रविवार, 14 फ़रवरी 2016

धर्म की झूठी शान

छाती ठोककर अपने-अपने मज़हब का ढोल पीटते हो...समझते भी हो कि मज़हब क्या है...ज़रा-ज़रा सी बात पर लड़ने को तैयार हो जाते हो..जानते भी हो कि इसका अंजाम कितना भयानक होगा...बस, कोई बोल भर दे..ये लो जी..किसे काटना है बताओ...तलवार से ना सही..ज़ुबान कौन सी कम है...उसके ज़हर बुझे तीर तो सीधा दिल के आर-पार हो जाते हैं...इतनी नफ़रत धधक रही है सीने में कि खुद को कुछ मिले या ना मिले...दूसरे को कुछ नहीं मिलना चाहिए...अपने मज़हब से काम की एक बात नहीं सीखना..लेकिन दूसरों के मज़हब पर कीचड़ उछालना मत भूलना..सारी ज़िंदगी चाहें किल्लत और धक्के खाने में निकल जाए लेकिन धर्म के नाम पर अपने पैर इतने पसारो कि दूसरे का आंचल मैला हो जाए...अगर ऐसा नहीं करोगे तो राजनीति की रोटियां कैसे सिकेंगी...फिर चाहें अपने घर में रोटी हो या ना हो...वैसे भी मां के आंसुओं और बिलखते बच्चों की परवाह किसे है...पहले एक-दूसरे का खून तो पी लें..तो चलो, क्यों ना इस ज़िंदगी को धर्म की झूठी शान पर कुर्बान कर दें...धरती को तो स्वर्ग बना नहीं सके...जन्नत को ज़रूर नर्क बना देंगे...

देशद्रोही अगर कन्हैया कुमार है तो आप देशद्रोही कैसे नहीं

मैंने एक बार नहीं कई बार, बार बार JNU छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के स्पीच का पूरा विडिओ देखा सोचा कुछ तो मिले जो देश-विरोधी हो, पर यकीन मानिये एक शब्द भी हमें देश-विरोधी नहीं मिला,
हाँ हमें स्पीच में मिला,
- कन्हैया कुमार संविधान की बात करता है,
- कन्हैया कुमार अधिकार की बात करता है,
- कन्हैया कुमार शांति की बात करता है,
- कन्हैया कुमार मुसलमानों की हक़ की बात करता है,
- कन्हैया कुमार दलितों की हक की बात करता है,
- कन्हैया कुमार किसानो की हक़ की बात करता है,
- कन्हैया कुमार बाबा साहेब आंबेडकर की बात करता है
- कन्हैया कुमार संघ की असलियत बताता है
- कन्हैया कुमार बताता है कि संघियों ने तिरंगा को पैरों तले कुचला था,
- कन्हैया कुमार बताता है कि देश में संविधान का राज नहीं चल रहा सब कुछ नागपुर से कण्ट्रोल हो रहा है,
- कन्हैया कुमार बताता है कि कसी संविधान की जगह मनुस्मृति को कानून बनाने का षड्यंत्र चल रहा है
- कन्हैया कुमार बताता है कि कैसे दलितों-मलेच्छों को वर्षों पैर की धूल समझता रहे हैं ये मनुवादी,
- कन्हैया कुमार मनुवाद का विरोध करता है
- कन्हैया कुमार मांग करता है कि दलितों को संविधान के अनुसार निजी संस्थानों में आरक्षण दो
- कन्हैया कुमार बताता है कि उसकी माँ एक आंगनवाड़ी सेविका है और उस माँ को भद्दी भद्दी गाली दे रहे हैं संघी
- कन्हैया कुमार बताता है कि जो किसी की माँ की इज्जत नहीं करते वो देश क्या इज्जत करेंगें.
- कन्हैया कुमार बताता है कि संविधान के अनुसार भारत एक देश है न की माँ
- कन्हैया कुमार बताता है कि ये संघी चाहते हैं कि देश में फिर से मनुस्मृति लागु हो और दलितों-मलेच्छों के माँ बहनों को दासी बना कर रखा जाये यही इनका इंसाफ है और हम ऐसे इंसाफ को नहीं मानते, ये अन्याय है अन्याय.
अगर उपरोक्त बाते कहना ‪#‎देश्द्रोहिता‬ है तो काका समेत देश की लगभग 80-90% जनता यही सोचती है, कितनो को घोषित कर रहे हैं देशद्रोही साहेब....??
अगर आपको यकीन न आये तो आप खुद देखिये कन्हैया कुमार की वो स्पीच और आप खुद तय करें देशद्रोही अगर कन्हैया कुमार है तो आप देशद्रोही कैसे नहीं... ....???????????????????????????????

अचानक मरे हुए गुरु के इतने चेले कैसे पैदा हो गए.?

एक बात बताओ.. अफजल गुरु को तो यूपीए सरकार ने लटकाया था। उसे लटकाये भी 2 साल हो गए, जब लटकाया था, तब JNU (जवाहर जिन्ना यूनिवर्सिटी) मे कोई विरोध प्रदर्शन नही हुआ, पिछले साल नही हुआ अचानक मरे हुए गुरु के इतने चेले कैसे पैदा हो गए.?
इसका मतलब मोदी सरकार कुछ तो ऐसा काम कर रही है कि सारे छुपे हुए गद्दार बिलबिलाकर बिल से बाहर आ रहे है। नकाब हट रहे है।
शायद सरकार और खुफिया एजेंसियां इन्ही स्लीपर सेल्स, आतंकवादी समर्थको को चिन्हित करके बेकनाब कर देना चाहती हो ताकि जब इनके खिलाफ कारवाही हो कोई छातीकूट, अवार्ड वापसी गैंग, असहिष्णुता के झंडाबरदार इनके पक्ष मे माहौल न बना सके।
ये गांधी-नेहरु का बनाया भारत है मित्रो राष्ट्रवादियो ने तो अभी शुरूआत की है। यहा सैकडो हनुमंथप्पा जैसे भारत माता के वीर सपूत गुमनामी के अँधेरे मे खो जाते है, चार दिन बाद इनका नाम सब भूल जाते है, और इशरत जहाँ जैसे फिदायिन हमलावर को "शहीद" का दर्जा देकर उसकी याद मे ऐम्बुलेंस चलाई जाती है.. अतुल्य भारत का इससे बेहतरीन नमूना और कहाँ देखने को मिलेगा....?

वो तू ही तो है इंसानियत का दुश्मन

चुनावों से पहले देश में सांप्रदायिक दंगे करवाने वाला
वो तू ही तो है
1992 में बाबरी मस्जिद गिरवाकर देश में दंगे करवाने वाला
वो तू ही तो है
2002 में गुजरात में दंगे करवाने वाला
वो तू ही तो है
2014 में मुजफ्फरनगर में दंगे करवाने वाला
वो तू ही तो है
2014 में झूठ बोलकर सत्ता पर काबिज होने वाला
वो तू ही तो है
2014 में खुद को फर्जी दलित बताने वाला
वो तू ही तो है
2015 में दादरी कांड करवाने वाला
वो तू ही तो है
2015 में सोनीपत में दलितों को मरवाने वाला
वो तू ही तो है
2015 में फरीदाबाद में दलितों को मरवाने वाला
वो तू ही तो है
2015 में दनकौर में दलितों को नंगा करवाने वाला
वो तू ही तो है
2015 में केन्द्रीय विवि, हैदराबाद से पाँच दलित शोधार्थियों को निकालने वाला
वो तू ही तो है
2016 में हैदराबाद में दलित शोधार्थी को फांसी पर लटकाने वाला
वो तू ही तो है
दलितों से उनके संवैधानिक अधिकार छीनने वाला
वो तू ही तो है
दलितों से नौकरी और शिक्षा का आरक्षण छीनने वाला
वो तू ही तो है
दलितों छात्रों से छात्रवृत्ति छीनने वाला
वो तू ही तो है
दलितों कर्मचारियों से पदोन्नति छीनने वाला
वो तू ही तो है
दलित कर्मचारियों की भर्ती को रोकने वाला
वो तू ही तो है
इंसानियत और मानवता का दुश्मन जिसे कहूँ मैं
वो तू ही तो है
अब तेरा नाम क्यों लिखूँ जिस पर मैं शर्मिंदा हूँ
वो तू ही तो है

हत्यारे तेरे राज में गौहत्या पाप है
   और दलितों की हत्या माफ है

सफलता पाने के लीये ये 10 फिल्मो के डायलोग

फिल्मों के 10 dialog हैं. ये आपको कहीं हिम्मत नहीं हारने देंगे और सफलता पाने का जज्बा हमेशा जगाए रखेंगे .
1. 3 Idiots: काबिल हो जा मेरे बच्चे, कामयाबी तुम्हारे पीछे झक मार कर आएगी.
2. Dhoom 3: जो काम दुनिया को नामुमकिन लगे, वही मौका होता है करतब दिखाने का.
3. Badmaash Company: बड़े से बड़ा बिजनेस पैसे से नहीं, एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है.
4. Yeh Jawaani Hai Deewani: मैं उठना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं....बस रुकना नहीं चाहता .
5. Sarkar: नजदीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए.
6. Namastey London: जब तक हार नहीं होती ना....तब तक आदमी जीता हुआ रहता है.
7. Chak De! India: वार करना है तो सामने वाले के गोल पर नहीं, सामने वाले के दिमाग पर करो..गोल खुद ब खुद हो जाएगा.
8. Mary Kom: कभी किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही खत्म हो जाए.
9. Jannat: जो हारता है, वही तो जीतने का मतलब जानता है.
10.Happy New Year: दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं विनर और लूजर..
.लेकिन जिंदगी हर लूजर को एक मौका जरूर देती है जिसमें वह विनर बन सकता है.

अगर आपको पता चले !!!

प्रश्न 1 :- आपका बेटा जेब खर्च के लिए जो पैसा लेता है वो नशे जुए आदि में उडाता है ।
तो आप क्या करेंगे ??

जवाब : यही स्तिथि आज देश की सरकारों की हो गयी है आप जिस पैसे को टेक्स मानकर देशहित में दिया मानते है वो दरअसल सरकार और सरकारी कर्मचारियों की अैयासी में खर्च होती है ।

प्रश्न 2:- अगर आपको पता चले की आपके बेटे को ड्रग्स की आदत पड़ गई है उस समय आप क्या करोगे ।

जवाब : सरकारी नेताओं और सरकारी कर्मचारियों की हालत आज यही हो गई है जो अपनी लतो के कारण आपका सम्मान तक छीन लेते है ।

प्रश्न 3:- अगर आपका बेटा आपके हर कार्य को करने के लिए रूपये मांगने लगे जबकि उसका सारा खर्चा आप ही चला रहे हो तो आप पर क्या बीतेगी

जवाब : सरकारी कर्मचारियों की सेलरी हमारे दिए टेक्स से जाती है उसके बाद भी वो हमारे कार्य के लिए घूस मांगते है ।

प्रश्न 4 :- अगर आपका बेटा आपको हमेशा कभी भी प्रताड़ित करे आपको मानसिक यातनाये दे । तो आप उसके लिए क्या कहोगे ?

जवाब : आज की सरकार और सरकारी कर्मचारी भी यही कर रहे है सरकार और सरकारी विभाग इसके लिए हमेशा तैयार खड़े रहते है की आपको कैसे लूटा जाय ।

आज आप अगर 1 रूपये की माचिस भी लेते है तो उस पर भी भरपूर टेक्स अदा करते है उसके लिए आपसे आय प्रमाण पत्र नही माँगा जाता है । यानी कोई भी ये नही कह सकता की आप टेक्स नही देते तो सरकार बहुआयामी टेक्स क्यों लादती जा रही है ।
रोज एक नये कर की जानकारी मिलती है ।
           दरअसल ये तन्त्र बीमार हो गया है इसे कैंसर और एड्स जैसा घातक रोग हो गया है ।

इससे निपटने के लिए

" या तो आप बगावत करे "
या
" आप बगावत करे "
             एक असहयोग आन्दोलन चलाने की आवश्यकता है । जब ये सब भूखे मरेंगे तो इन्हें आम जनता " आप " की समस्यायो का पता चलेगा ।

क्या आप इसके लिए तैयार है ??
क्या आप तैयार है इस भर्स्ट व्यवस्था के लिए या इसे दूर करने के लिए ।

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