मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

बड़ा खुलासा: कन्हैया ने नहीं लगाए देश विरोधी नारे!

नई दिल्ली: जेएनयू में देश विरोधी नारे को लेकर देश में हंगामा मचा है लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आता दिख रहा है जो पूरे विवाद का रूख पलट सकता है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि ऐसा हो सकता है कि कन्हैया ने न देश विरोधी नारे लगाए और न ही अफजल की बरसी पर हुए कार्यक्रम में कोई भड़काऊ भाषण ही दिया.

पीटीआई सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि गृह मंत्रालय के अफसर ये मानते हैं कि कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का केस अति उत्साह में लिया गया कदम हो सकता है. खुफिया एजेंसियों ने भी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी है कि हालांकि कन्हैया संसद हमले के दोषी अफजल की बरसी के कार्यक्रम में मौजूद था लेकिन उसने न भारत विरोधी नारे लगाए और न ही उसने ऐसा कुछ कहा जिससे उसपर देशद्रोह का केस बनता है.

क्या भाजपा देश से बड़ी हो गयी है ?

क्या भाजपा देश से बड़ी हो गयी है ? यह प्रश्न उनसे पूछा जाना चाहिए जो बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की आड़ में जेएनयू काण्ड को औचित्यपूर्ण ठहराना चाहते है । माना कि भाजपा ने सत्ता मोह में देशद्रोहियो से हाथ मिला लिया लेकिन इससे जेएनयू की घटना की गम्भीरता कम नही हो जाती । भाजपा की करतूत की सजा देश को नही दी जा सकती । इसका मतलब तो यह हुआ कि भाजपा देश से बड़ी हो गयी और यदि उसने गलत हरकत कर दी तो दुसरो को भी इसकी इजाजत मिल गयी । इस घटना से भाजपा को भी सबक मिल जाना चाहिए कि सत्ता के लिए सिद्धांतो से समझोता कितना घातक होता है । जब भी पीडीपी से गठबंधन की बात आती है, इनकी बोलती बन्द हो जाती है । एक राष्ट्रवादी पार्टी के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात ओर क्या हो सकती है ।

बहेतर है मे देशद्रोही कहेलाऊ....

चलो , आज मै भी देशद्रोहीओ की कतार मे खडा हो ही जाता हुं !

अंग्रेजो के साथ मीलकर मुल्ककी मुखाल्फत करनेवाले संध और अझहर मसुद को करोडो की खैरात देकर मुक्त करनेवाली भाजपा के चरणकमल छुकर राष्ट्रभक्त कहेलाने से बहेतर है मै देशद्रोही कहेलाऊ !
देशके लीये नाखुन तक नही कटवानेवाले लोगोकी चाटुकारिता मुजे देशप्रेम का प्रमाणपत्र देती है तो ईससे बहेतर है मे देशद्रोही कहेलाऊ !

९० सालकी आयुमे जीवन का मोह जीसे झेडप्लस सुरक्षाके धेरेमे बाधे हुऐ है ऐसे मोहन भागवत की नंपुसक मानसिकता को स्वीकारने से बहेतर है ऊन्हे हर मौरचे पर ललकार कर राष्ट्रद्रोही कहेलाऊ !

सुरक्षा सौदो मे दलाली से रंगे जयचंदी हाथ थामने से बहेतर है ऊसकी बाजुऐ काटने के संधर्ष से मै रत रहेकर देशद्रोही कहेलाऊ !

अफजल गुरु को ग्लोरी सन्मान देनेवाली पीडीपी से हाथ मीलानेवाली सत्ताभुख का संधी निवाला खाने से बहेतर है की मै राष्ट्रद्रोही बन जाऊ !

भारत मे जन्म लेने पर साठ साल तक शर्मींदा रहे नरेन्द्र मोदी की लज्जाकी चादर ताने सोने से बहेतर है ऊनके खीलाफ देश को जगाने का देशद्रोह करु !

मेरी राष्ट्र भक्ति कीसीके प्रमाणपत्र की मोहताज नही है ! मेरी कलम संधी श्याही से नही रगो मे बहेते देशप्रेम के जजबे से चलती है ! मेरे कहेने और लीखने पर सिर्फ मेरा ऐकाधिकार है ऊसे कोईभी ऐरागैरा देशद्रोही होने का लेबल दीखाकर डरा नही सकता ! व्यक्तिओ का ऐनकाऊन्टर हो सकता है ऊनके विचारो का नही ! मै लीखता रहुगा तबतक की जबतक मे आपके विधटनकारी और तानाशाह रवैये की मुखाल्फत करनेवाला देशका आखरी व्यक्ति ही क्युं ना रहु ! मेरा देशद्रोही होना संधीओके देशप्रेम से बहेतर है !

सौ : राजेश ठाकर
( भारतीय नागरिक )

यही आपातकाल है .....

हार्दिक पटेल ,रोहित वेमुला ,कन्हैया के बाद
अगला  नम्बर किसका ?
बीजेपी की राजनीती ही नफरत के आधार पर चली है बीजेपी को पता है इस देश में नफरत जब खत्म हो जाएगी तो उनके मोटे पेट वाले सारे गुंडे घर बैठ जाएंगे मोदी सरकार बनने के बाद नफरत फैलाकर राजनीती करने के किस्से कुछ ज्यादा ही बढ़ गए है लव जिहाद ,बीफ,मुल्ला कांग्रेसी कुत्ता, हिन्दू ह्दय सम्राट ,सहित न जाने संघ ने कितने शब्दजाल गूँथ रखे है जिसे समय समय पर ये लोगो को मुर्ख बनाने के लिए करते रहते है और सबसे बड़ी बात इस बार की राजनीती में हिन्दू ह्दय सम्राट बनने का तरीका इतना आसान कर रखा है की हम और आप भी दो चार गालियां इस देश में समानता के अधिकार के साथ जी रहे एक समुदाय विशेष को दे दे और उसका 1 मिनट का वीडियो अपलोड कर दे तो तो अगली सुबह प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में भक्त हमारी चर्चा करते नजर आ जाएंगे हिन्दू ह्दय पर राज करने की कूटनीति आजकल काफी सफल फॉर्मला है उत्तर प्रदेश बंगाल में इन दिनों हिन्दू ह्दय सम्राट बंनाने का काम जोर शोर से चल रहा है क्योंकि अगले बरस तक यहाँ चुनाव है इसलिए इन राज्यो में इन दिनों अधिकांस धारा 144 लागू रहती है
एक आपातकाल 16 मई 2014 को अघोषित रूप से लागू हो चूका है इस आपतकाल की कोई औपचारिक घोषणा नही हुई है लेकिन लोकतन्त्र फिर घुटनो पर है जिसकी वजह विरोध की आवाज को दबाना है स्वत्रंत विचारो वाली संस्थानों पर संघी विचारधारा थोपी जा रही है अरुण जेटली, वसुंधरा राजे, पंकजा मुंडे, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह,डॉ रमन सिंह जैसे भृष्ट लोगो द्वारा सरकार चलाई जा रही है,
ललित मोदी जैसे लोगो को सम्मनित किया जा रहा है न्यायपालिका भी डगमगा गयी है मजबूरी में अमित शाह, सलमान और मासूमो का खून बाहने वाले भाजपाइयों को बाइज्जत बरी किया जा रहा है मिडिया की स्क्रिप्ट भी संघ के कार्यलय में लिखी जाने लगी है अगर यकीं नही होता तो कभी रजत शर्मा इण्डिया टीवी और सुधीर चौधरी जी न्यूज़, शो को अपने दिमाग के देखना समझ आ जाएगा विरोधीयो के दमन की शुरुआत तो 16 मई से हो गयी थी विरोधी नेताओ को सीबीआई का डर या छापेमारी और हार्दिक,रोहित,कन्हैया जैसे प्रखर आवाज वालो को राष्ट्रविरोधी बताकर जेल में ठूसकर विरोधियो का दमन किया जा रहा है यही आपातकाल है .......

नारे लगाने वाले छात्रों की गिरफ्तारी ना होने की वजह।

नारे लगाने वाले कश्मीर छात्रों की घटना घटने के 7 दिन बाद तक गिरफ्तारी ना होने की वजह।

जो कश्मीरी छात्र नारें लगा रहे थे वो अभी तक गिरफ्तार क्यू नही हुए उसकी एक मुख्या वजह है बीजेपी पीडीपी की गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश।
बीजेपी जानबूझ कर कश्मीरी छात्रों पर हाथ नहीं डालना चाहती है ताकि घाटी में पीडीपी नाराज़ ना हो जाये और उनकी सरकार बनाने की कोशिश को पतीला ना लग जाएँ। 15 तारीख को बीजेपी महासचिव का कश्मीर दौरा भी हुआ है लेकिन पीडीपी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रही है।
भूतकाल में पीडीपी अफज़ल की फांसी का विरोध करती रही है और उसे शहीद का दर्जा देने की भी माँग उठाती रही है।

यकीन मानिए आपको मुद्दों से भटकाने में शासक वर्ग सफल रहा है।

·         जब देश के 19.5 करोड़ लोगों को रोज भूंखे रहना पड़ता है।
·         जब देश में प्रत्येक वर्ष, 11 लाख बच्चे कुपोषण से मरते है (रोज तीन हज़ार)।
·         जब देश में हर साल दलितों पर लगभग 47000 जघन्य अपराध हो रहे होते है, सिर्फ इसलिए की वो एक विशेष जाति में जन्मे हैं।
·         जब हमारे राजनेता राष्ट्रीय चुनावों के संचालन में 30000 करोड़ और विधानसभा चुनावों में 100,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे होते हैं, जबकि भारत में समुचित पोषक तत्व के लिए प्रति बच्चा केवल 16 रु खर्च करने के जरुरत है पर उसका प्रबंध नही हो पा रहा है।
·         जब देश के सुपर रिच जिसमे ये देशप्रेमी नेता भी आते  हैं, जो इस देश के संसाधनों का दोहन कर अपने बच्चों को पढाने के लिए विदेशों में मोटी रकम खर्च करके भेजते हैं, यह खर्च  200,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, यह रकम भूखे पेट सो रहे लोगो का हक तो है ही साथ में देश पर भरोसा न दिखाकर उसको दुनिया भर में नीचा दिखाने जैसा भी है।
·         जब देश में गरीबी रेखा के नीचे ३४ करोड़ लोग हो  जो की 1947 में कुल जनसंख्या से भी अधिक हैं।
·         जब हर साल 16,000 किसान सरकार की नीतियो की विफलता की वजह से आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हों।
·         जब देश में हर साल 25000 लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहे हो।
·         जब देश के ६७ करोड़ लोगों को खुले में सौंच करने जाना पड़ रहा हो।
·         जब 15 करोड़ से अधिक लोगों को पीने के पानी की तलाश में कम से कम 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

लेकिन अगर सिर्फ आपको देश पर तभी खतरा लग रहा है जब कोई टॉम डिक एंड हैरी कहीं खड़े होके दो चार देश विरोधी स्लोगन बकते हैं, तो यकीन मानिए आपको मुद्दों से भटकाने में शासक वर्ग सफल रहा है।
शासक वर्ग का देशप्रेम देखना है तो बस इतना देख लो की इनके बच्चे कहाँ पढते हैं और कहाँ पिकनिक मनाने जाते हैं, क्या ये अपने देश की शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा न कर, पूरी दुनिया के सामने देश को शर्मसार नहीं करते?

काश मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लड़े न होते तो.??

एक बार कुत्ते और गधे में शर्त लगी कि जो दौड़ कर पहले पहुचेगा वो सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज़ करेगा....

दौड़ शुरु हुई....

कुत्ता खुश था....
उसने सोचा वो तो तेज़ दोडता है....
गधे को तो यूँ ही हरा देगा....

पर उसे क्या मालूम था की हर एक मुहल्ले चौक पर बहुत से कुत्ते हैं और वो उसे आगे जाने ही नही देगे....

हुआ भी ऐसा ही.....
हर चौक पर स्थानीय कुत्तों ने उस पर जानलेवा हमला किया....
वो बहुत से कुत्तों से लड़ता हुआ जैसे तैसे पहुंच गया....

लेकिन वहाँ जाकर देखा कि गधा सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज कर रहा है.....

हताश घायल कुत्ता बोला....
काश मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लड़े न होते तो..?
ये गधा इस सिंहासन तक कभी नही पहुंच पाता....

जरा सोचिए गलती कहाँ हो रही है.
उदाहरण जानवरों का जरूर हैं पर बात तो इंसानों के लिये सोचने वाली हैं !!

‪एक बनो नेक बनो‬

दूसरे शब्दों में बोले तो देशभक्ती यही हैं

जो गाय को अपनी माता मानता हो भले ही पैरों में गाय के चमड़े से बना चमचमाता जूता या चप्पल पहनता हो, वह हुआ गौभक्त और दूसरे शब्दों में देशभक्त।
जो मुसलमानों, ईसाइयों तथा दलितों और पिछड़ों से ऊपरी तौर पर न सही, मगर मन-ही-मन घृणा करता हो, वह हुआ सनातनी हिंदू और दूसरे शब्दों में देशभक्त।
जो संस्कृत को विश्व की सर्वश्रेष्ठ और वैज्ञानिक भाषा मानता और भांजता हो, और जो हिंदी के चार शब्द सही-सही लिख-बोल न पाता हो मगर जिसे महिलाओं के गुप्तांगों से जुड़ी सारी गालियां शिशुपाल की तरह कंठस्थ हो, वह हुआ परम संस्कारी और दूसरे शब्दों में देशभक्त।
जो हर पाकिस्तानी मां-बहन के साथ सहवास करने (मूल शब्द मैं नहीं लिख सकता) की दिली ख़्वाहिश रखता हो और साथ ही भारत माता की जय के नारे भी बहुत ज़ोरशोर से लगाता हो, वह हुआ भारत माता का सच्चा सपूत और दूसरे शब्दों में देशभक्त।
जो राह चलती लड़कियों को छेड़ता हो लेकिन सरस्वती पूजा में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता हो, वह हुआ सरस्वतीपुत्र और दूसरे शब्दों मे देशभक्त।
जो छोटा-बड़ा व्यापार करता हो या/और कालाबाज़ारी या मिलावट करता हो या/और सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करता हो या/और टैक्स की चोरी करता हो या सरकारी नौकरी में है तो रिश्वत लेता हो लेकिन मंदिरों को अच्छा-खासा चंदा देता हो, भगवती जागरण करवाता हो, माथे पर तिलक लगाता हो, संतों का आतिथ्य-सत्कार करता हो, सत्संग करता-करवाता हो, हर व्रत-त्यौहार रखता हो, वह हुआ आदर्श हिंदू और दूसरे शब्दों में देशभक्त।
संक्षेप में कोई चाहे जितने कुकर्म करता हो लेकिन हर चुनाव में बीजेपी या उसकी सहयोगी पार्टियों का प्रचार करता हो या उसको वोट देता हो तो वह हुआ भारत का सच्चा नागरिक और दूससे शब्दों में सच्चा देशभक्त।

कितना बेबस है भगवान (भगवान सिर्फ अंधविश्वास है)

लोग कहते हैं कि कण कण मे भगवान है, अगर कण कण मे भगवान है तो कण कण मे भ्रष्टाचार क्यों है ?
अगर कण मे कण भगवान है तो लोग जगह जगह अपना मल , मूत्र त्याग कर क्या भगवान को अपवित्र नही बना रहे ?
अगर जर्रे जर्रे मे भगवान है तो क्या लोग टट्टी, पेसाब, भगवान की खोपडी पर कर रहे हैं ?
लोग कहते हैं कि बगैर भगवान की मर्जी के पत्ता भी नही हिलता,
तो क्या भगवान चोरी भी करवाता है?
जब सब कुछ भगवान की मर्जी से होता है तो भगवान बलात्कार भी करवाता होगा ?
डकैती भी डलवाता होगा?
अगर यह सब भगवान ही करवाता है तो कितना निर्दयी है भगवान !
लोग कहते हैं कि भगवान गरीबो, मजलूमों, असहायों की रक्षा करता है ।
तो हिन्दुस्तान की आधे से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर क्यों है ?
भगवान क्यों नही इन्हें अमीर बना देता ?
दुनिया मे हर कहीं असहाय, मजलूम ही प्रताडित हो रहा है , भगवान क्यों नही इनकी मदद करता ?
लोग कहते है कि भगवान दुष्ट, चोर,गुण्डो को सजा देता है।
तो फिर जगह जगह चोरी डकैती, गुण्डागर्दी क्यों हो रही है ?
अगर भगवान इनको रोकने मे सक्षम है तो पुलिस ,सेना, कोर्ट कचहरी क्यों है ?
सच यह है कि भगवान कुछ नही कर सकता ।
आज तो भगवान की खुद शामत आ गयी है ।
आंतकवादी मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च देखकर ब्लास्ट कर रहा है, भगवान अपनी बचत नही कर पा रहा है ।
भगवान की अष्टधातु मूर्तियों को चोर चुरा कर अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे बेंच कर करोडो कमा रहा है,
भगवान अपनी रक्षा नही कर पा रहा है ।
कितना बेबस है भगवान !
लोग कहते है कि भगवान दूसरो को पवित्र बनाता है, अपने दर्शन से ।
लेकिन यह भगवान दलितों के छूने से ही छुईमुई के पौधे की तरह खुद सिकुड जाता है ।
दलित के छूने से अपवित्र हो जाता है ।
और फिर गाय, भैंस, बकरी की पाखाना, पिसाब से पवित्र हो जाता है ।
कैसा भगवान है ?
भगवान जब सबसे ताकतवर है तो उसकी सिक्युरिटी मे पुलिस ,, कमाण्डों , सेना क्यों लगायी जाती है ?
किसी भी धार्मिक स्थल पर जाइए, वहां गेट पर सबसे ज्यादा लूले,लंगडे,अपाहिज ,कोढी,लाइन लगाये रहते है,
अंधे को आंख देत ,कोढिन को काया वाला भगवान कहां रहता है, क्यों नही इनकी समस्या दूर कर देता है ?
किसी ने कहा है कि _"इंसान को बनाकर भगवान ने सबसे बडी गल्ती की', या भगवान को बनाकर इंसान ने ।"
उत्तर साफ है कि "भगवान को बनाकर इंसान ने सबसे बडी गल्ती की।"
अगर इंसान ने भगवान की कल्पना नही की होती तो इसके नाम पर इतना ज्यादा लुटता, पिटता नही ।
भगवान सिर्फ अंधविश्वास है ।

इंसान ने स्वार्थ के लीये भगवान को बनाया

कागज का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
आग का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
चक्के का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
खेती का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
बड़े बड़े घर, बंगले किसने बनाऐ?
इंसान ने...
जहाज का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
हवाई जहाज का आविष्कार किया?
इंसान ने...
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
इंसान ने...
मोबाइल्स फोन का आविष्कार किया?
इंसान ने...
गाड़ियाँ किसने बनायीं?
इंसान ने...
घर में आराम, सुख चैन के लिए जो चीजे इस्तेमाल करते हो वो किसने बनायीं?
इंसान ने...
जिस FB, Whats app पे ये पोस्ट पढ़ रहे हो उसे किसने बनाया?
इंसान ने...
समाज किसने निर्माण किया?
इंसान ने...
धर्म का निर्माण किसने किया?
इंसान ने...
मंदिर मस्जिद किसने बनाये?
इंसान ने...
मंदिरों, मस्जिदों में भगवान, अल्लाह(GOD) किसने बिठाये?
इंसान ने...
कमाल की बात है एक भी काम भगवान ने नहीं किया है।

जो कुछ भी किया इंसान ने ही किया है।

फिर भी लोग इंसान से ज्यादा भगवान के चमत्कार को मानते हैं।
हम इन्सानों ने ही अपने स्वार्थ के लिए भगवान का निर्माण किया है।

क्योंकि :-

1)मनुष्य के अलावा दुनिया का एक भी प्राणी भगवान को नही मानता।

2)जहाॅ इन्सान नही पहुॅचा वहाॅ एक भी मंदिर मस्जिद या चर्च नही मिला।

3)अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवता है। इसका मतलब इन्सान को जैसी कल्पना सुझी वैसा भगवान बनाया गया।

4)दुनिया मे अनेक धर्म पंथ और उनके अपने-अपने देवता है। इसका अर्थ भगवान भी एक नही।

5)दिन प्रतिदिन नये नये भगवान तैयार हो रहे है।

6)अलग-अलग प्रार्थनायें है।

7)माना तो भगवान नही तो पत्थर यह कहावत ऐसे ही नही बनी।

8)दुनिया मे देवताओं के अलग-अलग आकार और
उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग पुजा।

9)अभी तक किसी इन्सान को भगवान मिलने के कोई प्रमाण नही है।

10)भगवान को मानने वाला और नही मानने वाला भी समान जिंदगी जिता है।

11)भगवान किसी का भी भला या बुरा नही कर सकता।

12)भगवान भ्रष्टाचार अन्याय चोरी बलात्कार आतंकवाद अराजकता रोक नही सकता।

13)छोटे मासुम बच्चों पर बंदुक से गोलियाॅ दागने वालों के हाथ भगवान नही पकड सकता।

14)मंदिर मठ आश्रम प्रार्थना स्थल जहाॅ माना जाता है कि भगवान का वास होता है वहाॅ भी बच्चे महिलाए सुरक्षित नहीं हैं।

15)मंदिर मस्जिद चर्च को गिराते समय एक भी भगवान ने सामने आकर विरोध नही किया।

16)बिना अभ्यास किये एक भी छात्र को भगवान ने पास किया हो ऐसा एक भी उदाहरण आज तक सुनने को नही मिला।

17)बहोत सारे भगवान ऐसे है जिनको 25 साल पहिले कोई नही जानता था। वह अब प्रख्यात भगवान हो गये है।

18)खुद को भगवान समझने वाले अब जेल कि हवा खा रहे है।

19)दुनिया मे करोडों लोग भगवान को नही मानते। फिर भी वह सुख चैन से रह रहे है।

20)हिन्दु अल्लाह को नही मानते।
मुस्लिम भगवान को नही मानते।
इसाई भगवान और अल्लाह को नही मानते।
हिन्दु मुस्लिम गाॅड को नही मानते।

✅फिर भी भगवानों ने एक दूसरे को नही पूछा कि ऐसा क्यो?

ज्ञान का द्वीप जलाओ

सौ : shaileshhadiyal

गोडसे के पुजारी

जो तिरंगा लेकर जेएनयू में डटे हैं इनकी मदर संस्था 26 जनवरी को काला दिवस मनाती रही है
नागपुर में भगवा झंडा लहराता रहा है और तिरंगे के निचे सर कभी झुका नहीं
ये आज प्रगतिशीलों को राष्ट्रवाद समझा रहे हैं
अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाले लोग अब राष्ट्र वाद सीखा रहे है
वो कौन लोग है जो देश विरोधी नारे लगा रहे थे उन्हें शिनाख्त करके उन्हें फाँसी दी जाये
लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति को फ़साना जो बीजेपी आरएसएस के एजेंडे की खिलाफत करता है वो अत्यंत दुखदायी है ।

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