बुधवार, 2 मार्च 2016

2016 का बजट क्यो पूँजीपतियों के लिए ही है ???

देश का सेवक एवं पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्री होने के नाते.....दिल की बात......
जो इंसान स्वच्छता की बात करता हो और स्वच्छ जल देने वाली कम्पनीयों को फायदा पहुँचाने हेतु पानी की बोतल महंगा करने के आदेश दे तो वो पूँजीपतियों का ही है क्योंकी 2 रू के ही लागत से तैयार होता है, पानी का बोतल...जो डीवीडी,माईक्रोवेव कि जरूरत नहीं वो सस्ता क्यों ???
फुटवियर सस्ता, जो कई साल पर एक बार खरीदता है इंसान ।
स्मृती ईरानी जी जैसी, जिनको ये मालुम है की अभिनय कैसे करना चाहिए और जिनको ये नहीं ज्ञात की अब तक क्या पढी है,कब पढी है और कहाँ से पढी है उनके मंत्रालय को 72,394 करोड़ देश के शिक्षा विभाग मे भारी लुट एवं भ्रष्टाचार को बढावा ही देगा ।
कर्मचारियों के खुन-पसीने की पूँजी ईपीएफ पर भी सरकार द्वारा शोषण किया जाएगा ।
बीपीएल को एलपीजी क्नेक्शन तो मिलेगा लेकिन पूँजी ही नहीं रहेगी की वो इसका उपभोग कर सके,तो इसका क्या फायदा, बीपीएल हेतु सब्सीडी को और बढाना चाहिए लेकिन सरकार जानती है ना रहेगी बांस(पैसा) और ना ही बजेगी बांसुरी (एलपीजी का उपभोग) ।
किसानो को उपकरणों पर भारी छुट देना चाहिए था, पैदावार बढाने हेतु नई टेक्नोलाँजी पर सरकार को बढावा देना चाहिए था लेकिन सरकार का ध्यान सिर्फ इस बात पर है की कुछ कर्ज लिए कुछ किसानो के कर्ज की भरपाई कर दि जाए एवं कर्ज नहीं लेने वाले किसानो को कोई छुट नहीं, उनको उसी हाल में सरकार द्वारा छोड़ना और कोई राहत अन्य किसानो को नहीं मिला ।
युवाओ को रोजगार चाहिए लेकिन सरकार कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से पूँजीपतियों के आई•टी•आई एवं अन्य संस्थानो को फायदा पहुँचाने हेतु 1700 करोड़ रूपये ।
स्टार्ट-अप भी पैसे का खेल है और ये भी पूँजीपतियों के लिए ही है, मध्यमवर्गीय परिवार तो कैसे भी रोजगार चाहता है लेकिन कर्ज नहीं चाहता, कम्पनीयाँ कौन खोलता है ???
50 लाख तक के मकान पर 50 हजार तक के छुट से अब सब कुछ महँगा हो जाएगा, माँग बढेगी और पूँजीपतियों द्वारा रीयल स्टेट में का फायदा बढता ही जाएगा एवं जमीन मध्यम वर्ग के लोगो के हाथ से दूर होता चला जाएगा ।

सौ - प्रभाकर ओझा
अर्थशास्त्री
अर्थशास्त्र विभाग
पटना विश्वविद्यालय

कन्हैया की 'आझादी ' हीटलर (मोदी) के पतन का कारण बनेगी !

जर्मन तानाशाह हीटलर के सिध्धांतो पर चलकर अबतक सफल रही नरेन्द्र मोदी की षडयंत्रकारी सोच जेऐनयु छात्रसंध के अध्यक्ष कन्हैयाकी आझाद विचारधारा को कुचलने मे नाकाम रही !

हीटलरने प्रीन्ट मीडीया और रेडीयो को मजबुरन अपने पक्षमे करके जुठ को सच या सच को जुठ साबित करनेका औजार बनाया था ! जो नही माने ऊन्हे प्रताडीत या प्रतिबंधित कर दीया गया ! बीलकुल वही तर्ज पर झी न्युज , ईन्डीया टीवी और टाईम्स नाऊ जैसे बीना रीडकी हड्डीवाले मीडीया हाऊस को शिक्षामंत्री ईरानी और ऊनकी सहेली के रचे जेऐनयु विरोधी षडयंत्र पर खुला छोड दीया गया ! 'बडा जुठ बोलो , निरंतर बोलते रहो तो वह स्वीकार्य होने लगता है ' , हीटलरके जीवन से पायी यही शिक्षा के चलते मोदी और संध के गुर्गे भांड पत्रकारो के साथ मीलकर फर्जी वीडीयो को सच साबित करने चील्लाने लगे ! देशका ऐक गरीब-दलीत परिवार का बेटा संधवाद का विरोध करनेके दुसाहस के कारण सरेआम राष्ट्रद्रोही धोषित कर दीया गया !

हीटलर यह मानता था की अपने बौधिक शत्रुओ को अनैतिक और आतंकी साबित कर या हत्या कर समाप्त करना सरल होता है ! सत्य और विश्वास के खीलाफ लडना ग्यान के खीलाफ लडने से सरल है ! मोदी गेंग ने यही हीटलर बोध के चलते कन्हैया के विचारो के बजाय खुद कन्हैया को खत्म करने की साजीश रची ! संधवाद, मुडीवाद, साम्राज्यवाद और गरीबी से आझादी की जंग छेडनेवाले ईस नौजवान को देश की आझादी के साथ जोडकर देशद्रोही बनाकर सलाखो के पीछे डाल दीया गया !

अदालत की दहेलीज पर पुलीस , पत्रकार और सरकार की नीचता चल नही पायेगी यह जाननेवाले फर्जी राष्ट्रभक्तो ने कन्हैया पर शारीरीक हमला कर अपनी हताशामिश्रीत कायरता का जो प्रदर्शन कीया वह भी मोदीकी हीटलरनिति के तहेत था ! मानवता वे मुर्खता ऐवं कायरता का परिचायक है यह सीखे संधी संगठनने ऐक शारीरीक रुप से अशक्त पिता और आंगणवाडी मे काम करती गरीब मां के बेटे को सिर्फ सीयासी फायदे के लीये खत्म कर देने का अमानवीय और निर्लज्ज प्रयास कीया !

मगर मोदीजी यह भुल गये की यह जर्मन नही है भारत है ! यह जनरल डायरकी गोलीयो से भीड जानेवाला और फांसी के फंदे को चुमनेवाली भगतसिंह की विरासत का देश है ! अंग्रेजो की जुल्मी सल्तनत को गांधी,नहेरु और सरदार की अंहीसक सोच से पराजीत करना मेरे देशकी खुबी है ! ईस देशके नौजवानो ने सत्ता का फीतुर पाले कंई राजनैतिको को धुल चटाई है ! ऐक  रोहीत को मारोगे तो ऊसकी चिता की लपटोसे ऊर्जा पाकर हजारो रोहीत पैदा हो जायेंगे ! कन्हैया व्यक्ति नही प्रतिक है वह सब आझाद नीडर और मुखर हीन्दुस्तानीयो का जो सत्ता के तलवे चाटकर अपना जीवननिर्वाह करने केलीये विवश नही है !

सत्ता , शक्ति और षडयंत्र पर टीकी मोदी सरकार के मुंह पर ऐक सच्चे राष्ट्रभक्त का यह करारा तमाचा है ! यह संदेश है विवेकानंद के चौले मे छीपी मोदी की हीटलर मानसिकता को की समल जाओ वरना कराडो कन्हैयाओ की थप्पड के लीये तैयार रहो !

सौ - राजेश ठाकर (आझाद भारतीय)
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