पठानकोट एयरबेस पर हमले के लिए जिम्मेदार
6 आतंकवादियों में से एक ने पाकिस्तान के
'एपकॉट' ब्रैंड के जूते पहन रखे थे। जांचकर्ताओं
का दावा है कि आतंकवादी पाकिस्तान से
आए थे और वे हथियारों और तमाम अन्य
उपकरणों से लैस थे। जूते का यह ब्रैंड
पाकिस्तान में काफी प्रचलित है और सीमा
के पास आसानी से मिलता है। इस कंपनी को
पहले ईस्ट पाकिस्तान क्रोम टैनरी के नाम से
जाना जाता था।
जांच टीम अब वैसी तमाम जानकारियों को
इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है, जिसके
तहत चार आतंकवादी बॉर्डर से पठानकोट पहुंचे
और इस दौरान उन्होंने एक टैक्सी ड्राइवर की
हत्या की और गुरदासपुर के एसपी को अगवा
किया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि
जूलर राजेश वर्मा से पूछताछ में पता चला कि
सोमवार को मारे गए दो आतंकवादी चार
अन्य आतंकवादियों के पठानकोट पहुंचने से
पहले ही एयरबेस में घुस गए थे।
पढ़ें: भारत ने दिया पाकिस्तान का सबूत,
करेगा जांच
एक सीनियर अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं
किए जाने की शर्त पर बताया, 'वर्मा से
पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि
पाकिस्तान में बैठे अपने सरगना से बातचीत के
दौरान एक आतंकवादी को बताया गया कि
दो आतंकवादी पहले से ही एयरबेस में घुसे हैं और
उन्हें सिर्फ उनका साथ देने की जरूरत है।' जांच
टीम के मुताबिक, एक जनवरी को तकरीबन
सुबह 3 बजे चार संदिग्धों के एयरबेस में घुसने की
थर्मल इमेज भी सामने आई है।
एनएसजी के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें
ऐसी बैटरियां मिली हैं, जो मेड इन
पाकिस्तान जान पड़ती हैं और इंप्रोवाइज्ड
एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के
लिए इन बैटरियों को यहां लाया गया था।
सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से शुरुआती पड़ताल
में पता चला है कि हर आतंकवादी के पास
तकरीबन 20-25 किलो का विस्फोटक था।
एक सीनियर सरकारी अधिकारी के
मुताबिक, एयरबेस के अंदर घुसने वाले सभी 6
आतंकवादी पूरी तरह से प्रशिक्षित थे और
उनके पास हथियारों और विस्फोटकों का
जखीरा था। उन्होंने कहा कि इन
विस्फोटकों को निष्क्रिय और खत्म करने में
एनएसजी को दिनभर लग गया। इंटेलिजेंस
सूत्रों का यह भी दावा है कि आतंकवादियों
ने पंजाब सीमा के जरिये 31 दिसंबर की रात
को घुसपैठ की थी।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया, '31
दिसंबर को जो चार आतंकवादी आए थे, वे
सबसे पहले मसरूर बड़ा भाई गांव में रुके, जो
अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज कुछ किलोमीटर
की दूरी पर है। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-
तैयबा इस गांव में ट्रेनिंग कैंप चलाता है।' इस
हमले की जांच की जिम्मेदारी संभालने को
तैयार एनआईए ने कहा कि इस हमले में स्थानीय
लोगों के समर्थन और ड्रग नेटवर्क के तार होने
की संभावना से इनकार नहीं किया जा
सकता है। अधिकारियों के मुताबिक, गृह
मंत्रालय टैक्सी ड्राइवर की हत्या, एसपी को
अगवा किए जाने का मामला और एयरबेस
हमले की जांच एनआईए को सौंपने जा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें