मंगलवार, 5 जनवरी 2016

अंतागढ़ उपचुनाव फिक्सिंग : अमित जोगी की किस्मत का आज होगा फैसला

छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ उपचुनाव फिक्सिंग के कथित
आडियो टेप प्रकरण के बाद बुधवार को कांग्रेस की
बड़ी बैठक होने जा रही है. आज की बैठक में अमित
जोगी के कांग्रेस पार्टी में भविष्य पर फैसला होगा.
आज यह फैसला हो जाएगा कि अमित जोगी
पार्टी में रहेंगे या फिर उन्हें पार्टी से बाहर का
रास्ता दिखाया जाएगा. आपको बता दें की
अमित जोगी ने कांग्रेस महासचिव गिरीश देवांगन
को कारण बताओ नोटिस का जवाब दे चुके हैं. इसके
साथ ही बैठक में 11 नगरीय निकाय चुनाव के
विजयी हुए 8 नवनिर्वाचित निकाय प्रमुखों का
स्वागत किया जाएगा.
साथ ही बैठक में प्रदेश कांग्रेस के जनवरी माह के
कार्यक्रमों पर भी विचार किया जाएगा. इसके
साथ ही प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों
पर भी चर्चा की जाएगी, जिसमें प्रदेश में
पेट्रोलियम पदार्थ पर मूल्य वृद्धि, किसानों के
द्वारा की जा रही आत्महत्या, किसानों को दिए
जाने वाले बोनस की राशि को लेकर भाजपा
सरकार की वादा खिलाफी प्रदेश में व्यापक सूखे पर
सरकार की बेरुखी, धान खरीदी में किसान को हो
रही कठिनाइयों पर कांग्रेस की रणनीति बनाई
जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस के नए कार्यालय भवन के निर्माण की
शुरुआत की जानी है. इस पर भी पदाधिकारियों की
बैठक में विचार होगा.

भाजपा नेता के शादीशुदा भाई ने किया नाबालिग से रेप

जबलपुर में एक भाजपा नेता के शादीशुदा भाई ने एक
नाबालिग लड़की को झांसा देकर उसके साथ रेप कर दिया.
घटना के बाद से ही आरोपी फरार है.
घटना घमापुर थाना के अंतर्गत भगवानदास स्कूल इलाके
की है. जहां रहने वाली 17
वर्षीय नाबालिग 22 दिसम्बर को अचानक गायब हो गई
थी. जिसके बाद लड़की के परिजनों ने
घमापुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
करवाई थी. शिकायत के बाद से ही पुलिस
लड़की की तलाश कर रही
थी.
कुछ दिनों बाद जब लड़की खुद घर पहुंची
तो पता चला कि घमापुर क्षेत्र में ही रहने वाला
रंजीत चमकेल नामक युवक नाबालिग को बहला
फुसलाकर अपने साथ डिंडोरी ले गया था. जहां उसने
नाबालिक के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे छोड़कर फरार हो
गया.
बाद में जैसे-तैसे नाबालिग अपने घर वापस जबलपुर
पहुंची और घरवालों को पूरी घटना के बारे
में बताया. मामला सामने आते ही परिजन
पीड़िता को लेकर थाने पहुंचे लेकिन पुलिस ने शिकायत
दर्ज करने की जगह मामले को दबाने का प्रयास किया.
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपी
रंजीत शादीशुदा है और
भाजपा नेता अविनाश चमकेल का भाई है, इस वजह से पुलिस इस मामले को
दबाने की कोशिश में लगी हुई है.
हालांकि, मीडिया के दखल के बाद पुलिस ने
आरोपी रंजीत चमकेल के खिलाफ नाबालिग
के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल
आरोपी रंजीत फरार है
जिसकी तलाश की जा रही
है.

असहिष्णुता विवाद: आमिर खान से पूछताछ करेगी पुलिस

नया साल आमिर खान के लिए मुश्किलें लेकर आया
है. बीते साल असहिष्णुता पर दिए गए आमिर के
बयान पर छत्तीसगढ़ पुलिस उनसे पूछताछ करेगी.
रायपुर में आमिर के असहिष्णुता पर दिए गए बयान पर
निचली अदालत में एक शिकायत दायर की गई थी.
इस शिकायत पर सुनवाई करते निचली अदालत ने
पुलिस को आदेश दिया है कि आमिर खान से
पूछताछ करें.
बताया जा रहा है अदालत के आदेश के बाद
छत्तीसगढ़ की पुरानी बस्ती पुलिस मामले की जांच
के लिए मुंबई जाएगी और वहां आमिर खान का
बयान दर्ज कर रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी. अदालत
ने इसके लिए 15 फरवरी तक का समय दिया है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों असहिष्णुता को लेकर
देशभर में काफी बवाल मचा. कई बड़ी हस्तियों ने
बयान दिए थे.
फिल्म अभिनेता आमिर खान ने भी एक कार्यक्रम
के दौरान असहिष्णुता को लेकर बयान दिया था.
इस बयान को लेकर अधिवक्ता दीपक दीवान ने
न्यायिक मजिस्ट्रेट विनय प्रधान की अदालत में
शिकायत दायर कर आमिर खान के खिलाफ
आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी.
मंगलवार को शिकायतकर्ता की ओर से दो
साक्ष्यों आलोक दत्त झा और देवेन्द्र सलूजा का
अदालत में बयान लिया गया, जिसके बाद अदालत ने
जांच का जिम्मा पुलिस को सौंपा है.
शिकायत करने वाले शख्स का कहना है कि आमिर के
बयान से सामाजिक सौहार्द और प्रेम के वातावरण
पर प्रतिकूल असर पड़ा है और विभिन्न धार्मिक और
जातीय समुदायों के बीच दुश्मनी की भावना पैदा
हो रही है, जिससे वे आहत हैं इसलिए आमिर खान के
खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए.

हरियाणा पंचायत चुनावः दलितों को हिंसा का डर, मांगा अलग बूथ

हरियाणा के भिवानी में पंचायत चुनाव के लिए धाना
लादनपुर गांव के दलितों ने बूथ बदलने की मांग
की है. उन्हें पिछले पंचायत चुनाव की
तरह हिंसा का डर है. गांव में फिलहाल दलित सरपंच
ही हैं. सरपंच राधेश्याम ने जिला चुनाव
अधिकारी साकेत कुमार को बताया कि पिछली
बार ऊंची जाति वालों और दलितों के बीच
हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी.
अब बूथ बदलवाने के लिए दलित समुदाय ने डिप्टी
कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन मुख्यमंत्री को
संबोधित है.
दलितों को छोड़ना पड़ा था गांव
राधेश्याम ने अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून को बताया कि
पिछले चुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद दलितों को गांव छोड़ने के
लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद उन्हें दोबारा लौटने में
काफी वक्त लग गया था. वे पुलिस और प्रशासन के
इस भरोसे के बाद ही वापस आए थे कि अब
उनकी जिंदगी को कोई खतरा
नहीं है. ज्ञापन सौंपने गए लोगों में से एक और
व्यक्ति ने कहा कि गांव में ऊंची जाति के लोगों और
दलितों के बीच आज भी वैर कायम है.
यह गांव भिवानी ब्लॉक में आता है. यहां 10
जनवरी को चुनाव है .
दलित चौपाल पर बूथ की मांग
दलित समुदाय ने मांग की है कि बूथ नंबर 4,7,8,9,10
और 11 को दलित चौपाल पर शिफ्ट किया जाए. ताकि
किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके.
इन बूथों में ऊंची जाति के वोटर भी आते
हैं और ये बूथ एक सरकारी स्कूल में बने हैं.
सरपंच पद की उम्मीदवार के पति बलवान
प्रजापत ने भी कहा कि अलग बूथ बनाने से विवाद से
बचा जा सकता है. सरपंच पद के लिए अबकी बार नौ
उम्मीदवार मैदान में हैं.

ट्वीट्स की कैरक्टर लिमिट 140 से बढ़ाकर 10,000 करने पर विचार कर रहा है ट्विटर

रिपोर्ट : खबर है कि ट्विटर 140 कैरक्टर्स की लिमिट
को बढ़ाकर 10 हजार कैरक्टर्स करने की
तैयारी कर रहा है। टेक न्यूज वेबसाइट Re/code
की रिपोर्ट के मुताबिक 10 हजार कैरक्टर्स
की लिमिट होने पर यूजर्स स्पेस और पंक्चुएशन
मार्क्स के साथ 1000 से ज्यादा शब्द लिख
पाएंगे।
यह फीचर किस दिन लॉन्च किया जाएगा,
यह तो पता नहीं मगर रिपोर्ट के मुताबिक
ट्विटर इस सर्विस को पहली तिमाही के
आखिर में पेश कर सकता है। यह भी संभव है कि
फाइनल प्रॉडक्ट को लॉन्च किए जाने से पहले
कैरक्टर लिमिट 10 हजार के अलावा कुछ और
हो।
ट्विटर के को-फाउंडर और सीईओ जैक डोर्सी
ने कहा कि कंपनी ने देखा है कि लोग टेक्स्ट के
स्क्रीनशॉट ट्वीट कर रहे हैं ताकि वे 140
कैरक्टर्स से ज्यादा टेक्स्ट शेयर कर सकें। उन्होंने
कहा कि लोगों को और सुविधा हो, इसके
लिए हमें ट्विटर को और बेहतर बनाने से पीछे
नहीं हटेंगे। हम देखना चाहेंगे कि लोग क्या
चाहते हैं।
Re/Code का कहना है कि ट्विटर चाहता है
उसकी टाइमलाइन अभी जैसी दिखती है,
वही लुक बरकरार रहे। इसलिए ऐसा किया जा
सकता है कि लोगों को ट्वीट में शुरू में 140
कैरक्टर्स ही दिखें और अगर वे और पढ़ना चाहते
हैं तो क्लिक करके उसे एक्सपैंड कर सकें।
डॉर्सी के कंपनी में लौटने के बाद ट्विटर
अपनी सर्विस को पहले से बेहतर बनाने में जुटा
है। पिछले दिनों ट्विटर ने Moments फीचर शुरू
किया था। पोल फीचर जोड़ने के साथ Buy
बटन भी ऐड किया गया था। स्टार की
आकृति वाले फेवरिट आइकन को हटाकर दिल
की शेप वाला 'like' बटन भी ऐड किया है।
मंगलवार को कुछ यूजर्स ने #Beyond140 हैशटैग
के साथ ट्वीट करके अपनी राय रखी कि यह
लिमिट बढ़नी चाहिए या नहीं। इस रिपोर्ट
पर ट्विटर ने कोई कॉमेंट करने से इनकार कर
दिय है।

पठानकोट हमला: जब पूरी जानकारी थी तो कहां हुई चूक?

पंजाब के पठानकोट में 2 जनवरी को एयरबेस स्टेशन में
हुए आतंकी हमले ने देश को एक बार फिर से दहशत में
डाल दिया है. इस हमले के 4 दिन बीत चुके हैं फिर
भी अभी बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसिया इसे
नाकाम करने में विफल रहीं हैं. जबकि नए साल से
पहले ही गृह मंत्रालय की तरफ से एक इंटेलिजेंस अलर्ट
दिया गया था.
मंत्रालय ने आगाह किया था कि आतंकवादी इस
बार पंजाब को निशाना बना सकते हैं. इसके बाद अब
पंजाब पुलिस की तैयारियों और गुरदासपुर के एसपी
सलविंदर सिंह पर सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें आतंकियों ने
कुछ देर के लिए अगवा कर लिया था.
सेना की वर्दी में आए आतंकी
घटना के बाद पूरे पंजाब में अलर्ट जारी किया गया.
यहां तक कि जम्मू पुलिस ने भी हालात पर
निगरानी रखी. जिन पांच लोगों ने एसपी को
अगवा किया था, वे भी सेना की ही वर्दी में थे.
सलविंदर सिंह और उनके दोस्त राजेश वर्मा ने बताया
था कि उनके पास भारी हथियार थे. इन्होंने एसपी
की कार छीनी और उससे 20 किलोमीटर तक गए.
फिर वहां से दूसरी इनोवा गाड़ी ली, जिसे
हिमाचल प्रदेश के एक गांव में छोड़ दिया. एसपी
सलविंदर अकालगढ़ में मिले और यहां से तीन
किलोमीटर दूर टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह की
लाश मिली.
एसपी को अगवा करने वालों को न खोज पाना
बड़ी नाकामी
सूत्रों की मानें तो पठानकोट एयरबेस पर आतंकी
हमले की साजिश एक साल से चल रही थी. पुलिस ने
बेस कैंप की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के
आरोप में 30 अगस्त, 2014 को आर्मी के जवान सुनील
कुमार को अरेस्ट भी किया था. फिर भी इस मामले
को गंभीरता से नहीं लिया गया जिस कारण इतनी
बड़ी घटना को अंजाम देने में आतंकवादी कामयाब
हुए. चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस के एक पूर्व शीर्ष
अधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि खोज
और तलाशी अभियान हल्का था, क्योंकि सुरक्षा
बल 24 घंटे बाद भी आतंकवादियों को नहीं खोज
पाए.
आत्मघाती हमले की फिराक में थे
आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और 2 जनवरी को
तड़के करीब 3 बजे एयरफोर्स स्टेशन की दीवार
फांदकर अंदर घुसने में कामयाब रहे. ये आतंकी दो
टुकड़ियों में एयरफोर्स स्टेशन में दाखिल हुए. एक
टुकड़ी रेजिडेंशियल एरिया की तरफ चली गई तो
दूसरी टेक्निकल एरिया की तरफ. सूत्रों के मुताबिक
ये सीमापार से आए थे. ये आतंकी आत्मघाती हमले
की फिराक में थे. लेकिन जब हमले को अंजाम देने में
नाकाम रहे तो आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंके और फिर
जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. इनमें लश्कर-ए-तैयबा
और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल बताए जा रहे
हैं.
NSG कमांडो की मौत पर भी सवाल
इस ऑपरेशन के 4 दिन बीत जाने के बाद और सेना के 7
जवानों के शहीद होने के बाद बीएसएफ और खुफिया
एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.
NSG कमांडो की बम डिफ्यूज करते समय शहीद होने
की घटना ने पूरे ऑपरेशन पर सवाल खड़े कर दिए.
हालांकि डिफेंस के लोगों का कहना है कि स्पेशल
सूट पहनने के बावजूद कई बार बम डिफ्यूज करते समय
जान चली जाती है. क्योंकि स्पेशल सूट की भी एक
लिमिट होती है.
राहील शरीफ को थी पठानकोट हमले की
जानकारी!
पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बारे में एक बड़ा
खुलासा हुआ है. पता चला है कि हमले के बारे में
पाकिस्तानी सेना प्रमुख के राहील शरीफ को पहले
से जानकारी थी. भारतीय खुफिया एजेंसियों के
मुताबिक, पाकिस्तानी सेना वहां के प्रधानमंत्री
नवाज शरीफ के शांति वार्ता के प्रयासों से पूरी
तरह सहमत नहीं है.
जांच में जुटीं पाकिस्तानी एजेंसियां
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर
स्वीकार किया है कि उसे भारत की ओर से कुछ
इनपुट मिले हैं. बताया जाता है कि पाकिस्तानी
एजेंसियां भारतीय इनपुट के आधार पर जांच में जुट गई
हैं. मोदी सरकार यह देखना चाहती है कि
पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत और नए सिरे से
दोस्ती को लेकर किस कदर संजीदा है और वहां की
सरकार अपने वादे पर अमल करती है या नहीं.
PAK की प्रतिक्रिया के बाद ही वार्ता
मोदी सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत
द्वारा साझा किए गए इनपुट पर पाकिस्तान की
प्रतिक्रिया और कार्रवाई ही यह तय करेगी कि
आगे इस महीने दोनों मुल्कों के बीच विदेश सचिव
स्तर की वार्ता होगी या नहीं. सूत्र ने बताया,
'अगर पाकिस्तान इस ओर गंभीरता के साथ आगे
बढ़ता है और पठानकोट के दोषियों के खिलाफ
कार्रवाई करता है तो भारत इसे आपसी रिश्तों के
लिए सकारात्मक संकेत मानेगा.'
पंजाब में छह महीने में दूसरा बड़ा हमला
यह छह महीने में पंजाब में दूसरा बड़ा आतंकी हमला
है. इससे पहले 27 जुलाई 2015 को गुरदासपुर में आतंकी
हमला हुआ था. तब भी आतंकी पाकिस्तान के रास्ते
ही आए थे. ये दीनानगर थाने में घुस गए थे और थाने के
बगल वाली इमारत में छुपकर फायरिंग करते रहे थे. यह
मुठभेड़ 12 घंटे चली थी. इसमें गुरदासपुर एसपी शहीद
हो गए थे.
ऐसे बचा बड़ा हमला
इन आतंकियों को एयरफोर्स स्टेशन के घरेलू क्षेत्र में
ही रोक दिया गया था. ये तकनीकी क्षेत्र तक
पहुंचने में कामयाब नहीं हुए. तकनीकी क्षेत्र
एयरफोर्स स्टेशन का सबसे ज्यादा सुरक्षा वाली
जगह होती है. हमले के बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट
जारी कर दिया गया. पठानकोट में नाकाबंदी कर
दी गई. एयरफोर्स स्टेशन के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई
है. वहीं, दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय में उच्च
स्तरीय बैठक की जा रही है.
क्यों अहम है पठानकोट
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन हमारी सीमा के पास
है. यहां हमारे बड़े हथियार रखे जाते हैं. युद्ध की
स्थिति में पूरी रणनीति को यहां से ही अंजाम
दिया जाता है. 1965 और 1971 की लड़ाई में भी इस
एयरफोर्स स्टेशन ने बड़ी भूमिका निभाई थी.
मिग-21 लड़ाकू विमानों के लिए यह बेस स्टेशन है.

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