मंगलवार, 3 मई 2016

ब्राह्मणों को भी नाली साफ करने और गन्दगी उठाने का कार्य सोपा जाना चाहिए हमेशा अछूत ही क्यों?

भक्तगण अवश्य पढ़े और बेतर्क की बहस ना करे
गाली गलोच करके अपने संस्कारो को ना बताये
-----------------------------------------------------------
"जब तुम इंसान को पिने के लिए पानी देने से भी इंकार करते हो, जब तुम उन्हें स्कूल(गुरुकुल) में भी पढ़ने नही देते,तो तुम्हे क्या अधिकार है की अपने लिए अधिक अधिकार की मांग करो?
जब तुम एक इंसान को समान अधिकार देने से भी इंकार करते हो तो तुम अधिक राजनितिक अधिकार मांगने के अधिकारी कैसे बन गए?"
बात बिलकुल खरी है!लेकिन यह क्योकि एक मुस्लिम ने कही है इसलिए हिन्दू भक्त कहेंगे की देखो वह उन अछूतों को मुसलमान बनाकर अपने में शामिल करना चाहते है!
जब तुम उन्हें इस तरह पशुओ से भी गया-बिता समझोगे तो वह जरूर ही दूसरे धर्मो में शामिल हो जायेंगे!
जिनमे उन्हें अधिक अधिकार मिलेंगे,जहा उनसे इंसानो जैसा व्यवहार किया जायेगा!फिर कहना की देखो जी ईसाई,मुस्लिम और बौद्ध लोग हिन्दू धर्म को नुकसान पंहुचा रहे है,व्यर्थ होगा!
कितना सपष्ट कथन है लेकिन यह सुनकर सभी तिलमिला उठते है!ठीक इसी तरह की चिंता हिन्दुओ को भी हुई!सनातनी पंडित भी कुछ न कुछ इस मसले पर सोचने लगे!
आज मंदिरो में लोगो को इसलिए नही घुसने दिया जाता की आज भी लोग उन्हें अछूत मानते है,बात आरक्षण की करे तो कहते है आरक्षण हमे आर्थिक आधार पर चाहिए बहुत खूब जनाब!
आरक्षण:-
              आप शोषण करो जाति आधार पर और आरक्षण चाहिए आर्थिक आधार पर वाह क्या सोच है!
मंदिर की बात करे तो आरक्षण सिर्फ ब्राह्मण को ही क्यों वहा भी अछूत को पूजा करने दो आप तो जन्मों से पूजा करते आ रहे हो अब कुछ दिन इन्हें भी पूजा करने दो !
इनका भी तो होगा भगवान,अब भला भगवान भी छुआछूत करता है यदि नही तो आप क्यों करते हो?
ब्राह्मणों को भी नाली साफ करने और गन्दगी उठाने का कार्य सोपा जाना चाहिए हमेशा अछूत ही क्यों?
अब भक्त गण का नाराज होना तो स्वाभविक ही है आखिर उनका भगवान लोगो से छुआछुत जो करता है!
दलितों की महिलाओ के साथ रोज हो रहे अत्याचारो की खबरे अखबार में देखने को मिल रही है अब भक्त गण ये नही कहेंगे की आरक्षण की जरुरत इनको ज्यादा है बस अपनी धुन में लगे हुए है
आप छुआछूत तो जाति देखकर करते है और आरक्षण आर्थिक आधार पर ये कितना न्यायोचित है?
खैर पोस्ट को ज्यादा लम्बा नही करूँगा भक्तो से निवेदन है बेतर्क बहस ना करे
ये मेरे निजी विचार है किसी के दिल को ठेश पहुची हो तो क्षमा चाहता हु
धन्यवाद
लेखक:-#जयसिंह_नारेड़ा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट