यकीन मानिए सच कह रहा हु
राम से कही ज्यादा पावरफुल डॉ अम्बेडकर है।
राम ने
अपनी पूरी ज़िन्दगी में सिर्फ एक
महिला(सीता) को रावण से आज़ाद करवाया और आज़ाद करवाने के तुरंत बाद अग्निपरीक्षा के नाम पर उसे
भी आग में झोंक दिया,
जबकि
बाबा साहब ने बिना किसी वानर
सेना की मदद के सम्पूर्ण
भारत की महिलाओ
को आज़ादी दिलवा दी ......
शूद्र का संपत्ति रखने का आन्दोलन तो कभी भी लक्ष्मी
देवी ने चलाया ही नहीं !
शूद्र का पढने लिखने का आन्दोलन भी कभी सरस्वती
देवी ने चलाया ही नहीं !
शूद्र के अच्छे भोजन का
आन्दोलन भी कभी अन्नापूर्ण देवी ने चलाया ही नहीं !
तो फिर 33 करोड़ को नमन का क्या मतलब ?
33 करोड़ सलाम के हकदार तो बाबा साहब है !
कोई शक !!
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