सोमवार, 15 फ़रवरी 2016

सबसे बड़े आतंकवादी

भारत में Bomb धमाको का सच

भारत में बम विस्फोट कौन करता है ?

मुसलमान या ?????

1- मालेगाँव का बम विस्फोट-
लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,

2- अजमेर दरगाह का बम विस्फोट-terrorist
स्वामी असीमानंद ,
इंद्रेश कुमार (आरएसएस RSS के वरिष्ठ नेता),
देवेंद्र गुप्ता,
साध्वी प्रज्ञा सिंह,
सुनील जोशी,
संदीप डांगे,
रामचंद्र कलसांगरा उर्फ रामजी,
शिवम धाक़ड,
लोकेश शर्मा,
समंदर ,
योगी आदित्यनाथ.

3- मक्का मस्जिद का बम विस्फोट-स्वामी असीमानंद एन्ड कंपनी

4- समझौता एक्सप्रेस का बम विस्फोट-स्वामी असीमानंद एन्ड कंपनी

5- नांदेड बम विस्फोट-
Terrorists
संघ कार्यकर्ता RSS
राजकोंडवार तथा नकली
दाड़ी और
शेरवानी ,
कुरता ,
पायजामा भी बरामद

6- गोरखपुर का सिलसिलेवार बम विस्फोट- अज्ञात - आफ़ताब आलम अन्सारी है गिरिफतार किया व बाईज्जत रिहा

7- मुंबई ट्रेन बम विस्फोट - अज्ञात क्योंकि मुस्लिमों को फंसाया नहीं जा सका

8- घाटकोपर में बेस्ट की बस में हुए बम विस्फोट-
अज्ञात क्योंकि मुस्लिमों को फंसाया नहीं जा सका .

9- वाराणसी बम विस्फोट-अज्ञात क्योंकि
मुस्लिमों को फंसाया नहीं जा सका .

10- कानपुर बम विस्फोट-बजरंग दल कार्यकर्ता
भूपेन्द्र सिंह छावड़ा और
राजीव मिश्रा

11- पाकिस्तानी कसाब -जिम्मेदार भारत सरकार क्योंकि उसे 15 दिन पहले से जानकारी थी -कमिश्नर मुश्रीफ का बयान .

अगर मुसलमान बोम्बविस्फोट करते है , तो मस्जीद मे क्यू करते है।
मंदिरों मे क्यों नही
♦ओर बंब गिराने पर उस जगह दाढी टोपी क्यू डाल के जाते है ।
टोपी गिर जाती होंगी ये बात ठीक है मगर दाढी???
पागल है मुसलमान उन्हे कोई ब्रह्मणो का मंदिर न मिला ।
नांदेड मी तो बंब बनते समय फुट गया उसमे २ ब्राह्मण मर गये ओर २ पकडे गये ।
उस जगह ओर क्या मिल पता है, टोपी ओर नकली दाढी के बक्क्षे ।
हाय रे इंडिअन मुजाहिद्दीन ….उसमे तो सारे
कुलकर्णी ,
पुरोहित ,
शुक्ला ,
गुप्त ,
जोशी ,
प्रज्ञासिंग वा ।

अक्षरधाम मंदिर आतंकी हमले मे गिरफ्तार तमाम बेगुनाह भारतीय मुस्लिम नागरीको को आदरणीय न्यायालय ने बाइझत रिहा कर दिया.

✨इंडियन मुजाहिद्दीन✨ नाम का कोई संघठन भारत में है हि नही ।
♦जिसका न कोई संस्थापक , न कोई सदस्य ।
♦ये तो चालबाजी है ??? कि मुसलमानो के खिलाफ भडकाने कि ।
ये सब बाते सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडीया में हलफनामे में इक़बाल ये बयान दर्ज है।
इसलिए झुटलाने का कोई सवाल ही नहीं।
♦ईनके चरित्र का आकलन अभ्यास हमारे सभी महापुरुषों को बखूबी था
इसलिए यह बाहर से कितना भी अच्छा लगता हो है वो 1 न जहरीला सांप जिसके कांटने से एक दो चार लोग नहीं पूरी के पूरी पीढ़ी बर्बाद होती है। सही जानकारी का अभाव ही हमारी सभी गुलामियों की जड़ है ।

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