क्या कोई बतायेगा कि भगवान/ईश्वर/देवी/ खुदा या GOD या अल्लाह के काम करने का दायरा कितना है..?
मैँ अक्सर दीन हीन और असहाय व्यक्ति या समझ लीजिए भिखारियों को मंदिर मस्जिद चर्च के बाहर भीख माँगते देखता हूँ..!
और सोचता हूँ कि जब वह अपने दरवाजे के बाहर बैठे लोगों की मदद नहीं
करता पाता तो और किसी की मदद क्या करेगा ।
जब सब उसकी संतान हैं तो उसका ये कैसा भेदभाव।
क्या वे अपनी संतानों में भेदभाव करता है……???
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