शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

देवताओं के नाम पर पशु बली क्यों???

क्या देवताओं के नाम पर मदिरा पान या पशु बली जायज है ????????
दुनिया मैं ऐसा कोनसा देवता है जो पशु
की बली चाहता है क्योंकि ये काम तो
राक्षसों का होता है ,
ये देवता का काम तो नहीं हो सकता ,
हां ये हो सकता कि उस देवता का पुजारी
कहीं न कहीं मांस का आदी हो ओर अपनी आवश्यकताओं की पुर्ति के लिए ये सब ढोंग करता हो ,
अगर दुनिया में अच्छा इन्सान भी हो वो भी किसी जानवर को बेवजह नही मारना चाहेगा फिर देवता ऐसा क्यों चाहेगा या फिर किस देवता ने बोलकर कहा कि मुझे बकरा चढाओ
...ये सब ढोंग है..
लोग हर रोज चिल्लाते है हम हिन्दु है...मुस्लमान
हमारी गायों को काट रहे है ...
मैं समझता हूं अगर वो ऐसा करते है तो बहुत बुरा करते है
...वो चाहे गाय काटे बकरा काटे या कोई अन्य जीव ...
ये माफी के लायक नहीं है
मैं जीव हत्या का घोर विरोधी हुं
...मगर धर्म में कहीं पर पशु बली को
तरजीह नही दी गई है फिर भी कई लोग ऐसा करते है
...क्या वो माफी के लायक है...
...मेरे हिसाब से तो नहीं ...
"मुंह में राम ओर बगल में छुरी रखते है"
ये वो लोग है जो राम राम करते है ओर
जीव हत्या करते है,
इससे बड़ा धोखा क्या हो सकता हैॽ...बाकी अपने अपने विचार है !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट