भक्तगण अवश्य पढ़े और बेतर्क की बहस ना करे
गाली गलोच करके अपने संस्कारो को ना बताये
-----------------------------------------------------------
"जब तुम इंसान को पिने के लिए पानी देने से भी इंकार करते हो, जब तुम उन्हें स्कूल(गुरुकुल) में भी पढ़ने नही देते,तो तुम्हे क्या अधिकार है की अपने लिए अधिक अधिकार की मांग करो?
जब तुम एक इंसान को समान अधिकार देने से भी इंकार करते हो तो तुम अधिक राजनितिक अधिकार मांगने के अधिकारी कैसे बन गए?"
बात बिलकुल खरी है!लेकिन यह क्योकि एक मुस्लिम ने कही है इसलिए हिन्दू भक्त कहेंगे की देखो वह उन अछूतों को मुसलमान बनाकर अपने में शामिल करना चाहते है!
जब तुम उन्हें इस तरह पशुओ से भी गया-बिता समझोगे तो वह जरूर ही दूसरे धर्मो में शामिल हो जायेंगे!
जिनमे उन्हें अधिक अधिकार मिलेंगे,जहा उनसे इंसानो जैसा व्यवहार किया जायेगा!फिर कहना की देखो जी ईसाई,मुस्लिम और बौद्ध लोग हिन्दू धर्म को नुकसान पंहुचा रहे है,व्यर्थ होगा!
कितना सपष्ट कथन है लेकिन यह सुनकर सभी तिलमिला उठते है!ठीक इसी तरह की चिंता हिन्दुओ को भी हुई!सनातनी पंडित भी कुछ न कुछ इस मसले पर सोचने लगे!
आज मंदिरो में लोगो को इसलिए नही घुसने दिया जाता की आज भी लोग उन्हें अछूत मानते है,बात आरक्षण की करे तो कहते है आरक्षण हमे आर्थिक आधार पर चाहिए बहुत खूब जनाब!
आरक्षण:-
आप शोषण करो जाति आधार पर और आरक्षण चाहिए आर्थिक आधार पर वाह क्या सोच है!
मंदिर की बात करे तो आरक्षण सिर्फ ब्राह्मण को ही क्यों वहा भी अछूत को पूजा करने दो आप तो जन्मों से पूजा करते आ रहे हो अब कुछ दिन इन्हें भी पूजा करने दो !
इनका भी तो होगा भगवान,अब भला भगवान भी छुआछूत करता है यदि नही तो आप क्यों करते हो?
ब्राह्मणों को भी नाली साफ करने और गन्दगी उठाने का कार्य सोपा जाना चाहिए हमेशा अछूत ही क्यों?
अब भक्त गण का नाराज होना तो स्वाभविक ही है आखिर उनका भगवान लोगो से छुआछुत जो करता है!
दलितों की महिलाओ के साथ रोज हो रहे अत्याचारो की खबरे अखबार में देखने को मिल रही है अब भक्त गण ये नही कहेंगे की आरक्षण की जरुरत इनको ज्यादा है बस अपनी धुन में लगे हुए है
आप छुआछूत तो जाति देखकर करते है और आरक्षण आर्थिक आधार पर ये कितना न्यायोचित है?
खैर पोस्ट को ज्यादा लम्बा नही करूँगा भक्तो से निवेदन है बेतर्क बहस ना करे
ये मेरे निजी विचार है किसी के दिल को ठेश पहुची हो तो क्षमा चाहता हु
धन्यवाद
लेखक:-#जयसिंह_नारेड़ा
मंगलवार, 3 मई 2016
ब्राह्मणों को भी नाली साफ करने और गन्दगी उठाने का कार्य सोपा जाना चाहिए हमेशा अछूत ही क्यों?
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
पठानकोट विशेष: जब वो युद्ध में घायल हो जाता है तो अपने साथी से बोलता है : “साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना; यदि हाल मेरी माता...
-
मनोजभाई हडीयल स्व : 2/January/2016 मैंने एक अच्छा मित्र खो दिया! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति...
-
भारत में लॉन्च हुआ मात्र 251 रुपये का सबसे सस्ता स्मार्टफोन Freedom251 ने दुनिया के सबसे सस्ते स्मार्टफोन को लॉन्च किया है। कंपनी Ringing ...
-
एक विशेष जानकारी राजस्थान मे उदयपुर शहर से बिस किमी दुर उमरड़ा एक गांव है वहां पर एक पैसिफिक नाम का होस्पिटल है जहां पर हर तरह कि बिमारी का...
-
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने सोमवार को बलात्कारियों से जुड़ा एक बड़ा बयान दे डाला है. उन्होंने कहा कि अगर देश का कानून इजाजत दे तो ...
-
आज कलम का कागज से, मै दंगा करने वाला हूँ। मीडिया की सच्चाई को मैं, नंगा करने वाला हूँ। मीडिया जिसको लोकतंत्र का, चौंथा खंभा होना था। खबरों क...
-
मुसलमानों को निशाना बनाकर वो हिन्दू को एकजुट कर वोट बैंक बनाती है, और दलितों को ये संघी जानते है की ये लतखोर हैं, ये कितना भी लात खायेंगे,...
-
Copy paste आप सभी साथी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे हजारो वर्षो पहले एशिया महाद्वीप में एक राजवंश रहा करता था जिसे हम इक्ष्वाकु राजवंश या सूर...
-
अगर आप भी इस फोन को यूज करना चाहते हैं तो आपको दो मई का इंतजार करना होगा. इस मोबाइल फोन को भारत की ही कंपनी ‘डोकोस’ लेकर आ रही है. कंपनी ...
-
1. Recruitment Services You can start your own firm of providing recruitment services to other companies. You just need good data of can...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें