शनिवार, 23 जनवरी 2016

शाहरुख, आमिर अभिनय करें तो बेहतर, वरना अंजाम के लिए रहें तैयार:उमा भारती

नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री उमा
भारती ने शाहरुख खान और आमिर खान को
चेतावनी दी है। उन्होंने इन
फिल्म अभिनेताओं को चेताते हुए कहा कि 'अगर वे
राजनीति के इरादे से विचारधारा से संबंधित कोई
बयान देते हैं तो उन्हें दूसरे पक्ष की ओर
से प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा।'
मालूम हो कि इन दोनों अभिनेताओं ने हाल ही
में देश के अंदर बढ़ रहे असहिष्णुता के माहौल
की आलोचना की थी।
इसके बाद शाहरुख और आमिर, दोनों के खिलाफ
बीजेपी, संघ व इन संगठनों के
सहयोगियों ने मोर्चा खोल दिया था।
एबीपी न्यूज शो की
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उमा ने कहा, 'आमिर,
शाहरुख, सैफ अली खान और 4-5 अभिनेता
हैं। मैं इनके बारे में एक चीज जरूर कहना
चाहूंगी। अगर एक अभिनेता, अभिनेता बना
रहता है तो सब उसे पसंद करते हैं। सभी
राजनैतिक विचाराधाराओं के लोग भी उन्हें पसंद
करते हैं, लेकिन जब आप राजनीति के इरादे
से विचारधारा से जुड़ा कोई बयान देते हैं तो आपको
भी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा। यह
मत कहिए कि मेरे पास बोलने का अधिकार है, क्योंकि
ऐसी स्थिति में दूसरे पक्ष के पास
भी प्रतिक्रिया का अधिकार होता है।'
हालांकि शाहरुख व आमिर का नाम हालिया विवादों में सामने
आया था, लेकिन सैफ को लेकर बीते दिनों में कोई
इस तरह का विवाद नहीं हुआ। ऐसे में
यह साफ नहीं है कि उमा भारती
ने अपनी टिप्पणी में सैफ का नाम
क्यों लिया। सैफ की शादी फिल्म
अभिनेत्री करीना कपूर से हुई
है। बीते नवंबर में एक सवाल का जवाब देते
हुए करीना ने असहिष्णुता के विरोध में अपना
सम्मान लौटाने वाले साहित्यकारों व फिल्मकारों के प्रति
असमर्थन जताया था।
उमा ने हालांकि इस कार्यक्रम में आगे यह
भी साफ किया कि वह इन अभिनेताओं पर
नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने
की कोशिश करने का आरोप नहीं
लगा रही हैं। उन्होंने कहा, 'इतना जरूर है
कि उनके शब्दों से भारत की
अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा है।'
फिल्मी कलाकारों की
सीमा तय करने के अंदाज में उमा ने कहा कि
अभिनेता-अभिनेत्रियों को या तो अभिनय करना चाहिए या फिर
सामाजिक कार्य करने चाहिए। उन्होंने इस सिलसिले में
एंजेलिना जॉली का भी नाम लिया।
ऐसा नहीं करने की स्थिति में
उन्होंने चेतावनी दी, 'लेकिन
अगर आप अभिनेता ही रहना चाहते हैं
और चाहते हैं कि लोग आपको पसंद करें तो एक
ही समय में अपनी आलोचना के
प्रति नफरत दिखाने और खुद के लिए अभिव्यक्ति
की आजादी मांगते समय आपको
समझना होगा कि आपको एक साथ ये तीनों
चीजें नहीं मिल
सकती हैं।'
कार्यक्रम में कुछ बीजेपी
नेताओं, जैसे- निरंजन ज्योति, साक्षी महाराज,
साध्वी प्राची आदि द्वारा दिए गए
सांप्रदायिक व विवादास्पद बयानों के मानिंद पूछे जाने पर उमा
ने कहा, 'ये लोग हमारे करीबी
हैं। मैं उनके बारे में इस तरह किसी
सार्वजनिक मंच पर कुछ नहीं कहना
चाहूंगी।'
मोदी के साथ अपने विरोधों के बारे में उन्होंने
कहा, 'जब मैंने गुजरात के तत्कालीन
मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी
की आलोचना की थी,
उस दौरान मैं बीजेपी में
नहीं थी। मैं उस समय
अपनी अलग पार्टी
की मुखिया थी। मैंने 2007 के
गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार
खड़े करने का भी फैसला किया था, लेकिन फिर
जब मैंने राज्य में चौतरफा विकास देखा तो मैंने अपने
उम्मीदवारों को और मोदी
की आलोचना में कहे गए अपने शब्दों को
वापस ले लिया।' मालूम हो कि उमा भारती को
साल 2005 में बीजेपी से निलंबित
कर दिया गया था। लालकृष्ण आडवाणी के साथ
उनके मतभेद को इसका कारण बताया गया था। 6 साल बाद
वह फिर से बीजेपी में शामिल हो
गई थीं।
बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार द्वारा
बीजेपी को अयोध्या के राम मंदिर के
निर्माण के संबंध में एक तारीख घोषित करने के
लिए दी गई चुनौती पर किए गए
सवाल को टालते हुए उमा ने कहा, 'अगर
नीतीस कुमार और मुलायम सिंह
यादव लोगों को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए
राजी करने के काम का नेतृत्व करते हैं तो
मुझे बहुत खुशी होगी। राम
मंदिर इस पूरे देश का संकल्प है और यह जरूर पूरा
होगा।'
उन्होंने यह भी कहा कि वह पहले
'फायरब्रैंड' थीं, लेकिन अब वह 'वॉटरब्रैंड'
हो गई हैं। उन्होंने कहा, 'गंगा को साफ करने
की इतनी बड़ी और
आध्यात्मिक चुनौती ने मेरे अंदर
काफी शांति भर दी है। मैं एक
मकसद के साथ काम कर रही हूं।' उन्होंने
कहा कि गंगा को दूषित करने में सबसे ज्यादा योगदान
औद्योगिक कचरे का है, ना कि धार्मिक कर्मकांड और
मृतकों की अस्थि व राख बहाने
जैसी हिंदू परंपराएं।

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