केंद्र में सरकार की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री को निशाने पर लिया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र
सामना में पठानकोट हमले का जिक्र करते हुए कहा
कि पाकिस्तान ने छह-सात आतंकवादियों को
भेजकर हिंदुस्तान की इज्जत तार-तार कर दी है.
शिवसेना ने कहा, 'यह मामला सिर्फ चिंता करने
जैसा नहीं है बल्कि जिस मजबूत और बड़ी फौजी
ताकत का ढोल हम बजाते रहते हैं, उस ढोल को
फोड़ने वाला यह मामला है. सिर्फ कुछ
आतंकवादियों को भेजकर पाकिस्तान ने हमारे
खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है.'
सत्ता में बैठे लोग कितने गंभीर?
सामना में छपे लेख में कहा गया है कि देश की सीमा
सुरक्षित नहीं है और देश की आंतरिक सुरक्षा भी
साफ धराशायी हो गई है. पठानकोट हमला इस बात
का सबूत है. लेख में सवाल उठाया गया है कि क्या
देश की सुरक्षा का मामला होने के बाद भी सत्ता
में बैठे लोग इसके लिए गंभीर हैं?
'हमले से सबक लें मोदी'
शिवसेना ने कहा, 'हजारों सैनिक, टैंक, पंजाब की
पुलिस पठानकोट में हैं लेकिन फिर भी सिर्फ 6-7
आतंकवादियों ने फौज की ताकत को चुनौती दी है.
देश के रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री समेत सभी
जिम्मेदार लोग इससे सबक लें और सुधार करें.
प्रधानमंत्री मोदी 8 दिन पहले खुद लाहौर जाकर
पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की
मेहमाननवाजी का लाभ लेकर लौटे हैं.'
प्रधानमंत्री के लाहौर दौरे को लेकर शिवसेना ने
चेतावनी जारी करते हुए कहा था, 'उस पर
(पाकिस्तान) विश्वास मत करो, धोखा होगा.'
पार्टी ने अब सामना में कहा है- 'देखो, भयंकर
धोखा हो गया. मोदी की लौटते ही जैश-ए-
मोहम्मद के आंतकवादियों ने हिंदुस्तानी एयरबेस पर
हमला कर दिया. इस हमले पर पाकिस्तान का निषेध
करना किसी ढोंग से कम नहीं है.'
'मसूद अजहर को मोदी के हवाले करे PAK'
शिवसेना ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि
हिंदुस्तान से अपना रिश्ता सचमुच सुधारना है तो
पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर
को हिंदुस्तान के हवाले करे. शिवसेना ने कहा,
'नवाज शरीफ को चाहिए कि उस मसूद अजहर को
मोदी के हवाले करे.' साथ ही यह सवाल भी उठाया
कि प्रधानमंत्री मोदी के अचानक लाहौर दौर पर
'क्या कूटनीति है' कहने वाली दुनिया पठानकोट
हमले के बाद जुबान बंद किए हुए है.
सामना में यह भी कहा गया है, 'प्रधानमंत्री मोदी
ने दुनिया को एक करने की कोशिश शुरू की है. अब
अपने देश की ओर ध्यान देने का समय आ गया है.
पाकिस्तान के आतंकवादी जब हमारे हवाई बेस पर
घुसे उस समय मदद के लिए पूरी दुनिया नहीं दौड़ी.
इतने बडे पैमाने पर जन हानि तो प्रत्यक्ष युद्ध से भी
नहीं होती, जितनी कसाब जैसे कुछ आतंकवादियों
से होती है.'
'हमें वही मोदी चाहिए'
पीएम मोदी की बात का जिक्र करते हुए लेख में
कहा गया है कि जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तब
उन्होंने कहा था कि बंदूक की गोली की गूंज में
वार्ता कैसी हो सकती है? हमें वही मोदी चाहिए.'
प्रधानमंत्री के लाहौर दौरे पर सवाल उठाते हुए
शिवसेना ने कहा, 'चाय के बदले में पठानकोट में 7
जवान शहीद हो गए. यह वीर क्यों शहीद हुए? देश के
सामने सवाल है. यह शहादत क्यों हुई? जवान शहीद
हो रहे है लेकिन देश लड़ रहा है क्या? जवाब दो.'
सोमवार, 4 जनवरी 2016
'चाय के बदले 7 जवान शहीद हो गए, कुछ तो सबक सीख लें मोदी'
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