमारे लोग इसे समझे।इसका जवाब इसप्रकार निकाले कि बिना विरोध के राष्ट्रवाद की विचारधारा को नष्ट किया जा सके, अन्यथा लोकतन्त्र का नष्ट होना तय है। अगर किसी भाई को राष्ट्रवाद देश व जनहित में लग रहा हो तो एक बार राष्ट्रवाद के उत्पत्ति का इतिहास पढ ले और यह जानने का प्रयास करे कि राष्ट्रवाद व देशभक्ति की संकल्पना क्यो गढी गयी।

ये GDP क्या बला है ??

100%सच *
जब आप टूथपेस्ट खरीदते हैं तो GDP बढ़ती है परंतु
किसी गरीब से दातुन खरीदते हैं तो GDP नहीं
बढ़ती।
100% सच- *
जब आप किसी बड़े होस्पीटल मे जाकर 500 रुपयें की दवाई खरीदते हैं तो GDP बढ़ती है
परंतु
आप अपने घर मे उत्पन्न गिलोय नीम या गोमूत्र से अपना इलाज करते हैं तो जीडीपी नहीं बढ़ती।
100% सच *
जब आप घर मे गाय, भैंस  पालकर दूध पीते हैं तो GDP नहीं बढ़ती
परंतु
पैकिंग का मिलावट वाला दूध पीते हैं तो GDP बढ़ती है।
100% सच *
जब आप अपने घर मे सब्जिया उगा कर खाते हैं तो GDP नहीं बढ़ती
परंतु
जब किसी बड़े AC मोल मे जाकर 10 दिन की बासी सब्जी खरीदते हैं तो GDP बढ़ती है।
रोजाना अखबार लिखा होता है की भारत
की जीडीपी 8 .7 % है
कभी कहा जाता है के 9 % है ;
प्रधानमंत्री कहते है की हम 12 %जीडीपी
हासिल कर सकते है पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम
कहते थे की हम 14 % भी कर सकते है , रोजाना आप जीडीपी के बारे में पड़ते है और आपको लगता है की जीडीपी जितनी बढेगी उतनी देश की तरक्की होगी ।
कभी किसीने जानने की कौशिश की के ये
जीडीपी है क्या ?
आम आदमी की भाषा में जीडीपी का क्या मतलब है ये हमें आज तक किसी ने नही समझाया ।
GDP actually the amount of money that exchanges hand .
माने जो पैसा आप आदान प्रदान करते है लिखित में वो अगर हम जोड़ ले तो जीडीपी बनती है ।
अगर एक पेड़ खड़ा है तो जीडीपी नही बढती ,
लेकिन अगर आप उस पेड़ को काट देते है तो
जीडीपी बढती है क्युँकि पेड़ को काटने के
बाद पैसा आदान प्रदान होता है , पर पेड़ अगर
खड़ा है तो तो कोई इकनोमिक activity नही
होती जीडीपी भी नही बढती ।
अगर भारत की सारे पेड़ काट दिया जाये तो
भारत की जीडीपी 27 % हो जाएगी जो आज
करीब 7 % है ।
आप बताइए आपको 27 %
जीडीपी चाहिए या नही !
अगर नदी साफ़ बह रही है
तो जीडीपी नही बढती पर अगर आप नदी को
गंदा करते है तो जीडीपी तिन बार बढती है ।
पहले नदी पास उद्योग लगाने से जीडीपी बढ
गयी, फिर नदी को साफ़ करने के लिए हज़ार
करोड़ का प्रोजेक्ट जीडीपी फिर बढ गयी ,
फिर लोगो ने नदी के दूषित पानी का इस्तेमाल
किया बीमार पड़े, डॉक्टर के पास गए डॉक्टर ने
फीस ली , फिर जीडीपी बढ गयी ।
अगर आप कोई कार खरीदते है , आपने पैसा दिया किसीने पैसा लिया तो जीडीपी बढ गयी,
आपने कार को चलाने के लिए पेट्रोल ख़रीदा
जीडीपी फिर बढ गयी, कार के दूषित धुआँ से
आप बीमार हुए , आप डॉक्टर के पास गए , आपने फीस दी उसने फीस ली और फिर जीडीपी बढ गयी ।
जितनी कारे आयेगी देश में
उतनी जीडीपी तिन बार बढ जाएगी और इस
देश में रोजाना 4000 जादा कारे खरीदी जाती
है , 25000 से जादा मोटर साइकल खरीदी जाती है
और सरकार भी इसकी तरफ जोर देती है क्युँकि यही एक तरीका है के देश की जीडीपी बढ़े |
हर बड़े अख़बार में कोका कोला और पेप्सी
कोला का advertisement आता है और ये भी सब जानते है के ये कितने खतरनाक और जेहरिला है
सेहत के लिए पर फिर भी सब सरकारे चुप है और आँखे बंध करके रखी है क्युँकि जब
भी आप कोका कोला पीते है देश की जीडीपी
दो बार बढती है ।
पहले आपने कोका कोला ख़रीदा पैसे दिया जीडीपी बढ गया ,
फिर पिने के बाद बीमार पड़े डॉक्टर के पास गए, डॉक्टर को फीस दिया जीडीपी बढ गयी ।
आज अमेरिका में चार लाख लोग हर साल मरते है
क्युँकि वो खाना खाते है , जो जंक
फ़ूड है कार्बोनेटेड ड्रिंक्स है वो खाने से
मोटापा और बीमारी होती है , आज 62 % अमेरिका के लोग क्लीनिकली मोटापा के शीकार है और हमारे
देश में 62 %लोग तो कुपोषन के शीकार है । ये भी जीडीपी बदने का एक तरीका है , जितना जादा प्रदुषण खाने
में होगा उतना जादा जीडीपी बढता है ।
पहले फ़ूड इंडस्ट्री की बृद्धि हुई जीडीपी बड़ी ,उसके साथ फार्मासिउटीकाल्स की बृद्धि हुई फिर जीडीपी बढ गयी , फिर इसके साथ इन्सिउरेंस भी बृद्धि हुई ।
ये तिन इंडस्ट्री आपस में जुडी हुई है इसीलिए आज इन्सिउरेंस इंडस्ट्री फ़ूड
में पैसा लगा रहा है किउंकि आपजितना जादा
ख़राब फ़ूड खायेंगे इन तिन
इंडस्ट्री का बृद्धि होगी और जीडीपी बढेगी

अब क्या आपको जीडीपी बढानी है या घर में
खाना बनाना है ! अब घर में खाना बनाने से
जीडीपी नही बढती । इस मायाजाल को
समझे ।
अमेरिका में आज करीब चार करोड़ लोग भूखे पेट सोते है यूरोप में भी चार करोड़ लोग भूखे सो रहे है ,
भारत में सरकारी आंकड़ा के अनुसार करीब 32 करोड़ लोग भूखे सोते है , अगर जीडीपी ही एक विकास का सूचक होती तो अमेरिका में भूख ख़तम हो जानी चाहिए थी पर अमेरिका और यूरोप में भूख बढ रही है
भारत में भी जीडीपी के साथ भूख बढ रही है !
आपसे निवेदन है कुछ समय निकालकर देश की
आर्थिक स्थिति और
उसके कारणो को समझने का प्रयास करें ।।

श्रद्धांजलि : मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया

मनोजभाई हडीयल

स्व : 2/January/2016
मैंने एक अच्छा मित्र खो दिया! 
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे!
जो भी हुआ है काफी दुःखद हुआ है
एक पल के लिए तो विश्वाश ही नही कर पा रहा था ! 
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे ! 
उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी से उबरने की शक्ति प्रदान करे
कम उम्र में उनका यूं जाना पीड़ित करता है ! 
मेरी विनम्र
श्रद्धांजलि

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भेदभाव का मतलब यह है क्या?

इस भारत देश में-

◾कुत्ता-देव
◾बन्दर-देव
◾गाय-देव
◾बैल-देव
◾साँप -देव
◾चींटी- देव
◾मछली- देव
◾सूअर- देव
◾वाघ- देव
◾शेर- देव
◾गरुड़- देव
◾बकरी- देव
◾बरगद- देव
◾तुलसी का पौधा-देव
◾दूब-देव
◾नदी-देव
◾समुद्र-देव
◾सूर्य-देव
◾चंद्र- देव
◾आग-देव
◾वायु-देव
◾जल-देव
◾बिल्ली-देव
◾चूहा-देव
◾खरगोश-देव
◾कबूतर-देव
◾चमगादड़-देव
◾आकाश-देव
◾पाताल- देव
◾तालाब पोखर-देव
◾पृथ्वी-देव
◾घोडा-देव
◾कौआ-देव
◾मोर-देव
◾यहाँ तक की पत्थर भी देव

:~ पर मानव........?

◾रविदास-चमार
◾गोरा-कुंभार
◾सावता-माली
◾नरहरि- सुनार
◾चोखा-महार
◾नामदेव-दर्ज़ी

:~ नाम--जाति , फिर क्यों?

◾रामदास-स्वामी
◾ज्ञानेश्वर- माउली (मां के सामान
अतिउत्तम) ये कैसे? , ये किसका षड़यंत्र है?

बहुजन समाज का संत होता है तो उसके नाम के आगे उसकी जाति लिखी जाती है.

और ज्ञानेश्वर के आगे उसकी जाति नहीं ऐसा क्यों?

इसका कारण यह है कि बहुजन समाज का यदि कोई संत होता है तो उसे जाति सीमा तक रखा जाये
और ब्राह्मण संत हुआ कि सबके प्रिय सबसे उच्च।

ऊपर सात महासंतो के नाम है लेकिन एक के नाम के आगे पीछे स्वामी या माउली शब्द नहीं है ये विचित्र परम्परा पंडितों की दी हुई है हमको ये परम्परा खत्म करनी होगी. हमारे महापुरूषों के साथ भी ऐसा ही हुआ है

जैसे-

◾आंबेडकर -दलितों के नेता
◾शिवाजी महाराज - मराठों के नेता
⬛ बिरसा मुंडा -आदिवासी नेता
◾महात्मा फुले-मालियों के नेता
◾अण्णा भाऊ साठे-मातंगों के नेता

किंतु

◾तिलक-लोकमान्य
◾सावरकर- स्वाधीनता वीर
◾प्रमोद महाजन-देश के नेता
◾अडवाणी -देश के नेता
◾गडकरी-देश के नेता

सभी ब्राह्मण नेता-देश के नेता

◾गोपीनाथ मुंडे-बहुजन नेता
◾महादेव जानकर-धनगर नेता
◾कांशीराम, मायावती, रामदास आठवले- दलित नेता
◾मुलायम, लालू, शरद- यादवों के नेता.

✅मित्रों, बहुजन समाज के प्रत्येक नेता महापुरुष ने अपनी जाति के बाहर भी ऐतिहासिक कार्य किये हैं फिर भी उन्हें जाति तक सीमित रखा गया है ।

क्या-क्या मजा चल रहा है धर्म के नाम पर!

कैसे-कैसे खेल चल रहे हैं! और कितनी गंभीरता से चल रहे हैं।
मूर्तियाँ बना ली हैं। अपनी ही कल्पना के जाल हैं सब। कोई राम को पूज रहा है, कोई कृष्ण को पूज रहा है; कोई बुद्ध को, कोई महावीर को! पत्थर की मूर्तियाँ यूँ पूजी जा रही हैं, जैसे इनकी पूजा से तुम्हें सत्य मिल जाएगा।
क्योंकि कोई पूछता ही नहीं कि महावीर ने किसी की मूर्ति पूजी थी! यह पूछना शायद शिष्टाचार नहीं।
और बुद्ध ने किसकी मूर्ति पूजी थी? किसी की भी मूर्ति नहीं पूजी थी। बुद्ध का कसूर ही यही था। अगर वह किसी की मूर्ति पूजे होते, तो आज भारत में हिंदू उनको अपने सिर पर धारण करते। उनकी भी पालकी निकलती! लेकिन भारत से बुद्ध को हिंदुओं ने उखाड़ फेंका। कारण क्या था? -- क्योंकि बुद्ध ने न राम को पूजा, न कृष्ण को पूजा। बुद्ध ने किसी को पूजा ही नहीं।
बुद्ध ने परंपरा को कोई सहारा नहीं दिया। बुद्ध ने भीतर के सत्य को, नग्न सत्य को वैसा का वैसा रख दिया, जैसा था। लगे किसी को चोट, तो लगे। प्रीतिकर लगे तो ठीक, अप्रीतिकर लगे तो ठीक। सत्य को तो कहना ही होगा।
जय मूलनिवासी

रोहित वेमुला के बाद "कन्हैया कुमार" ?

रोहित वेमुला के बाद "कन्हैया कुमार" ?

कन्हैया कुमार ने उस देशद्रोही जुलूस और आयोजन के विरुद्ध इस तरह का पर्चा बँटवा कर देशद्रोही नारे का विरोध किया था पर उसे ही देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया ।
एबीवीपी के दबाव में की गई इस कार्यवाही को इसलिए किया गया क्युँकि उसने कैम्पस में इनकी गुंडई रोक रखी थी । देशविरोधी नारे लगाने वाले काश्मीरी छात्रों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर रही क्युँकि इनकी "महबूबा" नाराज हो जाएँगी तो सत्ता की मलाई कैसे चाटी जाएगी काश्मीर में ।

देशद्रोह पर दोगलापन

डॉ.भीमराव अंबेडकर कौन थे ?

Dr. अम्बेडकर का देश के लिए विकास मे  क्या योगदान है
इसे संक्षिप्त में बतानेका प्रयास किया है. इसे ठीक से समझे. उन्होंने क्या किया ये देखिये.

भारत में पहले लड़कियों को कोई अधिकार नहीं थे. पढ़ने, नौकरी के बारे में तो छोड़िये उन्हें घर से बहार निकलने की भी पाबन्दी थी. बस घर और चूल्हा यही उनकी हद थी.

1.उन्होंने भारत में प्रथम लड़कियों को स्त्रियों को पुरुषो के बराबरी  के हक़ देने के लिए हिन्दू कोड बिल लिखा.

२.भारत में प्रथम नोकरदार गर्भवती अौरतों को वेतनी छुट्टियों का हक़ दिया.

३.लड़कियों को लड़को के बराबर समानता मिलाके दी.
लड़कियों को पढ़ने का हक़ दिलाया.

4.लड़कियों को प्रॉपर्टी में लडको के बराबर की हिस्सेदारी दी.
लड़कियों को नौकरी में भागीदारी दी.

5. गर्भावस्था में छुट्टी का अधिकार वो भी पूरे वेतन के साथ मिला के दिया.

6. एक पति के लिए एक पत्नी का अधिकार और दूसरी पत्नी के आते ही अपने पति से हिस्से का अधिकार प्राप्त करके दिया.

7. लड़कियों को आज़ादी से जीने का अधिकार दिया.

8.अपने शोषण के खिलाफ आदालत में जाने का अधिकार दिया.

9. अपनी मर्ज़ी से शादी का अधिकार दिया.

10. वोट देने का अधिकार दिया.

11. भारत में प्रथम अर्थशाश्त्र की नीव रखी.

12. भारत में प्रथम जलनीति तैयार की.

१3. भारत में प्रथम परिवार नियोजन का नारा दिया.

14. भारत के हर एक नागरिक को मतदान का हक़ दिया.

15. भारत में बालमजुरी पर रोक लगायी.

16. भारत से उच्च नीच जातिवाद की गुलामी से मुक्त किया.

17. भारत से सावकारी, वेठ्बिगारी पद्धत को बंद किया.

18.  देश की घटना लिख के सामाजिक एवम भौगोलिक विविधता वाले देश को एक बनाये रखा.

19.  देश के 85% जनता को समानता का अधिकार दिया.

20.  देश की 85% जनता को उच्च वर्ग के साथ लाके खड़ा कर दिया.

21.  दलितों पर से अलग अलग तरह के प्रतिबंद हटाये.
सभी को समान अवसर एवम सुविधा उपलब्ध करायी.

22.  सभी को अपना धर्म चुनने की आजादी दी.

23. सभी को शिक्षा का अवसर प्रदान किया.

  24.  रिजर्व ऑफ इंडिया की स्थापना उन्ही के संकल्पना में हुयी, इस बैंक की स्थापना में उनका ही महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्ही के लिखित ''दि प्राब्लेम ऑफ दी रुपी'' इस प्रबंध के आधार पर रिझर्व बँक ऑफ इंडिया के रूल्स और रेग्युलेशन बनाये गए..

25.  महाराष्ट्र राज्य के निर्माण मे इनका महत्व पुर्ण योगदान है

26. हीराकुण्ड बांध,भाखड़ा बांध, दामोदर बांध  और सन प्रकल्प के निर्माते भी वही थे,
कोसी नदी पे धरना बांधो बिहार में कभी बाढ़ नहीं आएगी ये बताने वाले भी वही थे.

26. उन्होंने देश के मजूर मंत्री रहते वक़्त शिष्यवृत्ति योजना बनायीं. इससे हजारो टेक्निकल विद्यार्थी विदेश में पढ़ने जाते है.

27.  मजूरों को पहले 12 घंटे काम करना पड़ता था. उसे घटाकर उन्होंने 8 घंटे कर दिया और इसके ऊपर के काम के लिए घंटे के हिसाब से अलग पैसे देने का प्रावधान किया. 

28.  ऊर्जा निर्मिति व्यवस्था के लिए उन्होंने "सेन्ट्रल टेक्निकल पॉवर बोर्ड CTPB की स्थापना की थी.

29.  उन्हीने अपनी बुद्धि और परिश्रम से सिंचन और बंधारो के लिए आयोग की स्थापना की थी. क्यों की इनपे आर्थिक भर रहता है.

30.  पानी के व्यवस्थापन के लिए, नैसर्गिक संसाधन, कोयला खान प्रकल्प के लिए उनका ही परिश्रम कारणीभूत है..

31.  खेती, उद्योग, कारखानो के विकास और पुनर्वसन के लिए RCC  reconstruction committee council की स्थापना की गयी थी वे वह सभासद थे. इसमें उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा.

32.  उन्होंने ही पहले ही बिहार और MP के दो पटना रांची और दक्षिण उत्तर ऐसे भाग करने को कहा था. ताकि इन राज्यों का विकास हो सके. 45 साल बाद छत्तीसगढ़ और झारखण्ड अलग किये गए.

33.  शिक्षक देश की रीढ़ की हड्डी है इसलिए उन्हें ज्यादा वेतन तनख्वाह मिले ये भी उन्हीने कहा था.

34.  देश में कोयले की बिजली नहीं चलेगी उसके बदले सौरऊर्जा का इस्तेमाल करके जल विद्युत प्रकल्प खड़े करने को कहा था.

35.  उनके बेटे ने भ्रष्टाचार किया तो खुद के पेपर में खुद के बेटे पे निंदा टिपणी करके भ्रष्टाचार विरोधी होने का सबूत दिया.

36. लड़कियों का गर्भपात न करे ये बताने वाले भी वही थे.

37.  किताबों के लिए स्पेशल घर बांधने वाले भी वही थे.

38.  देश को उपराजधानी चाहिए ये बताने वाले भी वही थे.

39.  मुझे कायदे मंत्री नहीं बनाना मुझे कृषि मंत्री बनके किसानों को न्याय मिलाके  देना है. किसानो का राज्य लाना है ये कहने वाले भी वही थे.

40.  कोकण में खोती का आंदोलन करने वाले भी वही थे.

41.  तिलक के बेटे ने आत्महत्या की थी. उस समय भविष्य में कोई आत्महत्या न करे इस्पे भावपूर्ण स्वर में लेख लिख के श्रंद्धांजलि देने वाले भी वाही थे.

42.  तीन लष्करी प्रमुख कभी एक साथ न मिले ये लोकशाही के लिए घातक है ये बताने वाले भी वही थे.

43.  वो एकमात्र ऐसे भारतीय थे जिन्हे गोलमेज परिषद में आने के लिए विशेष आमंत्रण दिया जाता.
वो एक मात्र नेता है जिन्होंने

44.  लड़कियों के हक़ के लिए उनके सम्मान के लिए अपने मंत्र पद से इस्तीफा दिया था.

45.  दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला अमेरिका देश भी उनके लिखित अर्थशास्त्र पर चलता है.

वो एक अच्छे व्होलीयोन वादक भी थे. एक शिल्पकार, चित्रकार भी थे ये बात तो बहुत से लोगों को भी पता नहीं.

46.   उन्हें टोटल आठ भाषाए आती थी.  हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, संस्कृत,  गुजरती, पारसी, जर्मन, फ्रेंच.  इसके आलावा उन्होंने पाली व्याकरण और शब्दकोष भी लिखी थी.

47.  उन्होंने संसद में पेश किए हुए विधेयक महार वेतन बिल, हिन्दू कोड बिल, जनप्रतिनिधि बिल, खोती बिल, मंत्रीओं का वेतन बिल, मजदूरों के लिए वेतन (सैलरी) बिल, रोजगार विनिमय सेवा, पेंशन बिल , भविष्य निर्वाह निधी (पी.एफ्.).  इनके अलावा मानवी अधिकारों के लिए कई सत्याग्रह किये.  उसके साथ ही कई सामाजिक संघटन भी स्थापित किये,  उन्हें प्राप्त सम्मान
1) भारतरत्न
2) The Greatest Man in the World (Columbia
University)
3) The Universe Maker (Oxford University)
4) The Greatest Indian (CNN IBN & History Tv, 

Jaibhim Dear friends
बाबासाहब अंबेडकर आठ भाषाएँ जानते थे।
1) मराठी (मातृभाषा)
2) हिन्दी
3) संस्कृत
4) गुजराती
5) अंग्रेज़ी
6) पारसी
7) जर्मन
8) फ्रेंच
डाॅ.बाबासाहब अंबेडकर जी को पाली भाषा
भी आती थी। उन्होंने
पाली व्याकरण और शब्दकोष (डिक्शनरी)
भी लिखी थी जो महाराष्ट्र
सरकार ने Dr.Babasaheb Ambedkar Writing and
Speeches Vol.16 में प्रकाशित की हैं।
*** बाबासाहब अंबेडकर जी ने संसद में पेश किए हुए
विधेयक
महार वेतन बिल
हिन्दू कोड बिल
जनप्रतिनिधि बिल
खोती बिल
मंत्रीओं का वेतन बिल
मजदूरों के लिए वेतन (सैलरी) बिल
रोजगार विनिमय सेवा
पेंशन बिल
भविष्य निर्वाह निधी (पी.एफ्.)
*** बाबासाहब के सत्याग्रह (आंदोलन)
1) महाड आंदोलन 20/3/1927
2) मोहाली (धुले) आंदोलन 12/2/1939
3) अंबादेवी मंदिर आंदोलन 26/7/1927
4) पुणे कौन्सिल आंदोलन 4/6/1946
5) पर्वती आंदोलन 22/9/1929
6) नागपूर आंदोलन 3/9/1946
7) कालाराम मंदिर आंदोलन 2/3/1930
8) लखनौ आंदोलन 2/3/1947
9) मुखेडका आंदोलन 23/9/1931
*** बाबासाहब अंबेडकर द्वारा स्थापित सामाजिक संघटन
1) बहिष्कृत हितकारिणी सभा - 20 जुलै 1924
2) समता सैनिक दल - 3 मार्च 1927
राजनीतिक संघटन
1) स्वतंत्र मजदूर पार्टी - 16 अगस्त 1936
2) शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन- 19 जुलै 1942
3) रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया- 3 अक्तूबर 1957
धार्मिक संघटन
1) भारतीय बौद्ध महासभा - 4 मई 1955
शैक्षणिक संघटन
1) डिप्रेस क्लास एज्युकेशन सोसायटी- 14 जून
1928
2) पीपल्स एज्युकेशन सोसायटी- 8 जुलै
1945
3) सिद्धार्थ काॅलेज, मुंबई- 20 जून 1946
4) मिलींद काॅलेज, औरंगाबाद- 1 जून 1950
अखबार, पत्रिकाएँ
1) मूकनायक- 31 जनवरी 1920
2) बहिष्कृत भारत- 3 अप्रैल 1927
3) समता- 29 जून 1928
4) जनता- 24 नवंबर 1930
5) प्रबुद्ध भारत- 4 फरवरी 1956
*** बाबासाहब अंबेडकर जी ने अपने जिवन में विभिन्न
विषयों पर 527 से ज्यादा भाषण दिए।
***बाबासाहब अंबेडकर को प्राप्त सम्मान
1) भारतरत्न
2) The Greatest Man in the World (Columbia
University)
3) The Universe Maker (Oxford University)
4) The Greatest Indian (CNN IBN & History Tv
18)

*** बाबासाहब अंबेडकर जी इनकी
निजी किताबें (उनके पास थी)
1) अंग्रेजी साहित्य- 1300 किताबें
2) राजनिती- 3,000 किताबें
3) युद्धशास्त्र- 300 किताबें
4) अर्थशास्त्र- 1100 किताबें
5) इतिहास- 2,600 किताबें
6) धर्म- 2000 किताबें
7) कानून- 5,000 किताबें
8) संस्कृत- 200 किताबें
9) मराठी- 800 किताबें
10) हिन्दी- 500 किताबें
11) तत्वज्ञान (फिलाॅसाफी)- 600 किताबें
12) रिपोर्ट- 1,000
13) संदर्भ साहित्य (रेफरेंस बुक्स)- 400 किताबें
14) पत्र और भाषण- 600
15) जिवनीयाँ (बायोग्राफी)- 1200
16) एनसाक्लोपिडिया ऑफ ब्रिटेनिका- 1 से 29 खंड
17) एनसाक्लोपिडिया ऑफ सोशल सायंस- 1 से 15 खंड
18) कैथाॅलिक एनसाक्लोपिडिया- 1 से 12 खंड
19) एनसाक्लोपिडिया ऑफ एज्युकेशन
20) हिस्टोरियन्स् हिस्ट्री ऑफ दि वर्ल्ड- 1 से 25
खंड
21) दिल्ली में रखी गई किताबें- बुद्ध
धम्म, पालि साहित्य, मराठी साहित्य- 2000 किताबें
22) बाकी विषयों की 2305 किताबें
बाबासाहब जब अमेरिका से भारत लौट आए तब एक बोट दुर्घटना में
उनकी सैंकडो किताबें समंदर मे डूबी।
*** बाबासाहब अंबेडकर जी
1) महान समाजशास्त्री
2) महान अर्थशास्त्री
3) संविधान शिल्पी
4) आधुनिक भारत के मसिहा
5) इतिहास के ज्ञाता और रचियाता
6) मानवंशशास्त्र के ज्ञाता
7) तत्वज्ञानी (फिलाॅसाॅफर)
8) दलितों के और महिला अधिकारों के मसिहा
9) कानून के ज्ञाता (कानून के विशेषज्ञ)
10) मानवाधिकार के संरक्षक
11) महान लेखक
12) पत्रकार
13) संशोधक
14) पाली साहित्य के महान अभ्यासक
(अध्ययनकर्ता)
15) बौध्द साहित्य के
[2/2, 08:19] Govind Kamble: अध्ययनकर्ता
16) भारत के पहले कानून मंत्री
17) मजदूरों के मसिहा
18) महान राजनितीज्ञ
19) विज्ञानवादी सोच के समर्थक
20) संस्कृत और हिन्दू साहित्य के गहन अध्ययनकर्ता थे।

उनके  कुछ   खास  पहलु ,

1) पाणी के लिए आंदोलन करनेवाले विश्व के पहले महापुरु)

2.  लंदन विश्वविद्यालय के पुरे लाईब्ररी के किताबों की छानबीन कर उसकी जानकारी रखनेवाले एकमात्र महामानव,

3) लंदन विश्वविद्यालय के 200 छात्रों में नअबर 1 का छात्र होने का सम्मान प्राप्त होनेवाले पहले भारतीय,

4) विश्व के छह विद्वानों में से एक,

5) विश्व में सबसे अधिक पुतले बाबासाहब अंबेडकर जी के हैं।,

6) लंदन विश्वविद्यालय मे डी.एस्.सी. यह उपाधी पानेवाले पहले और आखिरी भारतीय,

7) लंदन विश्वविद्यालय का 8 साल का पाठ्यक्रम 3 सालों मे पूरा करनेवाले महामानव
उनके बारे में दुनिया क्या कहती है ये भी देख ले.
dr. अम्बेडकर के बारे मे दुनिया के विचार

1. अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा कहते है, अगर  "वो" हमारे देश में जन्मे होते तो हम उन्हें सूर्य कहकेर  बुलाते.

2.  पाकिस्तान में एक ही  भारतीय की जयंती मनाई जाती है और वो है बाबा साहेब dr अम्बेडकर

3.  नेल्सन  मंडेला कहते है भारत के पास से सिर्फ एक ही चीज लेने लायक है और वो है भारत का संविधान

4.  वे एकमेव भारतीय है जिनके दुनियाभर में सबसे ज्यादा पुतले है.
भारत के हर इक शहर में उनका पुतला है.

नोट:-  जिस किसी भी पाठक को लगता हैं की जो बाते बाबा साहेब dr.अम्बेडकर के काम या उनकी Qualification ke बारे म कुछ भी गलत लिखा हैं तो वो पाठक कृपा करके कोई भी इतिहास की किताब पढ़ सकते है य फिर internet पर चैक कर सकते हैं।।
जय भीम जय भारत

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