रविवार, 3 जनवरी 2016

क्या ईसको मुंहतोड ज़वाब कहते हैं

पठानकोट मे " एयरबेस " पर पाकिस्तानी आतंकवादीयो ने हमला कर दिया । 4 आतंकी मारे गये (2 जिन्दा थे)। उसके बाद दो बयान भारतीय प्रधानमंत्री " नरेंद्र मोदी ओर गृहमंत्री " राजनाथसिंह" के सामने आये जिसमे दोनो यह कहते नजर आये कि देश ऐसे हमलों का मुंहतोड जवाब देगा । मेरा प्रधानमंत्री ओर गृहमंत्री से आग्रह या सवाल है कि कृपया यह स्पष्ट करे कि मुंहतोड जवाब का क्या मतलब है  जब पाकिस्तानी आतंकी हमला करे देगे तब देने की बात करे रहे है या हमला होने से पहले सीमा पर ही जवाब देने की बात आप दोनो कह रहे हो ?  क्योकि इसे मै आपकी सरकार का " शोय॔ " नही मानता कि हमला होने पर मुंहतोड जवाब दिया जाये वह तो हमारे कमांडो का शोय॔ है जो ना कि आपकी सरकार का ..ओर मत भूलिऐ कि ऐसा जवाब तो आपसे पहले कि सरकारे भी देती आयी है लेकिन आपको इसलिए चुना गया है मोदी साहब कि आप सीमा मे घुसने के पहले ही या घुसने के साथ ही मुंहतोड जवाब उन्हें दे सके ।

खुला खत: देश 'झुक' रहा है PM साहेब

'बेकसूर लोग मारे गए और राजनेता तुच्छ बयानबाजी में
उलझे रहे.' 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद एक अंग्रेजी
अखबार ने इन्हीं शब्दों में देश के हालात बयां किए थे.
साल बदले, सत्ता बदली लेकिन हालात बिल्कुल वैसे ही हैं.
देश में आतंकी हमला होता है. जवान शहीद होते हैं. घायल
होते हैं. उनका परिवार बिलखता है. देश का बच्चा-बच्चा
उनके लिए रोता है. लेकिन हमारे 'सो कॉल्ड' नेताओं के
लिए तो यह जैसे यह एक 'बड़ा मौका' है. राजनीति
चमकाने का.
सत्ता संभालने से पहले लाउडस्पीकर लेकर पाकिस्तान को
धूल चटा देने का ढिंढोरा पीटने वाले नरेंद्र मोदी पीएम बने
तो अब उसी देश में जाकर अपना पसंदीदा साग खाने लगे.
कश्मीर का मुद्दा भले ना सुलझे लेकिन पाकिस्तान में
बैठकर कश्मीरी चाय भी पी आए, देश का क्या
है... बेगुनाह मरते रहे हैं, मरते रहेंगे. कौन सी बड़ी बात है
नेताओं के लिए. बहुत होगा तो यही कहेंगे कि हमले का मुंह
तोड़ जवाब देंगे, कड़े शब्दों में निंदा करते हैं,
फलाना..ढिमकाना.
बीते शनिवार को जब आतंकियों ने पठानकोट में हमला
किया तो उसकी जानकारी खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे
पहले मिल गई, फिर भी हमला हो गया. जवान शहीद होते
रहे, घायल होते रहे और देश के प्रधानमंत्री मैसूर में फिर
लाउडस्पीकर पर दहाड़ रहे थे- 'हमें जवानों पर गर्व है.'
लेकिन मुझे इस बात पर शर्म आती है कि 'देश नहीं झुकने
दूंगा' का राग अलापने वाला प्रधानमंत्री खुली आंखों से
देश को तबाह होते देख रहा है. मंच पर मोदी इस बात का
गुणगान कर रहे थे कि उन्होंने योग दिवस का आयोजन
कराया और दुनिया भर में भारत को सिर आंखों पर बिठा
लिया गया. जिस वक्त उन्हें आतंक से निपटने के लिए
रणनीति बनाने और जवानों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास
करना चाहिए उस वक्त वह घटना स्थल से सैकड़ों कोस दूर
राजनीतिक गोटियां फिट करने में व्यस्त थे. उनके पास
इतना भी वक्त नहीं होता कि वह हालात का सही से
जायजा भी ले सकें और एयरपोर्ट पर ही रक्षा मंत्री से
गुफ्तगू करते हैं.
सरकार की नाकामी छुपा रहे हैं गृह मंत्री
देश के गृह मंत्री कहते हैं कि इससे भी बड़ा नुकसान हो
सकता है. शायद उन्हें परिवार में किसी को खोने का गम
मालूम नहीं. हमारे सैनिकों ने मुंह तोड़ जवाब दिया, हमारे
जांबाजों ने बड़ा हमला नाकाम किया... ये राग अलाप रहे
गृह मंत्री अपनी सरकार की नाकामी छुपा रहे हैं. उस
सिस्टम की नाकामी छुपा रहे हैं जिसकी वजह से जवान
शहीद हो रहे हैं और वो गर्व से कह रहे हैं कि 'ज्यादा
नुकसान' नहीं हुआ है. गृह मंत्री साहब को उन शहीद
जवानों के परिवार वालों से नजरें मिलाकर ये शब्द कहने
चाहिए थे तब देश उनके चेहरे का रंग देखता.
दुनिया भ्रमण पर निकले प्रधानमंत्री ने हर जगह आतंकवाद
मिटाने की रट तो लगाई लेकिन अपने ही घर में लगी आग
बुझाने का ख्याल उनको नहीं आता. गुरदासपुर, उधमपुर
और अब पठानकोट में हुआ आतंकी हमला इस बात पर मुहर
लगाता है कि सरकार इस मोर्चे पर फेल है. सिर्फ अपना
झूठा गुणगान कर सकती है, हकीकत कुछ और है.
आखिर PM मोदी के मन में क्या है?
ऐसा नहीं कि आतंकी हमले पहले नहीं हुए. हर सरकार में
होते हैं, लेकिन तब शायद गुजरात के तत्कालीन सीएम
साहेब भूल गए थे कि क्या कहे जा रहे हैं. और विपक्ष वाले
तो हर तरफ से थके-हारे बैठे थे. कुछ मिल नहीं रहा था,
सो बैठे-बिठाए पठानकोट का मुद्दा मिल गया और लगे
भुनाने. 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' टाइप मामला है.
कभी विपक्षी सरकार पर यह कहते हुए कि 'पाकिस्तान
को लव लेटर लिखना बंद करिए', निशाना साधने वाले मोदी
क्या खुद इस बात पर अमल कर पाए हैं? साड़ी, शॉल और
पगड़ी के तोहफे बंट रहे हैं और सेना के जवानों की वर्दी
खून से रंग रही है. 'मन की बात' करने वाले प्रधानमंत्री
जरा इस राज से पर्दा हटाएं कि असल में उनके मन में चल
क्या रहा है?

शहीद होने से पहले आतंकी को उसी की राइफल से मार गिराया

पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए
कॉन्स्टेबल जगदीश सिंह ने शहादत से पहले ऐसे
कारनामा कर दिखाया, जिसे याद कर देश उन पर सालों तक नाज करेगा.
शोक में डूबा शहीद जवान का गांव, पिता बोले- शहादत
पर गर्व
ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन
पठानकोट एयरफोर्स के एयर ऑफिसर कमांडिंग
(एओसी) जेएस धमून ने रविवार को बताया कि किस
तरह डीएससी (डिफेंड
सिक्यॉरिटी कॉर्प्स) के कॉन्स्टेबल जगदीश
ने शहीद होने से पहले एक आतंकी को
उसी की राइफल से मार गिराया. धमून ने
बताया कि 1 जनवरी को उन्हें इनपुट मिला था कि
पठानकोट में आतंकियों की घुसपैठ हुई है. सर्च
ऑपरेशन शुरू हुआ तो गुरदासपुर के पास उनकी
लोकेशन पता चली. खुफिया जानकारी
मिली कि पाठनकोट उनके निशाने पर हो सकता है.
इसके बाद वायुसेना तुरंत सक्रिय हो गई और
एनएसजी, इंडियन आर्मी से
भी संपर्क किया गया.
गरुड कमांडोज का हुआ आतंकियों से सामना
धमून के मुताबिक, रात को एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो सर्च
ऑपरेशन कर रहे थे कि तभी उनका आतंकियों से
सामना हुआ. वे चार आतंकवादी थे. इस हमले में
एक जवान घायल हो गया, जबकि एक शहीद हो
गया. इसके बाद आतंकी बिल्डिंग की
खिड़कियों पर फायरिंग करते हुए भागे. इस दौरान, कुछ जवान
डीएससी मेस के कुक हाउस में सुबह
के नाश्ते की तैयारी कर रहे थे. वहां पर
लाइटें जल रही थीं. आतंकियों ने फायरिंग
शुरू कर दी.'
जगदीश ने आतंकी से
छीनी उसकी राइफल और उसे
मार गिराया
धमून ने बताया कि आतंकियों के इस हमले में तीन
जवान शहीद हो गए. उसके बाद आतंकी
खुले इलाके की तरफ गए. उनके पीछे
एक डीएससी जवान जगदीश
सिंह भागे. दोनों में मुठभेड़ हुई और इस इसी दौरान
हवलदार जगदीश ने आतंकी से
उसकी ही राइफल छीनकर
उसे ढेर कर दिया. इसके बाद वे बाकी आतंकियों का
पीछा करने के लिए उनकी तरफ भागे,
लेकिन इस लड़ाई में वे आतंकियों की गोली
के शिकार हो गए लड़ते-लड़ते हुए शहीद हो गए.
सात जवान शहीद
धमून ने बताया कि इस हमले में शहीद होने वालों में
एक जवान गरुड़ का और पांच डीएससी के
जवान हैं. शहीदों में एक एनएसजी
कमांडो भी शामिल हैं.

स्वामी बोले- पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बांटो और सबक सिखाओ

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान
को सबक सिखाने के लिए रणनीति योजना बनाने की जरूरत
है और पड़ोसी देश को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान
को चार टुकड़ों में बांटना होगा.
Time to put in place a strategic 2 year plan to
teach Pak by breaking it into 4. But you need
Chinese neutrality for that
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 3,
2016
इससे पहले पिछले महीने स्वामी ने प्रधानमंत्री के औचक
पाकिस्तान दौरे पर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
को फैसले लेने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, क्योंकि
उन्होंने इसकी जिम्मेदारी ली है. पाकिस्तान के अचानक
दौरे के एक दिन बाद बीजेपी ने ट्वीट किया था,
पाकिस्तान के मुद्दे पर नमो को मुक्त हस्त प्रदान करना
चाहिए, क्योंकि वह एक रणनीति पर काम कर रहे हैं.
स्वामी ने कहा, 'प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें जोखिम भरे
फैसले लेने की छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने इसकी
जिम्मेदारी ली है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में
काबुल से नई दिल्ली लौटते के दौरान सबको चौंकाते हुए
अचानक लाहौर का दौरा किया, जहां उन्होंने पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की.
पाकिस्तान ने की हमले की निंदा
पाकिस्तान ने पठानकोट में हुए आतंकी हमले की निंदा की
है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान
में भारत में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई है. आतंकी
हमले की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा
कि पाकिस्तान से उफा में बातचीत और पीएम के लाहौर
दौरे के बाद भारत को यह सिला मिला है. सरकार को
चाहिए कि वह अपनी कूटनीति और विदेश नीति पर फिर से
विचार करे.
30 दिसंबर को भारत में घुसे थे आतंकी
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी 30 दिसंबर को गुरदासपुर से
लगी सीमा से भारत में घुसे थे. सभी जैश-ए-मोहम्मद के
आतंकी बताए जाते हैं. बताया जाता है कि आतंकियों को
बहावलपुर में ट्रेनिंग मिली और इनके हैंडलर का नाम
मोहम्मद अशफाक और हाजी अब्दुल है. सभी 6 आतंकियों
को वायुसेना के विमान उड़ाने का टास्क दिया गया था.
आशंका जताई जा रही है कि आतंकी दो ग्रुप में बंटकर
हमले के लिए निकले हैं. लिहाजा, अलग-अलग इलाकों में भी
सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है.
आतंकियों ने पाकिस्तान किए थे फोन
खुफिया एजेंसियों को पठानकोट हमले के आतंकियों के
फोन कॉल डिटेल मिले हैं. इसके मुताबिक रात डेढ़ से पौने
दो बजे के बीच आतंकियों ने पाकिस्तान में चार फोन कॉल
किए थे. खुफिया एजेंसियों ने ये फोन कॉल ट्रेस किए हैं.

भूकंप

6.7 तीव्रता के भूकंप से हिला पूर्वोत्तर भारत, 6 की मौत, 100 से ज्यादा घायल #earthquake

पठानकोट अटैक : ट्विटर पर ट्रेंड हुआ 'कमजोर सरकार'

Navbharat Times: पठानकोट अटैक : ट्विटर पर ट्रेंड हुआ 'कमजोर सरकार'
http://nbt.in/dWSgnZ/baa 

पठानकोट में पिछले दो दिनों से भारत के जवान आतंकियों के
खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। एयरबेस में
अभी भी एक
आतंकी के छिपे होने की खबर
है, जबकि 7 जवान शहीद हो चुके हैं।
उधर रविवार को देर रात आतंकी हमले को
लेकर ट्विटर पर लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ
#KamjorSarkar ट्रेंड कराया। इस हैशटैग
की मदद से किए गए ट्वीट में
मोदी सरकार पर आतंक के खिलाफ ढुलमुल
रवैये का आरोप लगाया जाता रहा।
पठानकोट आतंकी हमले की
शुरुआती जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले
हैं कि इसका कनेक्शन पाकिस्तान से है। बताया जा रहा
है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने इस हमले को
अंजाम दिया है। इस सूचना के बाद ट्विटर पर
पीएम मोदी के हालिया पाकिस्तान
दौरे की भी आलोचना हो
रही है।
इससे पहले रविवार को कश्मीर के पूर्व
सीएम उमर अब्दुल्ला भी ट्विटर
पर पीएम मोदी के खिलाफ निशाना
साध चुके हैं। उमर ने लिखा कि जब पठानकोट एयरबेस में
मुठभेड़ जारी है योग पर भाषण देना कुछ जंचा
नहीं। दरअसल पीएम उस
समय कर्नाटक में 21वें इंटरनैशनल योगा कॉन्फ्रेंस को
संबोधित कर रहे थे।
देखिए #KamjorSarkar से कैसे-कैसे ट्वीट
हुए

1 - #KamjorSarkar pic.twitter.com/
IuquBFRm32
#KamjorSarkarpic.twitter.com/
IuquBFRm32 January 3, 2016

2- अगर हमले की सिर्फ निंदा ही
करनी है तो, मनमोहन जी क्या
ख़राब निंदा करते थे.?? उन्हें निंदा करने का १० साल का तजुरबा भी था!! #KamjorSarkar
#KamjorSarkar January 3, 2016

3- #KamjorSarkar ke mooh mein ek chamach
#BabaRamdev ka #Patanjali Chawanprash dedo. #AcheDin ki kripa khud aani shuru ho jayegi. #Pipebomb
#KamjorSarkar #BabaRamdev #Patanjali 3, 2016

4- Terrorists lucky didnt kill cows in
Pathankot or else these veers wud have killed them. #KamjorSarkar Afghanistan
pic.twitter.com/6OSwzk4Xt6
#KamjorSarkarpic.twitter.com/6OSwzk4Xt
3, 2016

5- Mr.#PM dare have a selfie with family of Martyrs and boast about your illogical diplomacy? #KamjorSarkar
pic.twitter.com/KSZJYmFAny
#PM #KamjorSarkarpic.twitter.com/
KSZJYmFAnyJanuary 3, 2016

इंदिरा गांधी के हत्यारों को दिया गया सम्मान

इंदिरा गांधी के हत्यारों को दिया गया सम्मान http://bit.ly/WAY2A- Via Way2

पठानकोट हमला

पठानकोट हमले में सबसे दु:खद है सरकार का अपने ऐक्शन पर खुद का पीठ थपथपाना। जबकि सरकार के लिए डूब मरने वाली बड़ी विफलता है।

जरा पठानकोट आतंकी हमले की कहानी को देसी स्टाइल में शार्ट में समझें और जानें कि पंजाब से लेकर दिल्ली तक सरकार का सिस्टम ध्वस्त हो गया।

24 घंटे का टाइम देकर आतंकवादी कह कर घुसे। पांच आतंकवादी पंजाब आते हैं। घूमते हुए एसपी की लालबत्ती वाली गाड़ी को अगवा करते हैं। कुछ घंटे उन्हें घुमाते हैं। और फिर आतंकी उन्हें गाड़ी से फेंक निकल जाते हैं।

एसपी थाने जाता है। कहानी बताता है। साफ बताता है कि आतंकवादी घुस आए हैं और वे कोई हमला करने की योजना में है। पंजाब से लेकर दिल्ली तक यह सूचना 48 घंटे पहले आ जाती है।

उधर आतंकी एसपी की गाड़ी पर उसी इलाके में आराम से घूमते हैं। टहलते हैं। एयरफोर्स स्टेशन की रेकी करते हैं। और पूरे 50 घंटे तक वह पूरे देश की सुरक्षा एजेंसी को खुल्ला चैलेंज करते हैं- कैच मी इफ यू कैन। वह उसी इलाके में रहते हैं। पूरे देश को यह जानकारी होती है कि 5 खूंखार आतंकवादी पठानकोट इलाके में हैं। लेकिन पंजाब पुलिस और दिल्ली की सुरक्षा एजेंसी उन्हें खोज नहीं पाती है।

और फिर वे एयरफोर्स स्टेशन घुसते हैं,11 जवानों को मारते हैं। इतने ही गंभीर रूप से घायल करते हैं, सेना के जवान मर रहे हैं। किसी को कुछ पता नहीं है कि क्या हो रहा है, कितना नुकसान होगा।

लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी सरकार खुद को पीठ थपथपाने में जुट चुकी है। इस घटना को वे प्रॉम्प्ट ऐक्शन कहते हैं। और सरकार से भी अधिक उनके सपोर्टर को देखने की हैरानी होती है जो यह मानने को तैयार भी हो जाते हैं कि हां यह प्रॉम्प्ट ऐक्शन था।

कम से कम शांत हो जाते तो भी इतना बुरा नहीं दिखते जितने लग रहे हैं। ऐसा ही दूसरे मोर्चे पर भी रहा है।

मोदी सरकार को अगर आज कोई सबसे अधिक नुकसान कर रहे हैं तो वह उनके समर्थक हैं जो गलती को ठीक करने के बजाय, उसे प्रोत्साहित करते हैं।

जानवरों के कुछ और मजेदार तथ्य

जानवरों के कुछ और मजेदार तथ्य
जानवरों की आदते अजीब होती हैं। कई बार तो हमें
जानवरों के बारे में ऐसे तथ्य मालूम पड़ते हैं, ‍जो हमें
चौंका देते हैं। जानवरों के बारे में ऐसी कुछ रोचक
जानकारियां हम आप तक लाए हैं।
* हाथी अपनी सूंड में 5 लीटर तक पानी रख
सकता है।
* अफ्रीकी हाथी के मुंह में केवल चार ही दांत
होते हैं।
* मधुमक्खी एक बार में 20 लाख फूलों का रस
पी सकती है। और उसके बाद मात्र 45
किलो ही शहद बनाती है।
* व्हेल मछली उलटी दिशा में नहीं तैर सकती।
* समुद्र मे गहरा गोता लगाने के लिए मगरमच्छ
कभी-कभी भारी पत्थर भी निगल लेता है।
* शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है,
लेकिन वह गेंडे और हाथी से
कभी भी लड़ना नहीं चाहता।
* टिड्डे का खून सफेद रंग का होता है।
* कुत्ते की श्रवणशक्ति यानी सुनने
की क्षमता मनुष्य से 9 गुना अधिक तेज होती है।
* हिपोपोटोमास (दरियाई घोडे़) उन बहुत कम
जानवरों में से एक है, जो पानी में बच्चों को जन्म देते
हैं।
* ब्लू व्हेल की हृदय एक मिनट में मात्र 9 बार
ही धड़कता है।
* घोडे खडे़-खडे़ ही नींद लेते हैं।
* बंदर हमेशा केला छीलकर खाते हैं।
किसी भी नस्ल का बंदर छिलके सहित
केला नहीं खाता।

Helpline Numbers

મદદમા આવી શકે તેવા નંબર

1-> પોલીસ -: 101

2-> એમ્બ્યુલન્સ – 108

3-> ઓટોરિક્શા તરફથી હેરાનગતી થતી હોય તો ટ્રાફિક પોલીસ
નો નંબર -: 1095

4-> એન્ટી કરપ્શન અંગે ફરિયાદ નો નંબર – : 180023344444
->એનો બીજો નંબર વોટસએપ -: 9586800870 (આંમા શક્ય
હોય તો ઓડિયૉ , વિડીઓ કે ફોટો મોકલવો )

5-> આપઘાત ના વિચારો આવતા હોય તો તેમ આપઘાત કરશો નહી તે માટે આ (1096)નંબર ઉપર ફોન કરો.

6-> મહિલા હેરાન થતી હોય તો નંબર -: 1019

7-> વરિષ્ઠ નાગરિકો અને બાળકો અંગે મદદની જરૂરિયાત માટે નંબર
-: 1090

8-> જો પ્રવાસ દરમિયાન કાંઈ તકલીફ થાય તો નંબર -:
9969777888

9-> આપણી આંખ સામે કાંઈ અજગતુ થતુ હોય પરંતુ આપણે
આપણી ઓળખ પોલીસ ને આપવી ન હોય તો આ નંબર :
7738133144 અને 7738144144 ઉપર પોલીસને એસએમએસ કરો, પોલીસ સંભાળી લેશે.

10 -> સાઈબર ગુના માટે નંબર -: 9820810007

11 -> રેલવે પ્રવાસ દરમિયાન કાંઈ પણ સામાન ખોવાય તો નંબર
જોડો -: 9833331111

આ હેલ્પલાઇન નંબર ને વધુ ને વધુ ફોરવર્ડ કરો . જેથી કોઈને સંકટ
સમયે કામ આવી જાય.

आज कलम का कागज से, मै दंगा करने वाला हूँ।

आज कलम का कागज से,
मै दंगा करने वाला हूँ।

मीडिया की सच्चाई को मैं,
नंगा करने वाला हूँ।

मीडिया जिसको लोकतंत्र का,
चौंथा खंभा होना था।

खबरों की पावनता में, 
जिसको गंगा होना था।

आज वही दिखता है हमको,
वैश्या के किरदारों में।

बिकने को तैयार खड़ा है,
गली चौक बाजारों में।

दाल में काला होता है,
तुम काली दाल दिखाते हो।

सुरा सुंदरी उपहारों की,
खूब मलाई खाते हो।

गले मिले सलमान से आमिर,
ये खबरों का स्तर है।

और दिखाते इंद्राणी का,
कितने फिट का बिस्तर है।

म्यॉमार में सेना के,
साहस का खंडन करते हो।

और हमेशा दाउद का,
तुम महिमा मंडन करते हो।

लोकतंत्र की संप्रभुता पर,
तुमने कैसा मारा चाटा है।

सबसे ज्यादा तुमने हिन्दू ,
मुसलमान को बाँटा है।   

दिल्ली में जब पापी वहशी,
चीरहरण मे लगे रहे।

तुम एश्श्वर्या की बेटी के,
नामकरण मे लगे रहे।

'दिल से' दुनिया समझ रही है,
खेल ये बेहद गंदा है।

मीडिया हाउस और नही कुछ,
ब्लैकमेलिंग का धंधा है।

गूंगे की आवाज बनो,
अंधे की लाठी हो जाओ।

सत्य लिखो निष्पक्ष लिखो,
और फिर से जिंदा हो जाओ ।।
~~~~~~~~~~~~~~~

लेह-लद्दाख का मैग्नेटिक हिल

लेह-लद्दाख के क्षेत्र में स्थित इस जगह को 'ग्रैविटी हिल' भी कहा जाता है। लेह-कारगिल, श्रीनगर नेशनल हाईवे पर स्थित यह जगह लेह से 50 किमी दूर है
और समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
मैग्नेटिक हिल लेह आने वाले पर्यटकों के बीच
काफी मशहूर है।
इस पहाड़ी की खासियत है कि यहां से गुजरने वाली हर कार खुद-ब-खुद रास्ते पर जमी रहती है।
सामान्य भाषा में कहें, तो आमतौर पर पहाड़ी रास्तों में हम गाड़ी गियर में खड़ी करते है,
लेकिन यहां अगर आप अपनी गाड़ी न्यूट्रल में भी खड़ा कर दें, तो भी गाड़ी घाटी से नीचे नहीं
फिसलेगी।
हालांकि यह लोगों का भ्रम है कि पहाड़ी के ऊपर गाड़ियां घूमने लगती हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसके पीछे जो कारण छिपा है, उसके मुताबिक, यह विशुद्ध रूप से 'ऑप्टिकल इफेक्ट' के चलते होता है,
जो पहाड़ी की वास्तविक और विशिष्ट बनावट के चलते उत्पन्न होता है।

आँखों में है X-Ray विज़न

Natasha - एक रसियन लड़की, जिसकी आँखों में है X-Ray विज़न
Natasha Demkina, 17 साल कि एक रसियन लड़की है इसकी खासियत यह है कि इसकी आँखों में X-Ray विज़न है।
यह अपनी आँखों से किसी के भी शरीर के अंदर देख सकती है और बिमारियों को पहचान सकती है।
Natasha अब तक लंदन, न्यूयॉर्क और जापान के डाकटरों और वैज्ञानिकों के सामने अपनी आँखों का कमाल दिखा चुकी है और तीनों ही जगह उसके इस अदभुत गुण को सहमति मिली है
Natasha Demkina का कहना है कि वो जो देखती है उसे समझने में उसे कुछ टाइम लगता है पर वो एकदम सही बीमारी पहचानती है
यहाँ तक कि कभी कभी तो वो बहुत ही शुरूआती अवस्था में बिमारी को पहचान लेती है जब कि डाक्टर्स उसे नहीं पहचान पाते है।
जापनी डाक्टर्स के सामने उसने एक मरीज़ के कृत्रिम घुटने को पहचाना, एक मरीज़ कि रीढ़ कि हड्डी कि विकृति को पहचाना, एक और मरीज़ के शारीर में कृत्रिम अंगों को पहचाना, एक औरत कि प्रेग्नेंसी कि प्रारंभिक अवस्था को पहचाना, एक कुत्ते के पैर में लगे उपकरण को पहचाना।
लेकिन डाक्टर्स को हैरानी तब हुई जब उसने कहा कि वो केवल फ़ोटो देखकर भी बीमारी पहचान सकती है।
जब डाक्टर्स ने उसके सामने एक पेशेंट कि फ़ोटो रखी तो उसने कहा कि इसे लीवर केंसर है जो कि उसे था।
Natasha Demkina का कहना है कि उसमे X-Ray विज़न बचपन से नहीं है।
उसके अनुसार 10 साल तक तो वो एक सामान्य बच्ची ही थी ,पर उसके बाद जब वह एक दिन अपनी माँ को देख रही थी तो उसे माँ के शरीरके अंदर के सारे अंग दिखाई देने लगे। अपनी इस X-Ray विज़न को वो मेडिकल विज़न कहती है और उसके अनुसार समय के साथ साथ उसकी यह मेडिकल विज़न और तेज़ हो रही है।
सौ : www.ajabgjab.com

यह जंगल नही एक पेड़ हैं

यह जंगल नहीं एक पेड़ है
दुनिया का सबसे चोडा पेड़ 144400 वर्ग मीटर में फेला है।
कोलकाता के पास The Acharya Jagadish Chandra Bose Botanical Garden में लगा ये पेड़ 250 साल से अधिक समय में इतना विशाल हो पाया है।
दूर से देखने में ये पेड़ एक जंगल की तरह नज़र आता है।
दरअसल, बरगद के पेड़ की शाखाओ से जटाए पानी की तलाश में निचे जमीन की और बढती है। वे बाद में जड़ के रूप में पेड़ को पानी और सहारा देने लगती है। ये सिलसिला चलता जाता है।
Photograph by: BiswarupGangulyajabgjab.com

लोकप्रिय पोस्ट