सोमवार, 15 फ़रवरी 2016

मोदी का वाराणसी #FlopCleanIndia

देश की शहरों की स्वच्छता रैंकिंग
सामने आ गई है। सबसे साफ शहर कनार्टक का मैसर है,
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय क्षेत्र
वाराणसी सबसे गंदे शहरों में एक है। यह हाल तब है
जबकि मोदी ने बीते दिनों जापान के प्रधानमंत्री
की मौजूदगी में वाराणसी को क्योटो की तरह
हाईटेक शहर बनाने का दावा किया था।
स्वच्छता रैंकिंग में 73 शहर शामिल
स्वच्छ भारत अभियान के तहत 73 शहरों
की स्वच्छता रैंकिंग जांची गई है। कांग्रेस शासित
कनार्टक का मैसूर शहर इस रैंकिंग में टॉप पर है। दूसरे
नंबर पर चंडीगढ़ और तीसरे पर तिरुचिरापल्ली है। इस
लिस्ट ने नरेंद्र मोदी के विराेधी अरविंद केजरीवाल
को भी खुश होने का मौका दिया है।
अरविंद केजरीवाल की दिल्ली को स्वच्छता रैंकिंग
में चौथा स्थान मिला है। इसके बाद नई दिल्ली नगर
निगम, विशाखापट्टनम, सूरत, राजकोट, गंगटोक,
पिंपरी चिंचवाड़ और ग्रेटर मुंबई है। इस सर्वे को साल
2014 में किया गया है।
दुनिया के सबसे गंदे शहरों में धनबाद टॉप पर है।
धनबाद के बाद आसनसोल, ईटानगर, पटना, मेरठ,
रायपुर, गाजियाबाद, जमशेदपुर, वाराणसी, कल्याण
डोंबिवली का नाम है।
शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता रैंकिंग की इस
लिस्ट को जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने साल 2014 में दिल्ली की सड़कों पर झाडू़ लगाकर
इस अभियान की शुरुआत की थी। हालांकि उनके
अभियान का असर संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक
पहुंचता नहीं दिख रहा है।
पिछले साल भी मैसूर सबसे साफ शहरों की लिस्ट में
टॉप पर था। नई लिस्ट को जारी करते हुए शहरी
विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू दुनिया हमें देख रही
है। स्वच्छ भारत अभियान के जरिए हम दुनिया को
भारत का साफ चेहरा दिखा सकते हैं।
इन मानकों पर हुआ सर्वे
1. 500 मीटर के दायरे में 10 में से तीन लोगों के
पास पब्लिक टॉयलेट की सुविधा हो।
2. 10 में 9 लोगों के घरों में टॉयलेट की सुविधा
उपलब्ध हो ।
3. 10 में से दो लाेग माने की उनका इलाका साफ
है।
4. 10 में से दो लोग कहें कि उनके इलाके में डस्टबिन
है।

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