शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

देशद्रोह के आरोपी छात्रो का परिचय और भविष्य का संकट।

जेएनयू के जिन छात्रों से देश को खतरा है, हमारे लिए उनका परिचय जानना जरूरी है।

1. कन्हैया कुमार-  छात्रसंघ अध्यक्ष। पिताजी अपाहिज है तथा माँ तीन हजार रू पगार में आँगनवाडी में कार्य करती है, उनकी कमाई से ही पूरे परिवार का पेट पलता है।

2. राम नागा - छात्रसंघ महासचिव। गरीब दलित परिवार से है। भूखमरी के लिए कुख्यात कालाहांडी के निवासी हैं।

3. चिंटु कुमारी - छात्रसंघ की पूर्व महासचिव। बिहार के दलित परिवार से है। इसकी माँ चूडियाँ बेचकर घर चलाती है।

4. लेनिन कुमार - छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष। तमिलनाडु के निवासी। न पूरी तरह अंग्रेजी जानते हैं, न हिन्दी। बावजूद जेएनयू ने उन्हे अपना नेता चुना।

5. उमर खालिद - नास्तिक है। इन्होंने येल विश्वविद्यालय की फैलोशिप का प्रस्ताव इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उन्हें दलित व आदिवासियों के लिए काम करना था।
               इनमें से किसी के खिलाफ अभी तक पुलिस एक भी सबूत पेश नहीं पेश कर सकी । और जो सबूत पेश किये गए वे फर्जी निकले। बावजूद इन्हें देशद्रोही करार देकर पूरे देश में बदनाम कर दिया गया। गरीब, मजदूर, किसान और दलित परिवार से आने वाले ये बच्चे देशद्रोही हो गये और जनता का लाखों करोडो पैसा लूटकर विदेशी बैंकों में जमा करने वाले सबसे बड़े देश भक्त हो गये। सरकार ने उन्हीं देशभक्त कारोबारी घरानों के एक हिस्से के 1 लाख 14 हजार करोड़ रूपये माफ कर दिये । न कोई  चूं हुई और न ही चर्चा। दरअसल बीजेपी मनुवादी कोख से पैदा हुई पार्टी है। लिहाजा इसका बुनियादी चरित्र ही दलित, आदिवासी, महिला, गरीब, मुस्लिम विरोधी है।कॉरपोरेट परस्त होने के नाते मजदूरों, किसानों और प्रगतिशील विचार रखने वाले नौजवानों से 36 का रिश्ता है। केन्द्र सरकार इनकी समस्याओं का हल करने के बजाय समस्याओं का स्रोत बन गई है।
         लोकतंत्र संस्थाओं से चलता है। लेकिन आज संस्थाओं को ही अपाहिज किया जा रहा है। फांसीवाद का जन्म ऐसे ही होता है। संकट की इस घड़ी में लोकतांत्रिक प्रगतिशील विचार रखने वाली ताकतों को एकजुटता दिखाते हुए अपने अपने मोर्चों पर मुश्तेन्दी दिखाना जरूरी हो गया है। अभी एकजुट नहीं हुए, तो फिर बहुत देर हो चुकी होगी।

भारत का इतिहास हमारे छाती पर आग का दहकता गोला है

संसद में महिषासुर पर गर्मागर्म बहस हुई, आप सबने देखा सुना. लेकिन इतिहास यह है की जितने भी असुर राक्षस माने जाने वाले शासक थे वे सभी भारत के मूलनिवासी थे जिनके बारे में ब्राह्मणी इतिहास ने हमारे बीच बिगड़ा हुआ इतिहास प्रस्तुत किया है.
असुर का अर्थ है, वह जो सूरा नही पीता है, बलवान और वीर्यवान है. राक्षस का अर्थ है, रक्षक याने protector. जितने भी हिन्दू पर्व हैं सभी मूलनिवासी राजाओं के कत्ल पर मनाये गए जश्न से सम्बंधित. होली में होलिका, दशहरा में महिषासुर, दीवाली में राजा बलि की शहादत को बध का नाम दे कर हमारा इतिहास बिगाड़ा गया है ताकि हम हम अपने गौरवशाली पूर्वजो पर गर्व न कर सकें. वास्तव में सारे हिन्दू त्यौहार हमारे पूर्वजों के विदेशी आर्य ब्राह्मणों द्वारा क़त्ल के बाद हमसे से जश्न मनाये जाने की कहानी है. त्यौहार का अर्थ ही होता है "तुम्हारी हार". याने हमारी हार. यही कारण है की बाबासाहेब कहते थे..भारत का इतिहास हमारे छाती पर आग का दहकता गोला है. सच जाने, स्वाभिमानी बनें.

सौ : shaileshhadiyal28@gmail.com
9998839902
Tharad, Gujarat

आईये हम सब मिलकर आरक्षण को ख़त्म करते हैं

आरक्षण का विरोध करने वाले कृपया 1 बार
हमारे इस पोस्ट को आवश्य पढ़ें।
इधर कुछ दिनों से facebook और whats app पर जोर
शोर से आरक्षण का विरोध किया जा रहा है।
सवर्ण जाति के लोगों का कहना है कि आरक्षण
को पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहिए,
मैं भी सोचता हूँ की आरक्षण अब खत्म ही हो
जाये तो अच्छा है समाज में सभी लोगों को
सामान अवसर प्राप्त हो सकेगा।
तो आईये हम सब मिलकर आरक्षण को ख़त्म करते हैं........
1.-शंकराचार्य की कुर्सी पर ब्राह्मण का
आरक्षण है, कुछ सालो के लिए किसी निम्न वर्ग
के वयक्ति को नियुक्त करवाकर ब्राह्मण का
आरक्षण ख़त्म किया जाय।
2.- काशी, सोमनाथ आदि मन्दिरों में भंगी -
चमारों से एक वर्ष पूजा करवाकर वहाँ भी
आरक्षण खत्म करें.
3. - कूड़ा-सफाई का काम अभी तक भंगी ही
करते आये हैं, अब किसी पंडित ठाकुर या सवर्ण
जाती के लोगों को यह जिम्मेदारी सौपी
जाय और आरक्षण खत्म किया जाय.
4. - एक शिक्षा एक पाठ्यक्म और विद्यालय
पद्धति लागू किया जाय। गरीब हो या
अमीर, उच्च वर्ग का हो या निम्न वर्ग का सभी
के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढेंगे, सबों को 1
सामान शिक्षा दी जाय और नौकरी में
आरक्षण खत्म किया जाय।
5.- दलितों को 5 हजार वर्षों तक शिक्षा से
वंचित रखा गया, सवर्णों को सिर्फ 5 वर्ष तक
शिक्षा से वंचित करें और हर जगह से आरक्षण खत्म
करें।
- एक कदम हम बढाये, एक कदम आप बढाईये आरक्षण
खत्म करके समानता का लाभ उठाइये।........
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जय भीम

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