समाचार एजेंसी पीटीआई के
अनुसार सीआईसी ने दिल्ली
यूनिवर्सिटी और गुजरात यूनिवर्सिटी को
कहा है कि प्रधानमंत्री की
डिग्री से संबंधित सभी
आरटीआई आवेदनों का जवाब दें.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि, "हम
सीआईसी के इस फ़ैसले का स्वागत करते
हैं. अब सारे संशय दूर हो जाएंगे."
गुरुवार को केजरीवाल ने केंद्रीय सूचना
आयुक्त से कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी की डिग्री से
जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करें.
केजरीवाल ने इसे लेकर केंद्रीय सूचना
आयुक्त को एक पत्र भी लिखा था और यह पत्र
अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया.
मोदी ने साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान
वाराणसी के उम्मीदवार के बतौर जो
हलफ़नामा दाख़िल किया था, उसमें जानकारी
दी थी कि उन्होंने साल 1983 में गुजरात
यूनिवर्सिटी अहमदाबाद से 'मास्टर ऑफ़ आर्ट्स'
की डिग्री ली थी.
उससे पहले साल 1978 में उन्होंने दिल्ली
यूनवर्सिटी से बेचलर ऑफ़ आर्ट्स की
डिग्री हासिल की थी.
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016
नरेंद्र मोदी की डिग्री का ब्यौरा दे पीएमओ: सीआईसी
बुधवार, 27 अप्रैल 2016
मार्केट में 888 रुपए वाला स्मार्टफोन आने वाला है.
अगर आप भी इस फोन को यूज करना
चाहते हैं तो आपको दो मई का इंतजार करना होगा. इस मोबाइल
फोन को भारत की ही कंपनी
‘डोकोस’ लेकर आ रही है. कंपनी के
जयपुर स्थित मुख्यालय ने इस मोबाइल फोन की
बुकिंग शुरू कर दी है.
इस मोबाइल फोन को खरीदने का
तरीका.कंपनी ने 888 रुपए वाले मोबाइल
फोन का नाम ‘DOCOSS X1′ रखा है. इसकी बुकिंग
27 अप्रैल यानी बुधवार शाम छह बजे से शुरू हो गई है. इसकी बुकिंग 29 अप्रैल की रात
10 बजे तक हो सकेगी
डोकोस मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के
पार्टनर राजेंद्र स्वामी ने बताया कि फोन बुक कराने के
लिए नए नंबर 7666204430 पर मैसेज करें. इसके लिए फोन के
मैसेज बॉक्स में जाकर अपना नाम, पता, पिनकोड लिखना होगा.
इसके बाद इस नंबर पर मैसेज करना होगा. इसके अलावा
9616003322 पर भी मैसेज किया जा सकता है.
कंपनी की वेबसाइट
www.docoss.com पर लॉग ऑन कर सकते हैं.
राजेंद्र स्वामी ने बताया कि स्मार्ट फोन की
कैश ऑन डिलीवरी दो मई से शुरू कर
दी जाएगी. शनिवार और रविवार को
छुट्टी का दिन होने की वजह से यह
डिलीवरी दो मई से की जा
रही हैं.
कंपनी स्मार्ट फोन बुकिंग करने वाले के पास कुरियर से
भेजेगी. कुरियर बॉय के फोन आपके पास लाने और
यह सुनिश्वित करने के बाद कि फोन इस बॉक्स में है कि
नहीं, आपको उसका पेमेंट करना होगा.
यानी कुरियर बॉय को ही 888 रुपए
भुगतान कर फोन प्राप्त किया जा सकेगा.
888 रुपए वाले मोबाइल फोन में 4 इंच की आईपइएस
स्क्रीन है. इसमें दो सिम यूज कर सकेंगे. यह
स्मार्टफोन एंड्रॉइड 4.4 किटकैट ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता
है. डोकॉस एक्स 1 में एक जीबी रैम
दी गई है.
DOCOSS X1’ मोबाइल फोन में व्हॉट्सएप्प, फेसबुक,
Twitter, इंस्टाग्राम आदि डेली यूज के ऐप
आसानी से काम करेंगे. इस स्मार्टफोन में 2.0
मेगापिक्सल है, जबकि फ्रंट कैमरा 0.3 मेगापिक्सल का है.
इसमें 1300 MAh की लिथियम बैटरी
लगी है. फोन के हिसाब से बैटरी पावर
अच्छा है.
नोट: " ‘DOCOSS X1’ मोबाइल
फोन की विश्वसनीयता की
कोई गारंटी हम नहीं देते है. आप अगर इस
फोन को खरीदते हैं तो इसके लिए आप खुद
उत्तरदायी होंगे.
सोमवार, 25 अप्रैल 2016
ऐसे हैक हो सकता है आपका बैंक एकाउण्ट
'((((((((((((( सावधान )))))))))))
1= Hacker Facebook से आपका नाम और जन्म तारीख प्राप्त कर लेता है।
2 = इस जानकारी को इनकम टैक्स विभाग की साइट पर जाकर update करता हैं और वहां से pancard व मोबाईल नम्बर प्राप्त कर लेता हैं.
3 = उसके बाद duplicate pancard बनवा लेता है।
4 = फिर police ठाने में mobile चोरी हो जानेकी सूचना देता है ।
5= duplicate pancard लेजाकर mobile company से आपके number का simcard निकलवा लेता हैं.
6 = internet banking के माध्यम से आपके बैंक account में छेडछाड करता हैं.
7 = बैंक की साइट पर जाकर forgot my password इस option पर जाता हैं.
8 =आगे के options आसानी से पार करते हुए simcard पर Internet banking का pin प्राप्त कर लेता है ।
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें व अपने सभी मित्रों को इसकी जानकारी दें।
धन्यवाद,,,,,
देवेंदर कुमार
इन्कम टैक्स इंस्पेक्टर
जयपुर, राजस्थान
रविवार, 24 अप्रैल 2016
आज जानते है की कैसे हुआ भगवान श्री कृष्ण का जन्म का गप..???
श्री क्रष्ण के जन्म की अतिशोक्ति ।।। मित्रो पुराणो के अनुसार श्री क्रष्ण के जन्म की कहाने कुछ इस प्रकार है ।।। जब देवकी और वासुदेव को विवाह के बाद विदा किया जा रहा था, तो देवकी के भाई कंस ने निश्चय किया कि वर वधु को वो खुद अपने मुकाम तक छोड़ कर आयेगा और उसने रथ की कमान थाम ली ।।। जब वो रथ को लेकर थोड़ी दुर गया तो अचानक आकाशवाणी हुई जिसमे एक अज्ञात व्यक्ति ने ये कहा कि देवकी का आंठवा पुत्र ही कंस का वध करेगा।।
यह आकाशवाणी सुनकर कंस क्रोधीत हो उठा और उसने उसी समय देवकी को जान से मारने का निश्चय करता है, किन्तु वासुदेव कस को समझाते हुए कहा कि वो एसा ना करे अपनी बहन की हत्या का पाप अपने सिर ना ले, उन्हे जो भी संतान होगी वो (वासुदेव) खुद लाकर कंस को सौप देंगे ।।। कंस वासुदेव पर विश्वास करता है और उन्हे जाने देता है ।
जब वासुदेव के यहा पहला पुत्र जन्म लेता है, तो वासुदेव अपने प्रण के अनुसार बच्चे को कंस को सौपने ले जाते है, लेकिन महाराज कंस वासेदेव से कहते है कि उन्हे वासुदेव की आठवी संतान से खतरा है, अतः आप इस बच्चे को ले जाइये, ये सुनकर वासुदेव वहा से चले जाते है, उसी समय चुगलीखोर नारद मुनी वहा प्रकट होते और कंस से कहते है कि आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हो, वासुदेव के सभी बच्चो मे भगवान का अंश है। उन्ही मे से किसी के हाथो आपका विनाश होगा ।।।
नारदमुनी की बात सुनकर कंस तुरंत वासुदेव के पास जाता है, और वासुदेव तथा देवकी को करागार मे कैद कर देता है तथा उन्के पहले पुत्र की हत्या कर देता है, इसी प्रकार कंस एक के बाद एक देवकी के सात पुत्रो की हत्या कर देता है ।।।
और जब आठवे पुत्र के रुप मे भगवान का जन्म होता है, तो वासुदेव उस बच्चे को चमत्कारीक रुप से यशोदा तथा नंदलाल के यहा छोड़ आते है, जहा पर श्री क्रष्ण का पालन पोषण होता है।।।।
मित्रो वैसे तो यह एक कहानी काल्पनीक है लेकीन आपको इस पाखंड से उजागर करने के लिये,
जो लोग इसे सत्य मानते है उन लोगो से मैं कुछ सवाल पुछता चाहता हूं ।।।
1) भगवान ने कंस को आकाशवाणी से सुचीत क्यो किया की देवकी का आठवा पुत्र उनका संहार करेगा, क्या भगवान को बाकी के सात निर्दोष मासुम बच्चो की जान से कोइ मतलब नही था ?
2) श्री क्रष्ण ने आंठवे नम्बर पर हि जन्म क्यो लिया ???? अगर वो पहले ऩम्बर पर हि जन्म ले लेते तो बाकी के बच्चो की जान बच जाती ।।।
3) कंस भी अजीब मुर्ख आदमी था, सोचता था कि बहन देवकी की हत्या करेगा तो पाप लगेगा, तो उसने यह बात क्यो नही सोची की सात सात निर्दोष मासुम बच्चो की हत्या करने से तो उसे सात गुना पाप लगेगा ।।।
उस मुर्ख कंस ने यह बात क्यो नही सोची की होने वाले आठ मासुम बच्चो की हत्या करने से तो अच्छा है की देवकी को हि खत्म कर दिया जाय, ताकी ना रहेगा बांस और ना बजेगी बासुरी ।।।
4) चलो अगर कंस खुन खराबा नही करना चाहता था, तो फिर उस बेवकुफ ने देवकी और वासुदेव को बंदीग्रह मे एक साथ क्यो कैद किया, क्या उसमे इतनी अक्ल नही थी कि अगर ये दोने एक साथ रहेंगे तो बच्चे पैदा करेंगे ???
5) बाकी के उन सात बच्चो की हत्या का असली जुम्मेदार कौन, मारने वाला कंस या देरी ये जन्म लेने वाले श्री क्रष्ण य़ा फिर कंस को भड़काने वाला चुगली खोर नारदमुनी ????
6) किसी भगवान ने नारद जैसे दुष्ट पापी चुगलीखोर मुनी का संहार करने की कोशीष क्यो नही की??? या फिर मै यह कहू कि नारद सभी कालपनिक पौराणीक कथाओ का एक हास्य पात्र था ????
मैने इस पोस्ट मे कुछ भी गलत नही कहा है, सिर्फ पुराणों के अनुसार आपको उजागर करने के लिए कुछ सवाल किये है,
गालीया- गलोच और भगवानो की वकालत करने से पहले आपके काल्पनीक भवीष्य पुराणों में इसकी जाँच करें फिर यहाँ वकालत करें...
घन्यवाद....
इतना बड़ा झूँठ लिखते समय शर्म नही आई
हनुमान स्पेशल
“हनुमान ज्ञान गुण सागर” अथार्त्: हनुमान का ज्ञान सागर से भी बड़ा था।
बताइये तो इतना बड़ा झूँठ लिखते समय शर्म नही आई तुलसीदास को और न इन अंध भक्तों को ही पढ़ने में शर्म आती है।
सोचिये ज़रा हनुमान का ज्ञान कहाँ चला गया था जब लक्ष्मण के लिए हिमालय पर्वत पर जड़ी बूटी ढूँढ रहा था?
मान लो तब हनुमान की अकल घास चरन चली गई थी।
इसलिए वो हिमालय पर्वत को ही उठालाया। जब हनुमान हिमालय पर्वत उठा सकता है तो फिर लंका जाने के लिए पुल बनाने की क्या जरुरत थी?
ये बन्दर हनुमान तो पूरी सेना को बड़ी ही आसानी से ले जा सकता था?
मान लो फिर हनुमान की अकल घास चरने चली गई थी।
अब समुन्द्र मैं कंकड़ ,पत्थर से पुल बनाने की क्या जरूरत थी?
इसमें समयकी बर्बादी हो रही थी हनुमान दो चार हिमालय पर्वत ही समुन्द्र मैं उतार देता, तो पुल जल्दी बन जाता।
उधाहरण अगर आप क्रेन चलाने बाले से कहो कि भाई हमारी छत पर एक बार मैं एक ईंट पहुंचानी है तो क्रेन बाला आपको पागल ही कहेगा,इससे या साबित होता है कि हनुमान दिमाग से कितना पैदल था।
मान लो फिर बन्दर हनुमान की अकल घास चरने गयी थी।
राम नाम लिखा पत्थर नहीं डूबता फिर राम और राम की सेना क्यों डूब रही थी?
अगर नहीं डूब रही थी तो फिर ये‘रामसेतु’ बनाने की ज़हमत राम और हनुमान ने क्यों उठाई?
क्यों क्यों इतनी समय की बेवजह बर्बादी की?
फिर ये लाइन कियों लिख दी गयी है:
‘जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीसतिहु लोक उजागर’ये लाइन कहाँ मेल खाती है हनुमान के लिए..?
बस अंध भक्तों आस्था के नाम पर अंधे बने रहो !
मंगलवार, 19 अप्रैल 2016
मोदी जी के "डिजिटल इंडिया" में आपका स्वागत हैं
झारखण्ड के बोकारो में कर्फ्यू लगा है, इंटरनेट सेवा बंद !
गुजरात के मेहसाणा में कर्फ्यू लगा, इंटरनेट सेवा बंद !
काश्मीर के कुपवाड़ा में भी कर्फ्यू है
और इंटेरनेट सेवा बंद !
अभी हाल हि में लगभग पूरे हरियाणा में कर्फ्यू
लगा रहा और इंटरनेट सेवा बंद रही!(इन सब
राज्यों में भाजपा कि सरकार है)
मोदी जी के "डिजिटल इंडिया" और
"विकसित भारत" में आपका स्वागत है
राष्ट्रवाद की परिभाषा क्या इनके कर्मो मे फिट बैठती है ?
देश जानना चाहता है जो लोग अपनी कट्टरपंथी सोच को राष्ट्रवाद का जामा पहनाते हैं लेकिन यह नहीं बताते कि जब कोहेनूर हीरे पर अपना दावा जताते हुए भारत उसकी वापसी की मांग करता रहा है, तो केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोहेनूर पर से अपना दावा छोड़ क्यों रही है? कोहेनूर पर भारत का दावा 'राष्ट्रवादी' था, या उस पर से दावा छोड़ना? यह कौन सा राष्ट्रवाद है कि कश्मीर में तिरंगा फहराने वालों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं? यह कौन सा राष्ट्रवाद है जो भारत को गुलाम बनाकर चूसने वाले अंग्रेजों, जलियांवाला बाग़ में निर्दोष जनता पर गोली चलाने वाले साम्राज्यवादियों और हमारे क्रांतिकारियों को फांसी पर चढाने वाले शासकों के वंशजों के सम्मान में भोज आयोजित करता है? स्वयं इन्हीं द्वारा परिभाषित 56 इंची राष्ट्रवाद की परिभाषा क्या इनके कर्मो मे फिट बैठती है ?
शनिवार, 16 अप्रैल 2016
मोदी की लल्लन टॉप 10 योजनाये
1-विकास करेंगे नतीजा - फुस्स।
2- काला धन वापिस लाएंगे नतीजा- फुस्स।
3- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नतीजा- फुस्स।
4- जन धन योजना नतीजा- फुस्स।
5- स्वच्छता अभियान नतीजा- फुस्स।
6- पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे नतीजा- फुस्स।
7- भूमि अधिग्रहण बिल नतीजा- फुस्स।
8- सब्सिडी छोड़ो नतीजा- फुस्स।
9- गंगा सफाई अभियान नतीजा- फुस्स।
10- मेक इन इंडिया नतीजा- फुस्स।
मित्रो, आप ये मत समझना कि मैने कोई काम नहीं किया, देखिये मेरी अनोखी योजनाये जिसमे हम कामयाब हुए -
1- लव जिहाद।
2- चार बच्चे पैदा करना।
3- सूर्य नमस्कार।
4- मंदिर निर्माण।
5- आरक्षण समीक्षा।
6- असहिष्णुता।
7- वन्देमातरम गाना।
8- भगवा फहराना।
9- देशद्रोह अभियान।
10- भारतमाता की जय।
आगे जारी है
भाइयो और बहनो, इंतजार कीजिए अभी और भी बहुत सी कल्याणकारी योजनाये आ रही है जैसे -
1- धार्मिक दंगे करवाना।
2- धार्मिक उन्माद फैलाना।
3- जातीय उन्माद फैलाना।
4- साम, दाम, दंड और भेद योजना।
5- दलितों पर अत्याचार वृद्धि योजना।
6- अल्पसंख्यकों पर हमले।
7- देशद्रोहियों का विदेश भेजना।
8- देशहित में बड़बोले नेताओ की संख्या बढ़ाना।
9- हिन्दू राष्ट्र घोषित करना।
10- बकवास विस्तार मंत्रालय गठन करना।
11- गाय मंत्रालय का गठन।
12- गाय मूत्र संरक्षण योजना।
13- गोबर रीसर्च सेंटर स्थापना।
2019 तक इतनी कल्याणकारी योजनाये आएगी कि जनता मालामाल हो जायेगी।
मै आपके इस दोहरे बर्ताव की आलोचना करता हुं.
मन की बात
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मोदीजी आपसे सिर्फ एक सवाल " केरल मे मंदिर हादसे मे 100 से अधिक लोग मारे गये है आप दिल्ली से डाक्टर्स ओर दवाइया लेकर " केरल " पहुंचे है अच्छी बात है प्रधानमंत्री को ऐसी आपदा मे इतनी फुर्ती दिखाकर जाना बनता है लेकिन मेरा सवाल है क्या मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले का " पेटलावद " क्या " पाकिस्तान " में है जहां 78 लोगो के चिथड़े उड गये लेकिन ना आप आये ओर ना आपके गृहमंत्री राजनाथसिंह भोपाल मे उस दिन रहते हुऐ आये ? क्या केरल मे चुनाव है इसलिए आपने वहा जाने का फैसला किया ? उपचुनाव तो यहां भी था लेकिन शायद केरल जैसा महत्वपूर्ण नही था । अफसोस लेकिन मै आपके इस दोहरे बर्ताव की आलोचना करता हुं ।
शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016
यादशक्ति और मोबाईल
યાદશક્તિ અને મોબાઈલ
મોબાઈલ વપરાશકારો માટે ફોનનંબરો સેવ કરવાનું આસાન બની ગયું છે. જો કે તેનો ગેરલાભ
એ થયો છે કે લોકો પોતાના અંગત સાથીઓના નંબરો યાદ કરવાની તસ્દી લેતા
નથી.
મોબાઈલ યુગ નહોતો ત્યારે લોકો પોતાના મિત્રો અને સંબંધીઓના નંબરો
આસાનીથી યાદ રાખતા હતા. લોકો પોતાના ઘેર નંબરો માટે ખાસ ડાયરી રાખતા હતા પરંતુ
મોબાઈલ યુગમાં આવી ફોન ડાયરી અસ્થાને બની ગઈ છે અને નંબર ફોનમાંથી
મેળવી લે છે.
सौ- Seju Makwana
बाबा साहेब की मूर्ति के सामने ही अश्लीलता होती रही
सीतापुर के महमूदाबाद में भीम राव
अंबेडकर की जयंती कार्यक्रम में बार
बालाओं ने जमकर ठुमके लगाए. बाबा साहेब की मूर्ति के सामने ही अश्लीलता होती रही. कार्यक्रम का आयोजन
बीएसपी के नेताओं ने किया था.
वहीं नोताओं ने बाबा साहेब की मूर्ति पर
पहले तो फूल-मालाएं चढ़ाई गईं.ओर अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर
चलने की कसमें भी खाईं, लेकिन
थोड़ी ही देर बाद इन
बीएसपी नेताओं की जुंबान
बदल गयी. फिर शुरु हुआ फिल्मी
गीतों पर बार बाला का डांस.
नेताओं ने भीड़ जुटाने के लिए यह हथकंडा अपनाया
है. यह सब ठीक उसी दिन हो रहा था
जब पार्टी सुप्रीमो मायावती ने
कार्यकर्ताओं को बताया कि बाबा साहब अंबेडकर दलितों के भगवान
हैं. दलितों का तीर्थ अयोध्या या काशी
नहीं बल्कि बाबा साहेब भीम राव
अंबेडकर पार्क है.
मंगलवार, 12 अप्रैल 2016
આઇસક્રીમ ખાવ પણ પહેલા આ વાંચો.
મોટી મોટી કંપનીઓ આકષૉક આઉટલેટ ખોલી લોકોને આકર્ષિત કરે છે. પણ તેના બનવા પાછળ ઘણી એવી વાતો છે કે જાણ્યા પછી તમે ચોક્કસ બજારુ આઈસ્ક્રીમ ખાવાનું ટાળશો.
થોડા દિવસ પહેલા રત્નાગિરી ના મીરજોળે માટે એમઆઇડીસી મા એક કલાયંટને મળવા મારા સર સાથે અમે ગયા હતા.
મારા કલાયંટે મને બીજા એક વ્યક્તિ ને મેળવ્યા. એ વ્યક્તિ મુંબઇ મા નીતનવા આઇસક્રીમ અલગ અલગ ફલેવસ મા બનાવી અને આઇસક્રીમ બનાવતી તમામ જાણીતી કંપનીઓ ને વેચે છે.
હવે એ વ્યક્તિ ને મારા કલાયંટ સાથે આઉટલેટ શરૂ કરવુ હતુ. એ માટે એણે મને અને મારા સર ને પ્રોજેક્ટ રીપોર્ટ બનાવવા માટે કહ્યુ.
એમણે જે કંઈ પણ વાત કરી તે સાંભળીને મને આઘાત લાગ્યો.
તેમના કહેવા પ્રમાણે તેણે અનેક ફલેવસ ના આઇસક્રીમ બનાવી અન જુદી જુદી કંપનીઓ ને વેચ્યા છે.
તેમણે કહ્યુ કે, " મે પેરુ અને ચોકલેટ આઇસક્રીમ ના ચાર ચાર ફલેવસ ના આઇસક્રીમ બનાવ્યા છે. જેને મારે કોઇ કંપની ને વેચવા નથી. આ ફલેવસ બધાને પસંદ પડસે. તો આપણે આનો આઉટલેટ ખોલી ફાયદો ઉઠાવીશુ.
પ્રોજેક્ટ રીપોર્ટ તૈયાર કર્યો, તેમા લાગતા રુપિયા અને બઘુ વીચાયૉ પછી મે એક સીધો સાદો પ્રશ્ર્ન પુછયો કે " સમજો કે આપણુ આઉટલેટ ન ચાલ્યું અને, લોકો ને તારી ફલેવસ ભાવી નહિ તો,
આ ફલેવસ ના આઇસક્રીમ બગડી જાય, તો તે નુકસાન કોણે ભરવાનુ??
"મારા મનમા ધણાજ પ્રશ્ર્નો હતા, વીજળી નો ખર્ચ, દુધ, કાચો માલ ઇત્યાદિ.
એ વ્યક્તિ એ કહયુ " તે ની ચિંતા ન કરો. ,તે આઇસક્રીમ કયારેય બગડશે નહિ.
આઠ દિવસ સુધી લાઇટ નહી હોય તો પણ તે બગડશે નહિ. "
અમને આશ્ચર્ય થયુ અમે પુછયુ દુધ હોય તો તે બગડેજ.
❌એ વ્યક્તિ બોલ્યો દુધ માથી આઇસક્રીમ બનવાના દિવસો ગયા.
અમે પુછયુ તો શેમાથી બનાવા છો આઇસક્રીમ?
ડાલડા ઘી માથી!
શુ ડાલડા ઘી માથી?
એણે કહયુ હા.....
➡.એકાદ કંપની છોડીને બધાજ ડાલડા વાપરે છે એટલે તે બધાને પોસાય છે
આજકાલ આઇસક્રીમ મા ટીપુ દુધ હોતુ નથી. ❌❌
ડાલડા ને થોડી પ્રોસેસ કરીને તેમા ફલેવસ મીકસ કરે કે ખબર ના પડે કે ડાલડા છે.
એ સિવાય દુધ ના આઇસક્રીમ કરતા વધારે મુલાયમ હોય છે,
ધણી વાર દુધના આઇસક્રીમ મા બરફ ની કણી જે આવે તે આમા ન આવે એટલે લોકો ને ભાવે છે.
બીજી વાત ડાલડા આઇસક્રીમ જીભ ઉપર આવતાજ ઓગળી જાય છે.ખુબજ ઠંડો અને લીસો હોવાને લીધે લોકો નકકી નથી કરી શકતા કે શુ છે. અને લોકોને આ પસંદ છે.
તે ધણાજ ઉત્સાહ મા વાત કરીરહ્યાં હતો.
Now........ડાલડા આઇસક્રીમ ની વિશેષતા એ છે કે તે સામાન્ય તાપમાન મા પણ ઘણો સમય રહી શકે છે. તે બિલકુલ ખરાબ થતો નથી.
આ થી ઉલટુ દુધના આઇસક્રીમ ને માટે ટેમ્પરેચર,મેન્ટેનન કરવુ પડે. દુધના આઇસક્રીમ માત્ર 10-12 દિવસ મા બગડી જાય છે. એટલે ખચૉ વધી જાય છે.
▶ ડાલડા આઇસક્રીમ ફ્રીઝ ની બહાર આખો વર્ષ રહે છે. તેની ફલેવસ પણ ખરાબ થતી નથી.
ડાલડા આઇસક્રીમ માટે લાઇટ ખુબજ ઓછી લાગે છે.
10 ડીગ્રી તાપમાન મા પણ આઇસક્રીમ નો ફીલ આવે.
દૂધના આઇસક્રીમ માટે તાપમાન વધુ જોઈએ. એટલે દૂધનો આઇસક્રીમ મોંઘો પડે.
એ સિવાય દુધ ના આઇસક્રીમ કરતા ડાલડા આઈસ્ક્રીમ માં કાચો માલ સસ્તો પડે.
એ સીવાય દુધનુ રોજ નુ કલેકશન, તેને સાચવવા માટે ફ્રીજીંગ અને સાચવવાનો ખર્ચ.
આ બધોજ વિચાર કરતા સમજાયુ કે લોકોને આ આઇસક્રીમ ખાવો પોસાય નહિ.
ડાલડા આઇસક્રીમ મા ધણોજ પ્રોફિટ margin છે.
એટલે આજકાલ આટલા પોશ આઇસક્રીમ આઉટલેટ ચાલે છે તે ડાલડા આઇસક્રીમ થી જ ચાલે છે.
ડાલડા આઇસક્રીમ ઉત્પાદન મા એક ફાયદો એ છે કે એકજ પ્રોડક્શન યુનિટ ચાલુ હોય તો પણ પુરા ભારત દેશ મા ગમે ત્યા આઇસક્રીમ મોકલી શકાય છે
દુધના આઇસક્રીમ મા આ બેનિફિટ નથી. એના માટે બધેજ પ્રોડક્શન યુનિટ ચલાવવુ પડે.
એ વ્યક્તિ ખુબજ આનંદ મા આવી ગયો તેણે બનાવેલા નવા આઇસક્રીમ ફલેવસ ટેસ્ટ કરાવ્યા
પણ એ પછી મને આઇસક્રીમ ખાવાની મજા જતી રહી.
માટે આઇસક્રીમ ખાતા પહેલા તેમા રહેલા ઇંગરેડિયન્ટ તપાસો તે મહત્વ નુ છે.- બજારુ -કંપની ના આઈસ્ક્રીમ ખાવા નું ટાળો.
બાકી તમારો નિર્ણય અને તમારુ આરોગ્ય તમારા હાથ મા છે.
ડો.શીવડે, કોલ્હાપુર.
( મૂળ મરાઠી પોસ્ટ
- ગ્રુપ માટે ગુજરાતી ટ્રાન્સલેશન - શ્રીમતી બીનાબેન કડેચા )
सोमवार, 11 अप्रैल 2016
गर्भपात करवाना गलत है, अगर इसे पढ़ कर आपके दिल की धड़कने बढ़ जाये तो शेयर अवश्य करे
गर्भपात करवाना गलत माना गया है,
कृपया इस लेख को अवश्य पढ़े और अगर इसे पढ़ कर आपके दिल की धड़कने बढ़ जाये तो शेयर अवश्य करे |
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अमेरिका में सन 1984 में एक सम्मेलन हुआ था - 'नेशनल राइट्सटू लाईफकन्वैन्शन'।
इस सम्मेलन के एक प्रतिनिधि ने डॉ॰ बर्नार्ड नेथेनसन के द्वारा गर्भपात की बनायी गयी एक अल्ट्रासाउण्ड फिल्म 'साइलेण्ट स्क्रीम' (गूँगी चीख) का जो विवरण दिया था, वह इस प्रकार है-
'गर्भ की वह मासूम बच्ची अभी 15 सप्ताह की थी व काफी चुस्त थी। हम उसे अपनी माँ की कोख मेँ खेलते, करवट बदलते व अंगूठा चूसते हुए देख रहे थे। उसके दिल की धड़कनों को भी हम देख पा रहे थे और वह उस समय 120 की साधारण गति से धड़क रहा था। सब कुछ बिलकुल सामान्य था; किन्तु जैसे ही पहले औजार (सक्सन पम्प)ने गर्भाशय की दीवार को छुआ, वह मासूम बच्ची डर से एकदम घूमकर सिकुड़ गयी और उसके दिल की धड़कन काफी बढ़गयी।
हालांकि अभी तक किसी औजार ने बच्ची को छुआ तक भी नहीं था, लेकिन उसे अनुभव हो गया था कि कोई चीज उसके आरामगाह,उसके सुरक्षित क्षेत्र पर हमला करने का प्रयत्न कररही है।
हम दहशत से भरे यह देख रहे थे कि किस तरह वह औजार उस नन्हीं-मुन्नी मासूम गुड़िया- सी बच्ची के टुकड़े-टुकड़े कर रहा था। पहले कमर,फिर पैर आदि के टुकड़े ऐसे काटे जा रहे थे जैसे वह जीवित प्राणी न होकर कोई गाजर-मूली हो और वह बच्ची दर्द से छटपटाती हुई, सिकुड़कर घूम-घूमकर तड़पती हुई इस हत्यारे औजार से बचने का प्रयत्न कर रही थी।
वह इस बुरी तरह डर गयी थी कि एक समय उसके दिल की धड़कन 200 तक पहुँच गयी! मैँने स्वंय अपनी आँखों से उसको अपना सिर पीछे झटकते व मुँह खोलकर चीखने का प्रयत्न करते हुए देखा, जिसे डॉ॰ नेथेनसन ने उचित ही 'गूँगी चीख' या 'मूक पुकार' कहा है। अंत मेँ हमने वह नृशंस वीभत्स दृश्य भी देखा, जब सँडसी उसकी खोपड़ी को तोड़ने के लिए तलाश रही थी और फिर दबाकर उस कठोर खोपड़ी को तोड़ रही थी क्योँकि सिर का वह भाग बगैर तोड़े सक्शन ट्यूब के माध्यम से बाहर नहीं निकाला जा सकता था।' हत्या के इस वीभत्स खेल को सम्पन्न करने में करीब पन्द्रह मिनट का समय लगा और इसके दर्दनाक दृश्य का अनुमान इससे अधिक और कैसे लगाया जा सकता है कि जिस डॉक्टर ने यह गर्भपात किया था और जिसने मात्र कौतूहलवश इसकी फिल्म बनवा ली थी।
उसने जब स्वयं इस फिल्म को देखा तो वह अपना क्लीनिक छोड़कर चला गया और फिर वापस नहीं आया ! —
आपका एक शेयर किसी अजन्मी बच्ची -लडकी की जान बचा सकता है!
"Save Girls "
आख़िर अपनी आत्मा को कया कहेगा
ये एक विचार है आज के दोर के tv के पाखंडी लोगो के लिए इसको अनुपम खेर जेसे चापलूस लोगो से जोड़ के ही देखेकल्पना कीजिये कि श्रीनगर एयर पोर्ट पर गांधी जी पहुँचते एनआईटी के छात्रों से मिलने और पुलिस उन्हें रोकती तो वे क्या करते ? कायरों की तरह अगली फ़्लाइट से फ़ोटो खिंचवा कर वापिस नहीं आ जाते , वे वहीं पर अपने अधिकार के लिये धरना या भूख हड़ताल पर बैठ जाते जो कि जेल तक में जारी रहता, छूटने पर या जम्मू तक छोड़ दिये जाने की सिथति में पुन: पैदल ही श्रीनगर चल देते रास्तें में कारवाँ बढ़ता रहता और मौलिक अधिकार की लड़ाई को कोर्ट कचहरी आदि में भी तब तक लड़ते जब तक कि सरकार झुक कर उन्हें एनआईटी में सादर प्रवेश नहीं करने देती । वहॉं पहुँच कर छात्रों को सत्याग्रह और अहिंसा की सीख देते और उनसे पूरे देश में मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिये आंदोलन चलाने को कहते । कम से कम १०% प्रतिशत छात्र उनके पूर्णकालिक सिपाही बन गये होते और गांधी का सत्याग्रह सरकार , पुलिस , सेना की संयुंक्त शक्ति पर भारी पड़ता। यह भी संभव है कि बजाय लौटने के वे पाकिस्तान बार्डर पर पहुँच कर सड़क रास्ते से नियमानुसार वीज़ा लेकर पाकिस्तान वाले कश्मीर पहुँच कर भारत पाक एका या महासंघ के लिये लड़ रहे होते। एक सफलता से दूसरी के लिये ज़मीन बनाना और लाखों को उसमेंजोडना कोई गांधी से सीखे , उनके तरीक़े से सीखें । कैसे एक मामूली सवाल नमक का या देशी कपड़े का चरखे के ज़रिये , एक सशक्त हथियार बना दिया था ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध । और यहॉं देखिये स्वार्थी नचनिया जोकर हवाई अड्डे से दब्बू की तरह लौट आया ! गले में पड़ा चमक हीन पद्म भूषण का तमग़ा अब बोझ ही बन जायेगा और रात में एेसे अवसरवादियों को नींद भी नहीं आती होगी । आख़िर अपनी आत्मा को कया कहेगा ? मुझे उन छात्रों की चिंता है जो अपने हाल पर छोड़ दिये जायेंगें क्यों कि स्वत:स्फूर्त उनहोंनें झंडा तो फहरा दिया लेकिन अब उनकी कोई ख़ैर ख़बर लेने वाला नहीं होगा। छ: महीने रुक कर देख लेना क्या होगा उनका ?
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