मंगलवार, 8 मार्च 2016

क्योंकि वो ही इस देश के ठेकेदार हैं

मेरे प्यारे मित्रों...
हम सभी को पता है कि लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ मीडिया है, अगर मीडिया जिम्मेदारी पूर्वक अपना कर्तव्य निभाए तो तकरीबन भारत में पनप रही व पनप चुकी समस्याएं खत्म हो जाएँ |
देशद्रोह नामक शब्द पर सभी अपने अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं तकरीबन सभी नफरत फ़ैलाने वाले न्यूज चैनल दिखा रहे हैं कि कैसे कन्हैया कुमार ने देशविरोधी नारे लगाये...जिससे देश की एकता व अखण्डता को खतरा पैदा हो गया है|
भारत में अनेक विचारधारा के लोग रहते हैं, लेकिन कोई अपनी विचारधारा किसी पर थोप नहीं सकता| अभिव्यक्ति की आजादी है बशर्ते यह देश की अक्षुणता को खतरा न पहुंचाए...
क्या नारे लगाने से कोई देशद्रोही हो गया? यदि देशद्रोही है तो उसके पास ए के 47 , गोली बारूद का जखीरा , व आतंकियों से संपर्क के सबूत होने चाहिए थे, क्या मीडिया ने वो दिखाए?

कुछ गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाने वाले लोगों ने तो पूरे जे एन यू को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का अड्डा बता डाला, यहां तक कि जे एन यू को बन्द करने की मांग भी उठने लगी....
मजे की बात जहां राष्ट्र विरोधी गतिविधियाँ होती हैं, पाक अधिकृत कश्मीर में...वहां पर सेना हमला क्यों नहीं करती क्योंकि उन्हें इजाजत नहीं दी जाती?
हमारे जवानों के सर काट लिए जाते हैं, पर हम नहीं काट सकते क्योंकि पीछे से इजाजत नहीं मिलती | इजाजत मिलती है पी एच डी कर रहे रोहित वेमुला व उसके साथियों पर आरोप लगाकर उन्हें विश्विद्यालय से बाहर निकालने की....कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में जेल में बन्द करने की |
क्या देशद्रोह करना बच्चों का खेल है, क्या देशद्रोह पर बात करने वाले जानते हैं कि देशद्रोह की परिभाषा क्या है?

असीम चतुर्वेदी , अरुन्धिति रॉय पर भी देशद्रोह के आरोप लगे हैं......
पर आरोप लगाना बड़ा आसान है पर उसे सिद्ध करना बड़ा मुश्किल |
कन्हैया कुमार को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है क्योंकि उसके खिलाफ देशद्रोह से सम्बंधित कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है...
अभी कल ही न्यूज चैनल पर दिखाया गया कि एक देशभक्त कन्हैया को मारने वाले को इनाम देंगे |
पूरा देश मीडिया ने जे एन यू प्रकरण पर जला रखा है, नफरत की दीवार बनाई जा रही है क्योंकि मीडिया अब सच नहीं किसी की कठपुतली बन गया है|
भारत में और भी बहुत समस्याएं हैं, सुदूर के गांवों में बिजली, पानी, शिक्षा अब भी कोसों दूर है, जो हमें राजधानी व उसके आस पास बैठने से दिखाई नहीं दे सकतीं|

यदि कोई देशद्रोही है तो कानून अपना काम कर रहा है, अदालतें न्याय दे रही हैं, अगर देशद्रोह सिद्ध होता है तो सजा मिलेगी.....लेकिन कुछ देश तोड़ो मानसिकता के स्वामी स्वयं जज बन बैठे हैं, क्योंकि वो ही इस देश के ठेकेदार हैं |

अब बन्द करो मीडिया....
समाज में नफरत की खाई पैदा करना...
सौ -sunil premi

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