कन्हैया प्रकरण के बाद भी, अगर आपलोग 'पक्ष वही, विपक्ष
वही' वाला खेल नहीं समझ पाये। तब आप ब्राह्मणवादियों की
साजिश को कभी नहीं समझ पाएंगे।
हमारे बुजुर्गों ने हमें सचेत किया है-
ब्राह्मण पुत्रम् कबो न मित्रम्..
जब भी मित्रम् दगे-दगा..
भाई कन्हैया,
ये आप पर भी लागू होता है।
कन्हैया की जाति और उसका DNA वही है। जो बिहार में बेकसूर दलितों का नरसंहार करने वाले रणवीर सेना का है। हम कैसे भरोसा करें।
चलो अब बहुत हुआ कन्हैया का मुद्दा
लौट आऔ भाईयो रोहीत के आंदोलन पर...
अभी लड़ाई बाकी है...!!
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